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Exclusive: पहली बार प्रदेश में कानपुर से लखनऊ के लिए ई-बसें, किराया भी कम
Lucknow News: प्रदेश में सबसे पहले कानपुर से लखनऊ के बीच चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें। खर्च कम होने की वजह से ई-बसों का किराया अन्य बसों से कम होगा।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने कानपुर को रोडवेज की इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देशित किया है। आजादनगर डिपो में पहले चरण में 50 बसें बनाई जाएंगी, जो प्रदेश में सबसे पहले कानपुर से लखनऊ के बीच चलेंगी। इनका किराया तो अभी तय नहीं है, लेकिन खर्च कम होने की वजह से किराया कम ही रहने की उम्मीद है।
ई-बसों का प्रयोग: एक पर्यावरणीय और सार्थक पहल
वायु प्रदूषण के खतरे और डीजल के बढ़ते दामों के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा दे रहा है। इलेक्ट्रिक बसों की खपत-लागत कम होती है, कम घटक होते हैं, कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और इनका जीवन चक्र भी लंबा होता है। इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में अधिक ईंधन कुशल हैं
ई-बसों की तैयारी और संचालन
कानपुर के वर्कशॉप में पहले ही बीएस-सिक्स मॉडल की बसें तैयार की जा रही हैं। इनके संचालन के लिए डीजल जरूरी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इस समस्या से निपटने के लिए ई-बसों के संचालन पर जोर है। शहर के मार्गों पर तो ई-बसें पहले से चल रही हैं, और इनके चार्जिंग स्टेशन भी डिपो के अंदर बने हुए हैं।
ई-बसों की विशेषताएँ
आने वाली ई-बसों की खासियतें इस प्रकार होंगी: इन बसों में वातानुकूलन सिस्टम होगा जो यात्रियों को सुखद और आरामदायक सीटें प्रदान करेगा। इसके अलावा, पैनिक या एसओएस बटन, ऑटोमेटिक डोर सिस्टम, और लो फ्लोर की बसें भी होंगी जो यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव सुनिश्चित करेंगी। साथ ही, सामान रखने में सहूलियत, सीसीटीवी कैमरे, और एलईडी सिस्टम से रूट का पता लगाने की सुविधा भी यात्रियों को प्राप्त होगी।
ई-बसों के चार्जिंग स्टेशन
रोडवेज ई-बसों के संचालन से पहले डिपो में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। ये स्टेशन काफी अत्याधुनिक रहेंगे, जिसकी वजह से बसें जल्द ही चार्ज हो सकेंगी। कानपुर और लखनऊ के बीच दो या तीन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की उम्मीद हैं। रोडवेज ई-बसें पहले झकरकटी बस अड्डे से चल सकती हैं, जबकि सिग्नेचर सिटी बस अड्डे के शुरू होने पर वाया गंगा बैराज होकर लखनऊ आएंगी।
डीजल बसों का निर्माण
विकासनगर और रावतपुर वर्कशॉप में 100 डीजल बसों का निर्माण किया जाएगा। इन बसों को विभिन्न रूटों पर संचालित किया जा सकता है, और इस समय छह डिपो से कई शहरों के लिए बसें संचालित की जा रही हैं। बाहर के राज्यों में उत्तराखंड और राजस्थान रोडवेज की बसें भी आ रही हैं। इसके साथ ही, पुरानी रोडवेज बसों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।