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Loksabha Election 2024: फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को इस बार भी मिलेगी सफलता? जानिए कैसे

Loksabha Election 2024 Firozabad Seats Details: सपा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने वर्तमान सांसद डॉ. चंद्रसेन जादौन का टिकट काटकर ठाकुर विश्वदीप सिंह पर दांव लगाया है। वहीं बसपा ने बशीर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 22 April 2024 12:11 PM IST (Updated on: 23 May 2024 7:54 PM IST)
Loksabha Election 2024: फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को इस बार भी मिलेगी सफलता? जानिए कैसे
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Loksabha Election 2024: यूपी का फिरोजाबाद शहर अपनी चूड़ियों की खनक और कांच उद्योग के लिए दुनियाभर में मशहूर है। फिरोजाबाद लोकसभा की हॉट सीट में गिनती होती है। यहां से सपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सांसद रह चुके हैं। इस नाते इसको समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत सपा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने वर्तमान सांसद डॉ. चंद्रसेन जादौन का टिकट काटकर ठाकुर विश्वदीप सिंह पर दांव लगाया है।

वहीं बसपा ने बशीर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो इस सीट पर दिलचस्प लड़ाई देखने को मिला था। इस चुनाव में यादव परिवार में कलह के चलते चाचा और भतीजा आमने-सामने दिखे थे। भाजपा के डॉ. चंद्रसेन जादौन ने बसपा और सपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे अक्षय यादव को 28,781 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में डॉ. चंद्रसेन जादौन को 4,95,819 और सपा के अक्षय यादव को 4,67,038 वोट मिले थे। जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से शिवपाल सिंह यादव को 91,869 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो मोदी लहर के दौरान सपा के अक्षय यादव ने भाजपा के उम्मीदवार प्रो. एसपी सिंह बघेल को 1,14,059 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में अक्षय यादव को 5,34,583 और प्रो. एसपी सिंह बघेल को 4,20,524 वोट मिले थे। जबकि बसपा के ठाकुर विश्वदीप सिंह को 1,18,909 और कांग्रेस के अतुल चतुर्वेदी को महज 7,447 वोट मिले थे।


यहां जानें सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के बारे में


सपा उम्मीदवार अक्षय यादव का संबंध सैफई परिवार से है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव का जन्म 25 अक्टूबर 1986 को इटावा में हुआ था। उनके पिता रामगोपाल यादव राज्यसभा सांसद हैं। अक्षय की मां फूलन देवी का अगस्त 2010 में निधन हो गया। उनकी एक बहन और एक भाई है। अक्षय ने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी और गाजियाबाद के दीप मेमोरियल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है। उनकी शादी 10 फरवरी 2010 को डॉ. ऋचा यादव से हुई थी। अक्षय यादव लगातार फिरोजाबाद की राजनीति में सक्रिय बने हुए हैं और चुनाव की गतिविधियों के साथ-साथ पार्टी के कामों को करते रहते हैं।

ठाकुर विश्वदीप सिंह बसपा के टिकट पर भी लड़ चुके हैं चुनाव


भाजपा उम्मीदवार ठाकुर विश्वदीप सिंह की पहचान उद्यमी एवं शिक्षाविद के रूप में होती है। विश्वदीप सिंह के पिता ठाकुर बृजराज सिंह 1957 से 1962 तक सेसोपा से सांसद रहे हैं। ठाकुर विश्वजीत सिंह ने इससे पहले 2014 में लोकसभा का चुनाव बसपा से लड़ा था। जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें 1,18,909 वोट मिले थे। उस चुनाव में सपा उम्मीदवार अक्षय यादव को जीत मिली थी।

यहां जानें फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के बारे में

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 20 है।

यह लोकसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया था।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र का गठन फिरोजाबाद जिले के टूंडला, जसराना, शिकोहाबाद, सिरसागंज और फिरोजाबाद विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा और 3 पर सपा का कब्जा है।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,90,510 मतदाता हैं। जिनमें से 8,26,024 पुरुष और 9,64,395 महिला मतदाता हैं।

फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,76,574 यानी 60.13 प्रतिशत मतदान हुआ था।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

कभी फिरोजाबाद शहर का नाम चन्द्वार था। लेकिन फिरोज शाह मंसब डार की ओर से साल 1566 में मुगल बादशाह अकबर के दौर में फिरोजाबाद नाम कर दिया गया। बताया जाता है कि राजा टोडरमल इस शहर से होते हुए गया की तीर्थयात्रा को निकले थे। लेकिन रास्ते में लुटेरों ने उन्हें लूट लिया। उनके कहने पर अकबर ने अपने मंसबदार फिरोज शाह को यहां पर भेजा और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम पड़ गया। फिरोज शाह की कब्र यहीं पर मौजूद है। बाद में बाजीराव पेशवा ने फिरोजाबाद और अहमदपुर को लूट लिया। साल 1737 में मोहम्मद शाह के शासनकाल में महावानों के जाट लोगों के गुट ने फिरोजाबाद में फौजदार हाकिम काजीम पर हमला कर 9 मई, 1739 को उसकी हत्या कर दी और यहां पर कब्जा जमा लिया। जाट लोगों ने फिरोजाबाद पर 30 साल तक शासन किया। ब्रिटिश शासन के दौर में फिरोजाबाद शहर इटावा जिले में हुआ करता था। लेकिन बाद में यह अलीगढ़ जिले से जुड़ गया। 1832 में सदाबाद को जब नया जिला बनाया गया तो फिरोजाबाद को इससे जोड़ दिया गया। लेकिन 1833 में फिरोजाबाद फिर आगरा से जुड़ गया। 1929 व 1935 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने, फिर 1935 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने और 1940 में नेताजी सुभाष चंद बोस ने फिरोजाबाद का दौरा किया था। वहीं अगर फिरोजाबाद लोकसभा सीट की राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1957 में हुए पहले चुनाव में सामान्य सीट होने के कारण यहां से ब्रजराज सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के चौधरी रघुवीर सिंह को करीब 23,000 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। फिर 1962 में कांग्रेस के शंभूनाथ चतुर्वेदी सांसद चुने गए। लेकिन 1967 से यह सीट सुरक्षित हो गई थी। इसके बाद यह सीट लगातार चार दशक तक आरक्षित रही।

इस सीट पर 1991 में पहली बार खिला कमल

फिरोजाबाद के लोग स्वतंत्र ख्यालातों के रहे हैं और किसी एक पार्टी के साथ परमानेंट रिश्ता बनाना कभी गवारा नहीं किया। यही वजह है कि हर 5 साल में यहां के लोग पार्टी और चेहरा दोनों बदलते रहे हैं। हालांकि 1991 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रभु दयाल कठेरिया ने इस परंपरा को तोड़ा और फिर इस सीट पर लगातार जीत की हैट्रिक लगाई। उसके बाद से फिरोजाबाद सीट पुरानी परंपरा पर लौट आई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बनने से पहले 2009 में फिरोजाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर सांसद बने। हालांकि, 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद कांग्रेस नेता राजबब्बर वहां से चुनाव जीत गए। फिर 2014 में प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को सपा ने इस सीट से उतारा, जिसमें अपने खास वोट बैंक की मदद से जीत हासिल की थी।

फिरोजाबाद लोकसभा में जातीय समीकरण

फिरोजाबाद लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 3,50,000 बताई जाती है। इसके बाद यादव और जाट मतदाता की संख्या आती है। इनकी संख्या करीब 3,00,000- 3,00,000 बताई जाती है। राजपूत, ब्राह्मण , दलित, वैश्य समेत बाकी जातियां भी यहां पर ठीक-ठाक संख्या में हैं। हालांकि यादव, मुस्लिम समीकरण इस सीट को सपा का गढ़ बनाने में मदद करता है।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • निर्दल ब्रजराज सिंह 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शिव चरण लाल 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से छत्रपति अम्बेश 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से राम जी लाल सुमन 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • निर्दल राजेश कुमार सिंह 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से गंगा राम 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से राम जी लाल सुमन 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से प्रभु दयाल कठेरिया 1991, 1996 और 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से राम जी लाल सुमन 1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से अखिलेश यादव 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राज बब्बर 2012 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से अक्षय यादव 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से डॉ. चंद्रसेन जादौन 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।


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Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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