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प्राथमिक शिक्षा का पहला सीएसआर कान्क्लेव 4 से, ये कंपनियां लेंगी हिस्सा

इन संस्थाओं व कंपनियों की तरफ से विद्यालयों में फर्श, टाइल्स, मरम्मत व इलेक्ट्रानिक सपोर्ट दिये जायेंगे। कुल मिलाकर 114 करोड़ रुपए की फंडिंग का अभी तक प्रदेश सरकार को सपोर्ट मिला है।

Aditya Mishra
Published on: 3 March 2020 9:49 PM IST
प्राथमिक शिक्षा का पहला सीएसआर कान्क्लेव 4 से, ये कंपनियां लेंगी हिस्सा
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लखनऊ: प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए योगी सरकार निजी कंपनियों को साथ लेकर का बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्राथमिक शिक्षा विभाग का पहला सीएसआर कॉन्क्लेव 4 मार्च को लखनऊ में शुरू हो रहा है, जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी देते हुए बताया कि सीएसआर फंड के तहत कायाकल्प अभियान में गूगल, इंडियन ऑयल कारपोरेशन, एचडीएफसी फाउण्डेशन, आईसीआईसीआई जैसी 109 छोटी बड़ी कंपनियों और संस्थाओं ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की सूरत बदलने का जिम्मा उठाया है।

114 करोड़ रुपए की फंडिंग से प्रदेश सरकार को मिला सपोर्ट

इन संस्थाओं व कंपनियों की तरफ से विद्यालयों में फर्श, टाइल्स, मरम्मत व इलेक्ट्रानिक सपोर्ट दिये जायेंगे। कुल मिलाकर 114 करोड़ रुपए की फंडिंग का अभी तक प्रदेश सरकार को सपोर्ट मिला है।

उन्होंने बताया कि आपरेशन कायाकल्प के तहत अभी तक 92 हजार स्कूलों में मरम्मत के कार्य कराये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मरम्मत का कार्य पंचायती राज विभाग के सहयोग से और बेसिक शिक्षा विभाग के फंड से कराया जा रहा है। शिक्षा संवर्धन को लेकर उन्होंने कहा कि मिशन प्रेरणा के तहत तीन स्तरों पर टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है।

शिक्षण संग्रह के प्रारूपों पर किया जा रहा काम

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई अभिनव प्रयोग किए हैं, जिसमें लर्निंग आउटकम, परीक्षा फाउंडेशनल, लर्निंग पर सर्वाधिक ध्यान देना आदि शामिल है।

आधारशिला और ध्यानाकर्षण के साथ ही शिक्षण संग्रह के प्रारूपों पर काम किया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे के तहत छात्र-छात्राओं में लर्निंग आउटकम बढ़ाने के लिए क्वालिटी फ्रेमवर्क को लागू किया गया है।

उन्होंने बताया कि लर्निंग आउटकम को बढ़ावा देने के लिए एक नवंबर में बच्चों की परीक्षा कराई गयी थी, जिसमे 54 लाख बच्चे शामिल हुए थे। इसके अलावा एक परीक्षा अभी हॉल में हुई है। डा. द्विवेदी ने बताया कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत हर ब्लॉक में बीआरसी सेंटर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है।

सीएसआर फंड को लेकर उन्होंने कहा कि विछले दिनों लंदन में वल्र्ड एजुकेशन फोरम की बैठक के दौरान भी उन्होंने स्कूलों को गोद लेने का मुद्दा उठाया था। इसके तहत अभी तक 109 संस्थाओं की तरफ से इंफ्रस्ट्रक्चर के लिए प्रस्ताव आ चुका है। जिनसे एमओयू किया जायेगा।

सीएसआर के तहत यह प्रमुख कंपनियां देंगी योगदान

गूगल, एचडीएफसी फाण्डेशन, आईओसी, आईसीआईसीआई,मेरिको लिमिटेड, हेमलेट पैकेट, एचपी, एक्सिस, अरविंदो सोसाइटी, माइक्रोसा ट, इलाहाबाद बैंक, कनोजिनियस सोल्यूशन लिमिटेड, स्टेम रोबोट टेक्नोलॉजी, आईकेयर, एलकेक्स टेक्रो मीडिया जैसी कंपनियां व संस्था शामिल हैं।

डा. द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार 16 स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ एक गैर वित्तीय समझौता मसौदा तैयार करने जा रही है। सरकार का मकसद प्राथमिक स्कूलों के आधारभूत सुविधाओं का उन्नयन विश्व के आधुनिक मानदंडों के आधार पर किया जाए।

उत्तर प्रदेश के कई अनिवासी भारतीय और देश की बड़ी कंपनियों ने सहयोग की पेशकश की है। सरकार की योजना विभिन्न साधन संपन्न लोगों को स्कूल गोद देने की भी है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कही ये बात

बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय को लखनऊ शिफ्ट करने संबंधी सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग में अभी सचिव और डायरेक्टर अलग-अलग बैठते हैं।

अक्सर दोनों की जरूरत होती थी, दिक्कत आती थी, कई असुविधाओं को देखते हुए इलाहाबाद से लखनऊ शिफ्ट करने की बात है।

कुछ वकीलों ने डिप्टी सीएम से मिल कर शिफ्ट नही करने की मांग की थी, कोई कन्फ्यूजन नहीं है, बातचीत करेंगे। डिप्टी सीएम का क्षेत्र है, लखनऊ में अभी कोई बिल्डिंग भी नहीं है, इस पर विचार किया जा रहा है।



Aditya Mishra

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