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UP Assembly Monsoon Session 2022 : आज लिखा जाएगा यूपी विधानसभा का नया इतिहास, महिला सदस्य करेगीं 'मन की बात'

विधानसभा में एक दिन महिलाओं को बोलने की आजादी के बीच कहीं न कहीं यह प्रश्न भी जेहन में शोर मचाता है, कि क्या विधानसभा की महिला सदस्य भी आम महिलाओं की तरह लिंग भेद का शिकार थीं?

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 22 Sept 2022 7:45 AM IST (Updated on: 22 Sept 2022 11:15 AM IST)
first time in up assembly session commences 22 september reserved for women members
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UP Assembly Monsoon Session 2022 

UP Assembly Monsoon Session 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) की महिला सदस्यों के लिए 22 सितंबर का दिन बेहद खास होगा। कारण, ये है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना (UP Assembly Speaker Satish Mahana) ने 22 सितंबर को प्रश्नकाल (Question Hour) के बाद का पूरा समय महिला सदस्यों को चर्चा के लिए समर्पित करने का फैसला किया है। वे मानसून सत्र के दौरान 22 सितंबर को सदन की सिर्फ महिला सदस्यों को बोलने का अवसर देंगे। इसलिए यह दिन को विधानसभा में महिला सदस्यों के लिए बेहद मायने माना जा रहा है।

लखीमपुर (Lakhimpur Kheri Case) में दलित बहनों की रेप-हत्या पर जहां विपक्षी दल हमलावर हैं, वहीं 19 सितंबर से शुरू हो चुके विधानसभा सत्र में पूरे दिन महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तय रहेगा। इसमें महिला विधायकों को महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक स्थिति और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर विषय उठाकर उस पर सदन में चर्चा की जाएगी। इसकी सबसे ख़ास बात यह है कि नेता सदन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी महिलाओं के मुद्दे पर बोलेंगे।

जेहन में कई प्रश्न

विधानसभा में एक दिन महिलाओं को बोलने की आजादी के कौतूहल के बीच कहीं न कहीं यह प्रश्न भी जेहन में शोर मचाता है, कि क्या विधानसभा की महिला सदस्य भी आम महिलाओं की तरह अब तक लिंग भेद का शिकार थीं? क्या विधानसभा सत्र के दौरान उन्हें मुखर होने का अवसर नहीं दिया जा रहा था। कहीं न कहीं उनकी आवाज को अब तक दबाया जाता रहा है। इसलिए योगी सरकार ने सौगात के रूप में उन महिला सदस्यों को सिर्फ एक दिन अपनी मन की 'भड़ास' निकालने का अवसर प्रदान किया है। या फिर हाल ही में यूपी में घटित हुई महिला हिंसा वारदातों पर विपक्ष के तीखे प्रहारों से बचने के लिए विधानसभा महिला सदस्यों को ढाल बनाकर एक दिन उनको आगे आने का अवसर प्रदान किया।

सत्र रोचक होने की उम्मीद

कहीं न कही इस पूरे मामले में एक कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है की "सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।" खैर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे प्रहारों और सरकार की जवाबदेही के बीच आज का विधानसभा सत्र काफी रोचक होने वाला है।

यूपी विधानसभा में महिला सदस्यों की कुल संख्या

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश की मौजूदा विधानसभा में कुल 47 महिला सदस्य हैं। उनमें से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) 29, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की 14, अपना दल-सोनेलाल की तीन और कांग्रेस की एक महिला विधायक हैं।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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