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Chitrakoot News: जंगल में भड़क रही आग, संकट में वन्यजीवों की जान, बुझाने के लिए जूझ रहे फॉयरकर्मी

Chitrakoot News: वनकर्मी किसी तरह एक जगह आग बुझाते हैं तो किसी अन्य जंगल में आग भड़कने की सूचना उन तक पहुंच जाती है। ऐसा ही यहां दो दिनों देखने को मिल रहा है। सोमवार की शाम देवांगना हवाई पट्टी से सटे ललमट्टा जंगल में लगी आग पर देर रात वनकर्मियों ने काबू पा लिया था।

Sushil Shukla
Published on: 12 April 2023 12:56 AM IST
Chitrakoot News: जंगल में भड़क रही आग, संकट में वन्यजीवों की जान, बुझाने के लिए जूझ रहे फॉयरकर्मी
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भेड़ा और केकरामार के जंगलों में लगी आग(Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: मानिकपुर में गर्मी शुरू होते ही किसी न किसी जंगल में आग धधकती नजर आने लगती है। वनकर्मी किसी तरह एक जगह आग बुझाते हैं तो किसी अन्य जंगल में आग भड़कने की सूचना उन तक पहुंच जाती है। ऐसा ही यहां दो दिनों देखने को मिल रहा है। सोमवार की शाम देवांगना हवाई पट्टी से सटे ललमट्टा जंगल में लगी आग पर देर रात वनकर्मियों ने काबू पा लिया था। लेकिन मंगलवार की सुबह भेड़ा और केकरामार के जंगलों में आग भड़क उठी। सूचना पाकर पहुंची वनकर्मियों की टीम आग बुझाने में जुटी है।

रानीपुर टाइगर रिजर्व का है क्षेत्र

सोमवार को रानीपुर टाइगर रिजर्व के रानीपुर जंगल में आग लगी थी। जिसे वनकर्मियों ने काबू में पा लिया था। लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही मारकुंडी रेंज के मडैयन गांव के पास ललमट्टा जंगल में आग भड़क उठी। यह जंगल देवांगना हवाई पट्टी से सटा हुआ है। आग हवाई पट्टी के आसपास तक फैले, इसके पहले ही वनकर्मियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर देर रात काबू पा लिया। इसके बाद ही वनकर्मियों ने कुछ राहत महसूस की। लेकिन मंगलवार को सुबह मारकुंडी के आसपास, एमपी के बार्डर से सटे भेडा, केकरामार के जंगलों में आग भड़क उठी। जंगल से उठ रहे धुएं को ग्रामीणों ने देखा तो वन विभाग को सूचना दी। जानकारी मिलने पर वनकर्मी ग्रामीणों के साथ आग बुझाने में जुट गए। आग से वन संपदा के साथ औषधियों को नुकसान हो रहा है।

वन्यजीवों को बढ़ा खतरा, भागकर बचा रहे जान

पाठा के जंगलों में आग से सर्वाधिक वन्यजीवों को खतरा बढ़ गया है। इस समय तापमान बढ़ने के साथ ही गर्मी बढ़ी है। जिससे जंगलों में झाड़-झंखार व पत्तियां सूखकर बारुद जैसी बन गई हैं। इनमें आग की एक चिंगारी शोला बनकर काम कर रही है। बताते हैं कि जंगल में आग लगने के बाद उस पर काबू पाना मुश्किल होता है। फायर बिग्रेड की गाड़ियां भी पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां नहीं पहुंच पाती है।

ये कहते हैं अधिकारी

रानीपुर टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदीप त्रिपाठी का कहना है कि जंगल में सोमवार को दो जगह आग लगी थी। जिस पर काबू पा लिया गया था। मंगलवार को फिर से कुछ जगहों में आग लगने की सूचना है। इनमें भी काबू पा लिया गया है। महुआ बीनने के लिए पेड़ों के नीचे झाड़-झंखार जलाने के लिए कुछ लोग आग लगा रहे है। यही आग जंगलों में फैल रही है। इसके लिए सतर्कता बढ़ाई गई है। इसके साथ ही संबंधित थानों व ग्राम प्रधानों से सहयोग मांगा गया है।



Sushil Shukla

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