TRENDING TAGS :
Firozabad News: अवैध वसूली को लेकर आटो चालकों ने की हड़ताल, यात्री हुए परेशान
Firozabad News: ऑटो चालकों का आरोप है कि पालिका द्वारा रसीद काटी जाती है। लेकिन हर छह माह बाद पालिका ठेकेदारों को बदल देती है, जिससे जो नया ठेकेदार आता है, वह जबरन वसूली करने लगता है
Firozabad News: उत्तर प्रदेश के जनपद फ़िरोज़ाबाद जिले के शिकोहाबाद स्टेशन से सुभाष तिराहा, एटा चौराहा, और मैनपुरी चौराहा से सवारियां लेकर चलने वाले ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने पालिका की ओर से अवैध वसूली को लेकर हड़ताल कर दी। चालकों ने नहर पुल पर अपने ऑटो और ई-रिक्शा खड़े कर दिये। पालिका द्वारा की जा रही वसूली के विरोध में नारेबाजी भी की। इस दौरान जो ऑटो और ई-रिक्शा सवारियां लेकर आ रहे थे, उन्हें रोक कर सवारियों को उतार दिया गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जबरन वसूली से नाराज हैं ऑटो और ई-रिक्शा चालकों
ऑटो चालकों का आरोप है कि पालिका द्वारा रसीद काटी जाती है। लेकिन हर छह माह बाद पालिका ठेकेदारों को बदल देती है, जिससे जो नया ठेकेदार आता है, वह जबरन वसूली करने लगता है और ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को अनावश्यक रूप से परेशान करते हैं। जो विरोध करता है उसके साथ मारपीट की जाती है। जबरन अवैध वसूली के विरोध में ही सभी चालकों ने हड़ताल की। मांग की है कि पालिका द्वारा अवैध वसूली ना कराई जाए। एक घंटे बाद चालकों ने हड़ताल को समाप्त कर दिया।
ऑटो चालक का कहना है कि पालिका साल में दो बार पर्ची काटती है। जिससे उन्हें अधिक रुपया देना पड़ता है। इसके बाबजूद कुछ लोग अवैध वसूली भी करते हैं। उसका कहना है कि कुछ चालक तो भाड़े पर वाहन लेकर आते हैं और मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। लेकिन पालिका साल में दो-दो बार पर्ची काट कर उनका दोहन कर रही है। जो शीघ्र बंद होना चाहिए।
महेंद्र ऑटो चालक
ऑटो एवं ई-रिक्शा चालकों का पालिका उत्पीड़न कर रही है। चालकों से जबरन वसूली की जा रही है। जो नहीं देता है अथवा विरोध करता है तो उनके साथ मारपीट तक की जाती है। जो गलत है। एसा नहीं होना चाहिए। जब एक बार पूरी साल का पैसा जमा करा दिया जाता है तो दोवारा क्यों पर्ची काटी जाती है।
प्रभूदयाल ऑटो चालक
ऑटो-ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल से बहुत परेशानी हो रही है। वह स्टेशन से मैनपुरी चौराहा के लिए बैठी थीं। लेकिन चालकों ने उनके ऑटो को नहर पुल पर ही रोक लिया और खड़ा करा दिया। अब वह आगे कैसे जाएं। चालकों की मांगों को मान कर यात्रियों को परेशानी से बचाया जाए।
शांतिदेवी यात्री
ऑटो और ई-रिक्शा चालक गरीब तबके के लोग हैं। यह बेचारे किराये पर ऑटो लेकर आते हैं और पूरे दिन कड़ी मेहनत करके परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाते हैं। इनसे अवैध रूप से वसूली करना गलत है। पालिका प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।