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Fire Incidents in Lucknow: लखनऊ में लापरवाही की आग में झुलस रही जिंदगियां, आंख मूंदे बैठे हैं जिम्मेदार विभाग

Fire Incidents in Lucknow: राजधानी की अधिकतर बिल्डिंगों और दुकानों आदि में आग से निपटने की पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कई बार राजधानी में आग लगने के बड़े हादसे हो चुके हैं ।

Sunil Mishraa
Published on: 1 Feb 2023 5:26 PM IST
Know when the incidents happened in Lucknow and who is responsible
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लखनऊ में अग्निकांड के मामले जानें कब हुई घटनाएं कौन हैं जिम्मेदार: Photo Social Media

Fire Incidents in Lucknow: राजधानी के बादशाह नगर स्थित कॉम्प्लेक्स में मंगलवार रात भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में एक युवक जिंदा जल गया। 25 लोगों को किसी तरह मौत के मुहाने से निकाला गया। जांच में पता चला कि इस बिल्डिंग में न ही अग्निशमन उपकरण मौजूद थे और न ही फायर एग्जिट के वैकल्पिक मार्ग। न सिर्फ यह कॉम्पलेक्स बल्कि राजधानी की अधिकतर बिल्डिंगों और दुकानों आदि में आग से निपटने की पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कई बार राजधानी में आग लगने के बड़े हादसे हो चुके हैं, इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग नींद से नहीं जाग रहा है।

इससे पहले सितंबर में हजरतगंज के लेवाना होटल में ऐसी ही भीषण आग लगी थी। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। जांच में इस होटल में भी अग्नि सुरक्षा के मानक पूरे नही पाए गए थे।

कारोबारियों ने कहा- बाजारों में जर्जर तार बदले नहीं जा रहे-

चौक, अमीनाबाद, यहियागंज, नक्खास, गुरुनानक मार्केट, नाजा, प्रिंस मार्केट और चारबाग एरिया में बनी करीब 16 हजार से अधिक दुकानें फायर के मानकों की अनदेखी कर चल रही हैं। कारोबारियों के अनुसार बाजारों में जर्जर तार बदले नहीं जा रहे हैं। फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी इस समस्या को मान चुके हैं। रोज इन बाजारों में 5 लाख के करीब लोग आते हैं। तीन साल पहले मुमताज मार्केट में आग लगने से करोड़ों का नुकसान हुआ था और जनहानि भी हुई थी। इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग नहीं चेत रहा है।

एक बार बड़े हादसों पर नजर

9 दिसंबर 2022: चारबाग के बेस्ट बिरियानी रेस्टोरेंट में आग लगने से एक युवक की जिंदा जलकर मौत हो गई।

5 सितंबर 2022: हजरतगंज में लेवाना सुईट्स होटल में हुए अग्निकांड में 4 लोगों की मौत हो गई।

2 अप्रैल 2021: ऐशबाग में अवैध आरामशीन में अग्निकांड के दौरान मजदूर की जिंदा जलकर मौत।

23 जनवरी 2021: आलमबाग पकरी का पुल के पास घर के बेसमेंट में चल रहे टेंट गोदाम में आग लगी। दो मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हुई।

6 मार्च 2021: बीकेटी में बिंदेश्वरी कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस रिसाव से दो मजदूरों की मौत हुई और आधा दर्जन से अधिक घायल हुए।

30 अप्रैल 2019: देर रात इंदिरानगर के तकरोही में घनी बस्ती में बने टीएन सिंह के मकान में संचालित गैस चूल्हा गोदाम में आग लगी थी। जिसमें एक मासूम बच्चे समेत पांच लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।

04 अप्रैल 2018: हुसैनाबाद की फातिमा कॉलोनी रिहायशी इलाके में स्थित एक गैस वेल्डिंग और लोहे की टंकी बनाने वाले कारखाने में गैस रिसाव से करीब सात लोग गंभीर हो गए थे।

19 जून 2018: चारबाग स्थिति होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में हुए भीषण अग्निकांड में सात लोगों की जान चली गई थी।

27 नवंबर 2017: ऐशबाग रोड हैदरगंज चौराहे के पास आबादी में हरियाणा कोल्ड स्टोरेज में भीषण आग लगी थी। तीन दिन बाद आग पर काबू पाया जा सका था। अग्निकांड के दौरान भीषण धुंए के कारण आस पास फ्लैटों में रह रहो लोग घर छोड़कर चले गए थे।

31 अक्टूबर 2016: अलीगंज रिहायशी इलाके में स्थिति साहू एजेंसीज के गोदाम में भीषण अग्निकांड हुआ था। दो दिन बाद दीवार को ध्वस्त करके आग पर काबू पाया जा सका था।

11 मार्च 2016: अमीनाबाद की सबसे घनी बाजार मुमताज मार्केट में भीषण आग लग गई थी। तीन दिन बाद आग पर काबू पाया जा सका था। करीब 70 दुकानें जली थीं।

ये विभाग हैं जिम्मेदार

राजधानी में हुए इन अग्निकांड के पीछे कई विभाग जिम्मेदार है, जो हर बार घटना होने पर सक्रिय नजर आते है और फिर आंख मूंद लेते है।

बिजली विभाग: कोचिंग काम्प्लेक्स में बिजली के तारों का जाल फैला है। बिजली विभाग की जिम्मेदारी इन्हें ठीक करने की है, लेकिन विभाग कभी निरीक्षण करने नहीं पहुंचता।

नगर निगम व एलडीए: किसी भी बिल्डिंग में निर्माण कार्य व लाइसेंस चेक करना नगर निगम व एलडीए की जिम्मेदारी होती है। समय समय पर वह चेकिंग करें तो बिल्डिंग के हालत का खुलासा हो सकता है।

जिला प्रशासन: जिला प्रशासन की ओवर ऑल जिम्मेदारी है। कोई भी बिल्डिंग रहने लायक है या कामर्शियल बिल्डिंग में मानकों को पूरा गया है या नहीं।

फायर डिपार्टमेंट: कामर्शियल-रेजीडेंशियल बिल्डिंग के सुरक्षा मानकों व फायर की जिम्मेदारी फायर डिपार्टमेंट की है। हालांकि फायर डिपार्टमेंट ने करीब 300 ऐसी बिल्डिंग संचालकों को नोटिस भेजा है।

क्या होने चाहिए कमर्शियल बिल्डिंग के लिए मानक

कमर्शियल बिल्डिंग के लिए मानक तय किए गए है, इनमें सैट बैक (मोटरेबल), सैट बैक (भवन की ऊंचाई के हिसाब से वर्किंग स्पेस), फायर एग्जिट, पलायन मार्ग की स्पष्टता, पलायन मार्ग की डिस्टेंस, वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था, आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था और बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था होनी आवश्यक है।

वहीं बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए फायर एक्सटिंग्यूशर, डाउन कमर सिस्टम, यार्ड हाईडेंट सिस्टम, आटोमेटिक स्प्रिंकलर्स सिस्टम, आटोमैटिक डिटेक्शन एवं अलार्म सिस्टम, मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट फायर अलार्म सिस्टम, अंडरग्राउंड वाटर टैंक और ओवरहेड वाटर टैंक होने चाहिए।

क्या कहते है अधिकारी?

मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार बताते है कि, सरकार फायर सेफ्टी को लेकर गंभीर है, इसी के तहत अधिनियम में बदलाव करते हुए मॉडल एक्ट लागू किया गया है। लेवाना अग्निकांड के बाद से ही नए सिरे से ऐसी बिल्डिंग का चिन्हीकरण किया गया है, जो फायर सेफ्टी को दरकिनार करते है।

मंगलवार को जिस बिल्डिंग में आग लगी थी, वहां क्या क्या उपकरण लगे थे, फायर सेफ्टी के लिए व्यवस्था थी कि नही इसकी जांच की जा रही है। अगर जांच में खामियां पाई जाती है तो बिल्डिंग को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।



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Shashi kant gautam

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