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Firozabad Blast News: फैलने लगी सड़ांध, अब फैलेगी महामारी, मलवे में दबे जानवरों को अब तक नहीं निकला
Firozabad Blast News: गांव में विस्फोट के बाद जहां राहत कार्य और क्षतिपूर्ति कार्य का आंकलन चल रहा है। वहीं घटना के पाँच दिन बाद भी अभी तक मलवा को नहीं हटाया गया है। जिससे मलवे के नीचे दवे हुए पशुओं से दुर्गंध भी उठने लगी है
Firozabad Blast News: जिले के थाना क्षेत्र के शिकोहाबाद। नौशहरा गांव में पटाखों के गोदाम में विस्फोट होने के बाद पांच लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि दस लोग घायल हो गये। इसके साथ ही घरों में बंधे पशुओं की भी मृत्यु हुई थी। जिसमें से कुछ पशुओं को निकाल लिया था, लेकिन कुछ पशु अब भी मलवे में दबे हुए हैं। जिनसे अब दुर्गंध उठना शुरू हो गई है। शुक्रवार को कुछ लोग वहां पहुंचे तो मलवे से आ रही दुर्गंध से परेशान रहे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मलवे में दबे पशुओं को निकालने की मांग की है, अन्यथा की स्थित में गांव में बीमारी फैलने की आशंका है।
गांव में विस्फोट के बाद जहां राहत कार्य और क्षतिपूर्ति कार्य का आंकलन चल रहा है। वहीं घटना के पाँच दिन बाद भी अभी तक मलवा को नहीं हटाया गया है। जिससे मलवे के नीचे दवे हुए पशुओं से दुर्गंध भी उठने लगी है।स्थानीय लोगों का कहना है कि मलवे में कुछ पशुओं के शव दबे हुए हैं। जिनके सड़ने से अब दुर्गंध फैल रही है। अगर मलवे से पशुओं के शवों को नहीं निकाला गया तो गांव में बीमारी भी फैल सकती है। शुक्रवार को जेसीबी नहीं चली। पीडब्लूडी विभाग की निगरानी में जो मकान गिरने की स्थिति में थे, उन्हें ढहा दिया गया। लेकिन जेसीबी ने ध्वस्त हुए मकानों के मलवे को नहीं हटाया है। जिससे उसके नीचे दवे पशु अब लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
शुक्रवार को भी प्रशासन की टीम गांव में सर्वे करती रही। चिकित्सकीय टीम ने शिविर लगाकर पीड़ितों का परीक्षण किया। उन्हें दवा बांटी। इसके साथ ही राजनीतिक लोगों का भी गांव में आना-जाना लगा हुआ है। ग्रामीण एवं पीड़ित लोग राहत के नाम पर फोटो खींचने वालों का विरोध कर रहे हैं। जिसके बाद से अब बाहर के लोग राहत पहुंचाने नहीं जा रहे हैं। गांव के ही राशन डीलर पीड़ित परिवारों के भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं बीती रात खेत में मिले पटाखों के 13 कार्टूनों के बाद पुलिस अब गांव में और पटाखों के होने की आशंका व्यक्त कर रही है। इसके साथ ग्रामीण पीड़ित परिवारों को प्रशासन और शासन से अतिशीघ्र आर्थिक मदद दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। जिससे लोग अपने घरों में लौट सकें और जीवन व्यतीत कर सकें।