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लेखपाल भर्ती मामले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत सात पर मुकदमा दर्ज

प्रदेश में चकबंदी लेखपाल भर्ती में हुई गड़बड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष समेत सभी सात सदस्यों को आरोपित बनाया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 30 April 2019 2:36 PM IST
लेखपाल भर्ती मामले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत सात पर मुकदमा दर्ज
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लखनऊ: प्रदेश में चकबंदी लेखपाल भर्ती में हुई गड़बड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष समेत सभी सात सदस्यों को आरोपित बनाया गया है।

शासन की तरफ से सोमवार की रात को राजधानी के हजरतगंज थाने में दी गयी तहरीर में कहा गया है कि जांच के दौरान 2015-16 में हुई चकबंदी लेखपालों की भर्ती में भारी अनियमितता मिली है। इसमें तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर यादव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन सदस्य सुरेश यादव, बबीता देवी, अब्दुल आदि को आरोपित बनाया गया है।

अखिलेश यादव सरकार में चकबंदी लेखपाल के 925 अनारक्षित पदों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया था। भर्ती में अनियमितता का खुलासा होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) डॉ. प्रभात कुमार को जांच सौंपी गई थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए थे।

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इस संबंध में हजरतगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राधारमण सिंह ने मंगलवार को बताया कि शासन द्वारा सोमवार की रात प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। चकबंदी विभाग की तरफ से उपसंचालक उमेश गिरि की ओर से दी गई तहरीर में प्रमुख रूप से सामान्य सीटों पर भी ओबीसी के युवाओं को भर्ती कर लिये जाने का आरोप है। तत्कालीन अध्यक्ष के साथ ही तत्समय के सभी सात सदस्यों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।

इनमें चयन समिति में शामिल चकबंदी विभाग के अपर संचालक सुरेश सिंह यादव, सपा से विधान परिषद सदस्य संजय लाठर की बबिता लाठर, अब्दुल गनी, केशवराम, विनय श्रीवास्तव और महेश प्रसाद शामिल हैं। इनमें सुरेश सिंह यादव और प्रशासनिक अधिकारी बिहारी लाल के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार की धाराओं में पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। सुरेश सिंह यादव फिलहाल निलम्बित है।

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बता दें कि प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर यादव को अपने कार्यकाल की भर्तियों में ज्यादा अनियमितता की शिकायत के बाद पदमुक्त कर दिया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार ने लेखपाल भर्ती मामले में जांच बैठा दी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद अब मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में कई अधिकारियों पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है।



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Dharmendra kumar

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