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Newstrack की पड़ताल: बच्चों के भविष्य के साथ शिक्षक कर रहे खिलवाड़, विद्यालयों से अनुपस्थित और वेतन हर महीना

Firozabad: कोई शिक्षक 15 दिन बाद तो कोई 2 महीने बाद, कोई 2 साल बाद आता है, लेकिन ऐसे स्कूलों में, विद्यालयों में लगातार उनकी अटेंडेंस लगाई जाती है और वेतन हर महीने पूरा मिलता है।

Brajesh Rathore
Published on: 21 April 2022 4:23 PM IST
Newstrack Explores: Teachers are playing with the future of children, absent in schools and salary every month
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फ़िरोज़ाबाद: विद्यालयों में अनुपस्थित और वेतन हर महीना 

Firozabad News: उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं का पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। राजमल के शिक्षक विकासखंड टूंडला के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक, बता दें कि यहां विद्यालयों का बहुत बुरा हाल है। शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी सब गोलमाल-गोलमाल खेलने में लगे हुए हैं।

आपको बता दें कि कोई शिक्षक 15 दिन बाद आता है तो कोई शिक्षक 2 महीने बाद, तो कोई शिक्षक 2 साल बाद आता है और कोई कोई शिक्षक तो 8 साल तक आता ही नहीं, लेकिन ऐसे स्कूलों में, ऐसे विद्यालयों में लगातार उनकी अटेंडेंस लगाई जाती है। सबसे खास बात यह है कि उनकी अटेंडेंस को उनका प्रधानाध्यापक अप्रूव भी कर देता है । अप्रूवल (approval) के बाद उसका उच्चाधिकारी भी अप्रूव कर देता है। उसके बाद लगातार सैलरी उसके खाते में आ जाती है । यह सब गोलमाल के जुगाड़ के सेटिंग के आधार पर होता है।

Newstrack.Com की पड़ताल

इसी मामले को लेकर आज Newstrack.Com की टीम ने तेजतर्रार बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल के साथ टूंडला विकासखंड के कई विद्यालयों का निरीक्षण किया जिसमें कई विद्यालय बंद पाए गए और शिक्षक भी अनुपस्थिति पाए गए।

राजमल में 7:55 पर भी विद्यालय बंद मिला उसके बाद भी प्राथमिक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजमल के एक भी अध्यापक विद्यालय में नहीं आया था जिससे बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल का पारा हाई हो गया।


मध्यान्ह भोजन में बच्चों को केवल नमकीन चावल ही खिलाए जाते हैं- स्थानीय अभिभावक

उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिया, साथ ही उन्होंने मध्यान्ह भोजन के बारे में विद्यालय के पास निवास कर रहे लोगों से व अभिभावकों से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि यहां पर कभी भी न फलों का वितरण होता है ना दूध का वितरण होता है, केवल बच्चों को नमकीन चावल ही खिलाए जाते हैं।

तेजतर्रार बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल ने रसोई का निरीक्षण किया तो उन्हें केवल नमक का पैकेट ही मिला। सबसे खास और अहम बात तो यह रही कि लोगों द्वारा बताया गया कि शिक्षामित्र नीता सिंह की शादी लगभग 8 साल पहले हो चुकी है, वह कभी स्कूल नहीं आती और उसकी उपस्थिति रजिस्टर पर लगातार दर्ज की जाती है। इस बाबत अंजलि अग्रवाल ने वहां पर पूछताछ की तो पता चला कि नीता सिंह विद्यालय कभी आती ही नहीं हैं।

प्रधानाध्यापक खुद ही आते हैं लेट-लतीफ़

इसी क्रम में इसी ब्लॉक का उच्च प्राथमिक विद्यालय रजापुर में एक सहायक अध्यापिका दीप्ति निगम की लगातार शिकायत के बाद वहां का निरीक्षण किया गया। वहां भी अध्यापिका दीप्ति निगम अनुपस्थित पाई गई और लगातार न आने की पुष्टि भी हुई। प्रधानाध्यापक अशोक कुमार भी 9:00 बजे विद्यालय में अपनी मोटरसाइकिल से पहुंचते हुए दिखाई दिए ।


दबंग शिक्षक अपनी जुगाड़ से रहते हैं अनुपस्थित

विकासखंड टूंडला में खंड शिक्षा अधिकारी राजेश चौधरी की मिलीभगत से घालमेल चल रहा है विभाग में तैनात दबंग शिक्षक अपनी जुगाड़ से और साहब की मोटी रकम से जेब गर्म कर अपनी तनख्वाह पाते रहते हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जाती है।

बता दें कि राजमल में छात्र-छात्राओं का नामांकन 200 से ऊपर है, जब कि रोजाना छात्रों की उपस्थिति 20 से 33 ही होती है। लेकिन वहां की प्रधानाध्यापक गुंजन दीक्षित मध्यान्ह भोजन में जो शासन को रिपोर्ट जाती है उसमें संख्या डेढ़ दशक से भी ऊपर चढ़ाती हैं इससे साफ स्पष्ट होता है कि गुंजन दीक्षित सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को पलीता लगाने का कार्य कर रही है ।

नीता सिंह पिछले 7-8 साल से विद्यालय नहीं आ रही हैं, वेतन मिल जाता है-ग्रामीणों के अनुसार

राजमल के ग्रामीणों के अनुसार और बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल के निरीक्षण के अनुसार शिक्षामित्र नीता सिंह पिछले 7-8 साल से विद्यालय नहीं आ रही हैं और उनका लगातार वेतन निकाला जा रहा है । अभी तक नीता सिंह के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नही की गई है ।

इसी विकासखंड, रजापुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में दीप्ति निगम सहायक अध्यापिका के बारे में ग्रामीणों ने बताया है यह भी दो-तीन महीने में एक बार विद्यालय आती हैं और साइन करके निकल जाती हैं।

इनके ऊपर कानूनी कार्यवाही कब?

सबसे बड़ा सवाल आखिर ऐसे निरंकुश शिक्षकों, शिक्षिकाओं, शिक्षामित्रों, कर्मचारियों और अधिकारियों पर जो गोलमाल के सेटिंग के जुगाड़ के घिनौने कृत्य में लिप्त हैं, इनके खिलाफ कब कानूनी कार्यवाही और कब दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी?

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Shashi kant gautam

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