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Firozabad News: हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति डा गौतम चौधरी ने किया राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन

Firozabad News: न्यायमूर्ति डा गौतम चौधरी ने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व के विषय में बताते हुए कहा कि पहले पंचायतों की परम्परा थी और घर के विवाद घर के बड़े बुजुर्ग आपसी समझौता कराकर समाप्त करा देते थे।

Brajesh Rathore
Published on: 14 Sept 2024 8:39 PM IST
Administrative Justice of High Court Dr. Gautam Chaudhary inaugurated the National Lok Adalat
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हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति डा गौतम चौधरी ने किया राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन: Photo- Newstrack

Firozabad News: उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद के न्यायालय में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देशन में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रशासनिक न्यायूमर्ति डा गौतम चौधरी, जज, माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करते हुए किया गया।

इस अवसर पर प्रशासनिक न्यायमूर्ति डा० गौतम चौधरी ने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व के विषय में बताते हुए यह संदेश दिया कि बहुत छोटे छोटे कारणों से विवाद होते हैं। पहले पंचायतों की परम्परा थी और घर के विवाद घर के बड़े बुजुर्ग आपसी समझौता कराकर समाप्त करा देते थे। वही परम्परा आज लोक अदालत के पर्व के रूप में मनायी जाती है।

छोटे-छोटे विवादों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से होने से बडे विवादों और जघन्य अपराधों से सम्बन्धित मुकदमों का निस्तारण करने में न्यायालय के समय का सदुपयोग होगा। अगर देश को समृद्ध बनाना है तो पंचायती व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान होगा।



सभी भाषायें मौसी हैं और हिन्दी माता है

आज हिन्दी दिवस के अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति द्वारा सभी को शुभकामनायें और यह संदेश दिया गया कि सभी भाषायें मौसी हैं और हिन्दी माता है। मौसियों का भी सम्मान बना रहे परन्तु माँ का सर न झुके। यह ध्यान रहे कि अंग्रेजी या अन्य भाषाओ को जानते जानते हम हिन्दी को न भुला दें। साधारण व्यक्ति को अपनी भाषा में न्याय मिलना चाहिए और न्याय मिलते हुए दिखना भी चाहिये।

जिस प्रकार हवन में सभी की आहूति होती है उसी प्रकार लोक अदालत की सफलता में सभी का योगदान होता है। प्रशासनिक न्यायमूर्ति डा० गौतम चौधरी ने परिवार न्यायालय में विचाराधीन मामलों में पारिवारिक मतभेदों को और विवादों को समाप्त कर दम्पत्तियों को एक साथ रहने के लिए प्राेत्साहित किया। 15 दम्पत्तियों ने आपसी मतभेदों को समाप्त कर एक दूसरे को फूलों की माला पहना कर नई शुरूआत करने का निर्णय लिया। प्रशासनिक न्यायमूर्ति ने इन दम्पत्तियों को आर्शीवाद दिया। सभी जोडे आर्शीवाद प्राप्त कर हंसते मुस्कारते हुए न्यायालय से वापस अपने घर गये।

जनपद न्यायाधीश हरवीर सिंह ने प्रशासनिक न्यायमूर्ति डा० गौतम चौधरी के आगमन पर न्यायिक परिवार कीओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। जनपद न्यायाधीश द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित करने के लिए न्यायिक अधिकारियों को प्राेत्साहित किया।

प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फिरोजाबाद पीयूष सिद्घार्थ ने अवगत कराया कि न्यायमूर्ति द्वारा हिन्दी को बढावा देने के लिए माननीय उच्च न्यायालय में 21 हजार से भी ज्यादा मुकदमों का निस्तारण हिन्दी भाषा में किया है जो कि अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि व रिकार्ड है।

सचिव द्वारा प्राधिकरण की उपलब्धियों के विषय में जानकारी दी गयी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद गरीब, असहाय, वंचित वर्ग के लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहता है।

जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, तहसील एवं ब्लाक स्तर पर अधिकारियों का अपेक्षित सहयोग दिये जाने के लिए जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सर्वेश कुमार पाण्डेय- द्वारा किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल135195 वादों का निस्तारण किया जिसमें अर्थदण्ड व समझाैता राशि कुल मु० 249543672/- रू० है। इनमें से मुख्यतः जनपद न्यायालय द्वारा 31087 वाद, परिवार न्यायालयों द्वारा 114 वाद, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 13 वादों का निस्तारण किया गया जिसकी समझौता राशि मु० 8329000/- रू० है। राजस्व न्यायालय द्वारा 38221 वाद, बैंक द्वारा वसूली योग्य 1449 वादों में 209011000/- रू० की धनराशि का सैटलमेंट किया गया। अन्य विभागों द्वारा 64438 वाद निस्तारित किये गये।

इस अवसर पर उपस्थित रहे

कार्यक्रम में हरवीर सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद, पीठासीन अधिकारी, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अरविन्द कुमार सिंह-।।, जिलाधिकारी रमेश रंजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक साैरभ दीक्षित, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम बदन राम, जेल अधीक्षक अरूण कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक (शहर) रवि शंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।



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Shashi kant gautam

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