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Firozabad News: रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों के लिए बनी अभिशाप, आये दिन मर रहे लोग

Firozabad News: प्रशासन के लोग आस्वासन देकर वोट मांग देते हैं । पर हालात जस के तस बने हुए हैं। रेलवे विभाग की लापरवाही ग्रामीणो की मौत का कारण बानी हुई है।

Brajesh Rathore
Published on: 17 Dec 2024 12:55 PM IST
Firozabad News: रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों के लिए बनी अभिशाप, आये दिन मर रहे लोग
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रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों के लिए बनी अभिशाप  (photo: social media )

Firozabad News: फ़िरोज़ाबाद जिले के शिकोहाबाद रेलवे स्टेशन के पास बसे नीम खेरिया गाँव में रेलवे ट्रेक पर अंडर पास न होने के कारण ग्रामीणों की आयेदिन ट्रैन की चपेट में आने से मौत का शिकार हो रहे हैं । इस गाँव के पास पूर्व में रेलवे गेट था जिसे रेलवे ने बंद कर दिया है । जिसके चलते ग्रामीण शिकोहाबाद आने जाने के लिए रेलवे लाइन पार करके जाने को मजबूर हैं । जिससे आये दिन हादसे भी होते रहते हैं । अंडर पास की मांग को लेकर कई बार रेलवे के बड़े अधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग करते रहे हैं ।

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव हर चुनाव में ग्रामीण अंडर पास की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार भी करते हैं । तब प्रशासन के लोग आस्वासन देकर वोट मांग देते हैं । पर हालात जस के तस बने हुए हैं। रेलवे विभाग की लापरवाही ग्रामीणो की मौत का कारण बानी हुई है।

बुजुर्ग महिला की ट्रैन की चपेट में आने से मौत

रेलवे ट्रेक पर ट्रेन से मौत का सिलसिला आज फिर दिखाई दिया । आज सुबह शौच को जाते एक बुजुर्ग महिला किरन देवी की भी ट्रैन की चपेट में आने से मौत हो गयी । जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया । परिजनों ने रेलवे विभाग की कार्यवाही से बचने के लिए आनन फानन में बुजुर्ग महिला का अन्तिम सांस्कार भी कर दिया है। नीम खेरिया गाँव के ग्रामीण रेलवे विभाग के अधिकारियो के भय से ट्रेन से हो रही मौत के बाद शव का नहीं कराते पोस्टमार्टम । ट्रैन की चपेट में आने से कुछ समय में हीकरा देते हैं अंतिम संस्कार।

ग्राम प्रधान प्रेमपाल सिंह यादव का कहना है कि रेलवे स्टेशन से पाँच सौ मीटर है । पहले गाँव पर गेट नम्वर 52 था, जिसको रेलवे ने बंद कर दिया । टाटा की निजी लाइन डाली गयी, जिसमे कई मकान गाँव के तोड़े गये । लाइन से गाँव सटा हुआ है । गाँव से स्टेशन आने को माधवगंज से जाना पड़ता है । पाँच किलोमीटर चक्कर लगाना पड़ता है ।

दूसरा रास्ता छींछा मई अंडर पास तीन किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है । गाँव के बीच से रेलवे लाइन निकली है । एक तरफ जूनियर हाई स्कूल तो दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय । बच्चे रेलवे लाइन क्रास जान जोखिम में डाल कर करते है । कई बार रेलवे अधिकारियो से शिकायत की गई , चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया , सुनवाई नहीं हाई । कई माताओ की गोद उजड़ गयी, कई महिलाओ का सिंदूर । कोई सुनता नहीं हुई । बार बार झूठा आश्वासन मिलता है । ग्रामीण बे मौत मारे जा रहे है । रेलवे अधिकारी कहते है रेलवे लाइन पर कोई कटा तो वहुत बड़ा जुर्माना वसूला जायेगा इसलिए ग्रामीण ट्रैन की चपेट में आने के बाद तत्काल अंतिम संस्कार कर देते है ।

समाज सेवी रामप्रकाश गुप्ता का कहना है उन्होंने जब भी रेलवे अधिकारी आये ग्रामीण के साथ ज्ञापन दिया कोई सुनवाई नहीं हुई बस झूठा आश्वासन मिला । बड़ी संख्या में ग्रामीणों की ट्रैन की चपेट में आने से मौत होती है । अंडर पास या ओवर वृज़ बना दिया जाये तो ग्रामीणो की जान बाख जाये ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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