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Kanpur News: कानपुर विवि के कुलपति विनय पाठक पर FIR दर्ज, करोड़ों के कमीशन का है मामला

Kanpur News: कुलपति विनय पाठक पर आरोप है की आगरा के कुलपति पद पर रहते हुए उन्होंने बिल पास करने के नाम पर 15 प्रतिशत कमीशन लिया

Manoj Singh
Published on: 31 Oct 2022 7:11 AM IST (Updated on: 31 Oct 2022 7:11 AM IST)
Kanpur FIR registered against Kanpur University Vice Chancellor in case of crores commission
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Kanpur FIR registered against Kanpur University Vice Chancellor in case of crores commission (Social Media)

Kanpur News: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक और उनके गुर्गे अजय मिश्रा के राजधानी के इंद्रा नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. खबर है कि एसटीएफ ने अजय मिश्रा को हिरासत भी में ले लिया है. कुलपति विनय पाठक पर आरोप है की आगरा के कुलपति पद पर रहते हुए उन्होंने बिल पास करने के नाम पर 15 प्रतिशत कमीशन लिया। कुलपति पर रंगदारी मांगने, धमकी और गाली गलौज, भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक ने मुकदमा दर्ज कराया है. तहरीर में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।

इंदिरा नगर थाने में दर्ज मुकदमे में लिखा गया है की 'प्रार्थी डिजिटेक्स टेक्नालजिज इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड 3, रंजनीगंधा अपार्टमेंट गोखलेमार्ग, लखनऊ का प्रबंध निदेशक है। प्रार्थी की कम्पनी सत्र वर्ष 2014-15 से डॉ भीमराव अम्बेडकर आगरा विश्वविद्यालय का प्री एवं पोस्ट परीक्षा से संबंधित कार्य कर रही है। प्रार्थी की कम्पनी सत्र वर्ष 2019-20 तक आगरा विश्वविद्यालय के परीक्षा से संबंधित अनुबंध के तहत कार्य कर रही थी।

सत्र वर्ष 2020-21 में यूपीएल०सी० के माध्यम से डा० भीमराव अम्बेडकर आगरा विश्वविद्यालय का प्री एवं पोस्ट परीक्षा से संबंधित कार्य कर रही है। प्रार्थी की कम्पनी द्वारा सत्र वर्ष 2020-21 व 2021-2022 में किये गये कार्यों से संबंधित बिल का भुगतान आगरा विश्वविद्यालय में लंबित था। डा भीमराव अम्बेडकर आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो विनय पाठक से व्यक्तिगत तौर पर सम्पर्क कर लंबित बिलों के भुगतान हेतु अनुरोध किया, जिस पर कुलपति ने कानपुर विश्वविद्यालय स्थित आवास पर बुलाया।

प्रार्थी माह फरवरी 2022 में कानपुर विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलपति से उनके आवास पर मिला, तब कुलपति ने कहा कि मुझे बिलों के भुगतान में 15 प्रतिशत कमीशन प्राप्त होता है 15 प्रतिशत कमीशन दोगे, तब ही मैं बिल पास करूंगा। जिस प्रार्थी ने कहा कि मेरा भारी धनराशि का बिल लंबित है, जिसका जीएसटी भी जमा नहीं है। मेरे पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसा नहीं है, जिस पर कुलपति ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुये कहा कि जब तक 15 प्रतिशत कमीशन नहीं दोगे, तब तक बिल पास नहीं करूंगा, जिस तरह कानपुर विश्वविश्वविद्यालय से तुम्हारी कम्पनी को कार्य से हटा दिया हूं, उसी तरह आगरा विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों से भी तुम्हारी कम्पनी को हटवा दूंगा। तुम जानते नहीं हो, मैं कुलपति बनवाता हूं।

8 विश्वविद्यालयों में मेरे द्वारा ही कुलपति बनवाया गया है। मुझे ऊपर तक पैसा देना पड़ता है। पुनः अपशब्दों का प्रयोग करते हुये धमकी दिया कि मेरे संबंध अधिकारियों एवं माफियाओं से भी है। कहीं पर भी जाओगे, कहीं से भी आपकी कम्पनी को कोई मदद नहीं मिलेगी। मैं तुम्हारी कम्पनी को किसी भी विश्वविद्यालय में काम करने नहीं दूंगा, जिससे प्रार्थी भयभीत हो गया। काफी अनुनय विनय करने के उपरान्त भी कुलपति विनय पाठक लंबित बिलों के भुगतान हेतु तैयार नहीं हुये, तब प्रार्थी मजबूरीवश 15 प्रतिशत कमीशन देने के लिये तैयार हो गया तथा कुलपति से कहा कि इस समय मेरे पास कमीशन देने का पैसा नहीं है। आप बिल पास कर दीजिए, खाते में पैसा आते ही 15 प्रतिशत कमीशन का भुगतान कर दूंगा, इस पर कुलपति ने XLICT कम्पनी के मालिक अजय मिश्रा का मोबाइल नम्बर देकर कहा कहा कि बिल भुगतान के पश्चात अजय मिश्रा से सम्पर्क कर खुर्रमनगर लखनऊ स्थित उनके आवास पर कमीशन का पैसा पहुंचा देना. तब ही तुम्हारी कम्पनी को आगे काम करने दूंगा। कमीशन का पैसा अजय मिश्रा को कैसे दोगे, इस संबंध में अजय मिश्रा बता देगे। नगद धनराशि की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी आपकी है।

कुलपति विनय पाठक ने धमकी देते हुये कहा कि बिल पास करने के बाद अगर अजय मिश्रा को कमीशन का पैसा नहीं दोगे, तो तुम्हें जान से मरवा दूंगा। तत्पश्चात् कुलपति ने प्रार्थी के मोबाइल नंबर से एप्पल मोबाइल के फेस टाइम ऐप से अजय मिश्रा से बात कराया तथा अजय मिश्रा से बोले कि डेविट आपसे सम्पर्क करेगे, इनको बता देना कि इन्हें कमीशन का पैसा आपको कैसे देना है। प्रार्थी को हिदायत दिया कि कमीशन के संबंध में जब भी बात करना तो एप्पल मोबाइल के फेस टाइम ऐप से काल डिलीट कर देना।

उन्होंने कहा कमीशन कुल तैतीस लाख रुपये होता है। नगद तैंतीस लाख रुपये की व्यवस्था कर दीजिये. इसके उपरान्त प्रार्थी तीस लाख रुपये की व्यवस्था कर अजय मिश्रा के घर देने पहुंच.



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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