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Flood in UP: नदियों ने लिया विकराल रूप, कई गांवों पर मंडराया अस्तित्व का खतरा

प्रदेश में लगातार जारी बारिश की वजह से नदियां अब विकराल रूप लेती जा रही है। कई गांव बाढ़ के पानी की चपेट में घिर गए हैं।

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Published on: 6 Aug 2021 11:27 PM IST (Updated on: 7 Aug 2021 12:19 AM IST)
Flood in UP
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बारिश के चलते नदियां उफान पर आ गई हैं, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं

Flood in UP: प्रदेश में लगातार जारी बारिश की वजह से नदियां अब विकराल रूप लेती जा रही है। कई गांव बाढ़ के पानी की चपेट में घिर गए हैं। वहीं नदियों के किनारे बसे घरों में भी पानी घुस गया है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान और मध्य प्रदेश से पानी छोड़े जाने के चलते प्रयागराज में गंगा और यमुना तबाही मचाने की ओर हैं। लगातार बढ़ रहे जल स्तर से यही लग रहा है कि दोनों नदियां जल्द ही खतरे के निशान को पार कर जाएंगी। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इसी क्रम में जालौन में यमुना का पानी स्टेट हाईवे पर आ गया है।

हमीरपुर: यमुना और बेतवा नदी उफान पर, कई घर हुए जमींदोज

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में नदियों में आई बाढ़ ने जो कहर बरपाया है उसका दर्द लोगों के चेहरों पर उभरा हुआ है। यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान पर होने से सैकड़ों गांव और हजारों लोगों के आशियाने को रेत की ढेर की तरह मिटाकर बेघर कर दिया है। इसके बाद भी पानी के सैलाब का कहर अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है। हमीरपुर जिले में यमुना नदी खतरे के निशान के 2 मीटर ऊपर बहने से कई गांव अपना वजूद खोने की कगार में पहुंच गये हैं। सैकड़ों घर मिटटी की कटान के साथ नदी में समा गये हैं। सैकड़ों एकड़ फसलों को भी पानी निगल गया है।


यूपी के हमीरपुर जिला मुख्यालय से महज एक किलो मीटर दूर स्थित कुछेछा मार्ग जो बेतवा नदी के किनारे बसा है जहां के लोगों का मुख्य रूप से कृषि ही व्यवसाय है जो रोज कमाते हैं और खाते हैं पर अब इनका गांव भी खतरे में है। क्योंकि इस गांव के किनारे बने कई घर बेतवा नदी में समाहित हो गये हैं। इसके साथ ही शहरी इलाकों में लोगो के घरों में पानी घुस गया है। मजबूरी में लोग राठ मार्ग के हाइवे में अस्थाई झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं, जो अब दाने दाने को तरसते दिखाई देने लगे हैं।


एमपी और राजस्थान के बांधो से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 103 मीटर से ऊपर 105 मीटर तक पहुँच गया है। वहीं बेतवा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 104 में पहुँच गया है, जिसकी वजह से बाढ़ की चपेट में लगभग 157 गांव आने की संभावना हो चुकी है जो बाढ़ से प्रभावित देखे जा सकते है। इस बाढ़ ने जिला प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया है। हालांकि जिला प्रशासन के आलाधिकारियों ने गाँव का निरिक्षण कर अलर्ट जारी कर दिया है। कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने की कवायद शुरू हो गई है।

प्रयागराज: कई घरों में घुसा पानी, नदियों के किनारे दाह संस्कार रुका

प्रयागराज में नदियों के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। फाफामऊ में गंगा और नैनी में यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से नदियों के किनारे दाह संस्कार करने में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। वहीं सड़कों पर ही दाह संस्कार किया जा रहा है।

औरैया: राहत सामग्री वितरित करने गयी टीम के साथ नशेड़ी ने की अभद्रता


अयाना थाना क्षेत्र के अंतर्गत शुक्रवार की देर शाम एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक युवक को कुछ पुलिसकर्मी पकड़ कर ले जा रहे हैं। वहीं गांव के अन्य युवकों द्वारा उसे छुड़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मामले की जानकारी करने पर पता चला कि उप जिलाधिकारी अजीतमल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन वितरण कराने के लिए गई हुई थीं। यह मामला ग्राम जूहीखा का है।

बताते चलें कि शुक्रवार की देर शाम एसडीएम अजीतमल विजेता जुहीखा गाँव में बाढ़ का जायजा लेने और पीड़ितों को लंच पैकेट व पीने के पानी का टैंकर लेकर गयी थीं। तभी सतेंद्र सिंह पुत्र दलवीर सिंह निवासी काशीपुर थाना शिवली कानपुर देहात ने करीब 20 साथियों के साथ एसडीएम अजीतमल विजेता, तहसीलदार अजीतमल राजकुमार चौधरी, एसएचओ अयाना नवीन कुमार सिंह, राजस्व विभाग की टीम के साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिया। इसके बाद सतेंद्र गाँव की जनता को भड़काने लगा और बोला प्रशासन की मदद नहीं लेनी है। तीन दिनों से प्रशासन खाली हाथों आता है और हम ग्रामीणों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता है। युवक की इतनी बात सुनते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस की गाड़ियों पर लाठी डंडे चलाने लगे। यही नहीं महिलाएं, बच्चे हाथों में लाठी डंडे लेकर जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।

पुलिस ने सतेंद्र को गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ लेकर जाने लगी। जिस पर महिलाओं ने पुलिस के साथ हाथापाई कर युवक को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा लिया और पुलिस की गाड़ी को छतिग्रस्त कर दिया। इसके उपरांत उपजिलाधिकारी विजेता ने लोगों को समझा-बुझाकर राहत सामग्री व खाद्यान्न वितरण किया। उन्होंने कहा कि सरकार उनके हर सुख दुख में साथ है इसलिए अभद्रता करने से कोई फायदा नहीं है। राशन वितरण करने के दौरान मुख्य रूप से एसडीएम अजीतमल विजेता, तहसीलदार अजीतमल राजकुमार चौधरी, एसएचओ अयाना नवीन कुमार सिंह का कहना है कि प्रशासन व पुलिस अभी बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटी हुई है। जनता की मदद के बाद अराजकतत्वों पर सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।

जालौन: टापू बने सैकड़ों गांव, कमिश्नर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा


जालौन की नदियां अब खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं इसकी चिंता अब आला अधिकारियों को भी सताने लगी है। नदियों का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है और सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं। इन्हीं हालातों का जायजा लेने के झांसी से आए कमिश्नर और डीआईजी ने आज जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और मुलाकात कर लोगों का हालचाल भी जाना।

बता दें कि जिले में बाढ़ का कहर अब भी जारी है बाढ़ की चपेट में कई गांव टापू बन चुके हैं तो कई गांवों के संपर्क मार्ग टूट चुका है। वर्तमान में हालात यह है कि गांव, मोहल्लों से होता हुआ पानी अब हाईवे तक पहुँच गया हैं। गांवों में राहत कार्य को जायजा लेने शुक्रवार को झांसी कमिश्नर डॉ. अजय शंकर पांडे व डीआईजी जोगिंदर सिंह ने जालौन के रामपुरा पहुंचे जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और ग्रामीणों से हालचाल भी जाना।

इसके साथ ही कमिश्नर और डीएम प्रियंका निरंजन लोगों में राहत सामग्री भी बांटी। ज़िले की नदियां खतरे के निशान से 4.5 मीटर ऊपर बह रही हैं। कालपी की यमुना नदी अपने खतरे के निशान से 4.5 मीटर ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने कई गांवों को खाली करा दिया हैं। वहीं घरों में कैद ग्रामीणों को नाव के सहारे बाहर निकाला जा रहा है। बचाव कार्य के लिए आर्मी की एक बटालियन के 87 जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। बाढ़ से कुठौंद, कालपी व रामपुरा क्षेत्र के कई गांव पूरी तरह से डूब गए हैं।

वहीं झांसी कमिश्नर डॉ. अजय शंकर पांडेय ने बताया कि प्रशासन की तैयारी अच्छी है यहां पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं देने के लिए टीमों को लगाया गया है। आर्मी की टीम आई है दवाओं को पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों को लगाया गया है अगर किसी की तबीयत खराब होती है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने का भी इंतजाम है। जब तक बाढ़ से हालात सामान्य नहीं होते हैं आर्मी, पुलिस और प्रशासन की ड्यूटी जारी रहेगी।

बलिया: जिलाधिकारी ने बाढ़ क्षेत्रों का भ्रमण कर तैयारियों का लिया ज़ायजा


यूपी के बलिया में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ क्षेत्रों का भ्रमण कर तैयारियों का ज़ायजा लिया। बाढ़ खण्ड के इंजीनियरों को निर्देश दिए कि गंगा नदी का पानी बढ़ने की अभी भी सम्भावना है, लिहाजा हमेशा सतर्कता बरती जाए। राहत कार्य से जुड़े प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों को भी गांवों में वितरण की जाने वाली राशन सामग्री, नाव की व्यवस्था, मिट्टी तेल, तिरपाल एवं अन्य अपनी व्यवस्था पहले से ही तैयार कर लेने के निर्देश दिए।

उन्होंने सबसे पहले दूबेछपरा में गंगा नदी के जलस्तर को देखा। वहां बाढ़ व कटान से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली। इंजीनियरों को निर्देश दिया कि पानी में बढ़ाव को देखते हुए पूरी तैयारी रखें। आसपास के बाढ़ से प्रभावित गांवों की सूची तैयार कर तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बाढ़ खंड के अधिकारी सीडीओ, अपर जिलाधिकारी, सीएमओ आदि से भी समन्वय बनाये रखें और हर सूचना से अवगत कराते रहें। यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में वितरण की जाने वाली राशन सामग्री, नाव की व्यवस्था, मिट्टी तेल, त्रिपाल एवं अन्य व्यवस्था पहले से तैयारी कर लिया जाय। आवश्यकतानुसार गांवों में राहत सामग्री ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध करा लिया जाय। वितरण में किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।

जिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों को अपने अधीनस्थों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में भी जलस्तर की सूचना देते रहें। प्रत्येक गांवों में रात्रि में पुलिस फोर्स भी भ्रमण करती रहे। तहसीलदार बैरिया को निर्देश दिए कि बाढ़ से प्रभावित गांवों में कानूनगो व लेखपालों के माध्यम से पहले से सर्वे करा लें। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी रामआसरे, एसडीएम अभय सिंह, तहसीलदार शिवसागर दूबे, डीएसओ कृष्ण गोपाल पाण्डेय व बाढ़ खण्ड अधिकारी मौजूद थे।

इटावा: खोखले निकले प्रशासन के दावे, बाढ़ग्रस्त ग्रामीणों ने बताई हकीकत


उत्तर प्रदेश इटावा के चम्बल नदी में आई बाढ़ से पिछ्ले 4 दिनों से गाँव मे फंसे हुए ग्रामीण ज़िला प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को आवश्यक खाद्य सामग्री पहुँचाये जाने के दावे पूरी तरह फेल साबित होते दिखायी दिए। एसडीआरएफ की टीम के साथ हमारे संवाददाता ने गाँव के हालातों का जायज़ा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चार दिनों से गाँव में फंसे हैं, लेकिन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली।

इटावा की चंबल नदी में आई बाढ़ से चंबल से सटे हुए एक दर्जन से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित बढ़पुरा ब्लॉक के 5 गांव हैं जिनका संपर्क पूरी तरह से मुख्यालय से कट गया है जिसके चलते बढ़पुरा ब्लॉक के मढैया पछाय गाँव, मडैया करीलगढ़, बसवारा गाँव के ग्रामीण पिछले 4 दिनों से गांव में फंस गए हैं। जहां एक तरफ प्रशासन के द्वारा गांव में आवश्यक खाद्य सामग्री, पीने का पानी राशन वितरण की बात कही जा रही है वहीं जब आज मीडिया टीम ने एसडीआरएफ की टीम के साथ बोट के जरिए बढ़पुरा ब्लॉक के गांव मढैया पछायगाँव जिसकी आबादी 1000 के ऊपर है के हालात का जायजा लिया तो गांव वालों ने बताया कि पिछले 4 दिनों से गांव में जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी तरह की आवश्यक खाद्य सामग्री नहीं पहुंचाई गई है। जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं भाजपा सदर विधायक सरिता भदौरिया वोट के जरिए गांव तक आईं तो जरूर लेकिन गांव के अंदर न आकर बाहर से ही लौट गईं। गांव में अभी तक किसी भी तरह का राशन वितरण खाद्य सामग्री का वितरण एवं साफ पानी नहीं पहुंचाया गया है।



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Raghvendra Prasad Mishra

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