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Flood in UP: बाढ़ ने बढ़ाई परेशानी, बाढ़ चौकियां बनी सहारा, जानें प्रदेश में बाढ़ का हाल
राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं।
Flood in UP: राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रस्तुत है जिलों से बाढ़ पर रिपोर्ट...
कानपुर देहात: डीएम व एसपी ने सिकंदरा क्षेत्र के बाढ़ क्षेत्रों का किया भ्रमण
जनपद में यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण कई गांव जलमग्न हो गए, इसी क्रम में सर्वप्रथम जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने जैसलपुर गांव के लोग जो पूर्व माध्यमिक विद्यालय मे उपस्थित थे। उनका हाल-चाल लिया तथा आश्वासन दिया कि प्रशासन द्वारा सभी को राहत उपलब्ध कराई जाएगी, जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सिकंदरा को निर्देशित किया कि उपस्थित लोगों को खानपान आदि की समुचित व्यवस्था करें तथा किसी प्रकार की समस्या होने पर उससे अवगत कराया जाए।
इसी क्रम में सिकंदरा तहसील क्षेत्र के जैसलपुर गांव के मजरा महदेवा गांव में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह व पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने नाव द्वारा भ्रमण किया। इस भ्रमण के दौरान वहां के लोगों के खानपान, प्रकाश व्यवस्था, रहन-सहन आदि का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान नाव चला कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाला मुनीम, जिसके घर की स्थिति अत्यंत खराब थी। जिलाधिकारी ने उसके घर पहुंच कर उसके स्थिति का जायजा लिया तथा उप जिलाधिकारी सिकंदरा रमेश चंद्र को निर्देश दिया कि उसको तत्काल आवास उपलब्ध कराएं।
इस गांव में लगभग एक दर्जन घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनको तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराने की बात कहीं। जिलाधिकारी ने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गांव में स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या न होने पाए। साथ ही कोविड-19 टीकाकरण का कैंप लगाकर अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराने के निर्देश दिए। गांव में संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु निरंतर दवा का छिड़काव किया जाए। जिलाधिकारी के लौटते समय कुछ दलित ग्रामीणों ने गाड़ी रोककर उनसे अनुरोध किया कि संबंधित मोहल्ले में ट्रांसफार्मर नहीं है, जिससे प्रकाश व्यवस्था काफी समय से प्रभावित है।
बलिया: हर बाढ़ पीड़ित तक पहुंचाई जा रही राहत सामग्री
यूपी के बलिया में बाढ़ राहत व बचाव कार्य के लिए जिलाधिकारी अदिति सिंह के नेतृत्व में सभी सम्बन्धित विभागों की टीम लगी है। बैरिया तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में युद्धस्तर पर हर बाढ़ पीड़ित तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की व्यवस्था है और प्रतिदिन भूसे का वितरण भी पशुपालकों के बीच किया जा रहा है। मंगलवार को बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपालपुर व दयाछपरा गांव में 1200 फूड पैकेट और 540 तिरपाल का वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच किया गया। खाद्यान्न वितरण भी दोनों गांवों में किया गया।
4 कुंतल भूसे का वितरण
पशुपालन विभाग की ओर से बैरिया तहसील में 12 व सदर तहसील में 20 बाढ़ चौकी क्रियाशील कर दी गयी है। वहां पहले से कार्यरत 6 पशु चिकित्साधिकारी, 15 पशुधन प्रसार अधिकारी के अलावा 7 पशु चिकित्साधिकारी व 4 पशुधन प्रसार अधिकारी की अतिरिक्त तैनाती कर दी गयी है। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर लगातार पहुंचाया जा रहा है। मंगलवार को कुल दस शिविर में 34 कुंतल भूसा वितरित किया गया तथा 180 पशुओं का इलाज हुआ। अब तक किसी प्रकार की पशु हानि की सूचना नहीं है।
750 औषधि किट तैयार, 106 किट का वितरण
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 76 बाढ़ चौकी बनाई गई हैं, जिसमें आठ क्रियाशील है। हर चौकी पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ तैनात हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की गर्भवती एवं कोमार्विड व्यक्तियों को चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है और उनका उपचार किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 750 औषधि किट (एन्टी बॉयोटिक, ओआरएस, जिंक, बुखार एवं खुजली के लिये ट्यूब) तैयार की गयी है, जिसमें 106 किट वितरित की गयी है। बाढ़ प्रभावित प्रत्येक ब्लाक में एक-एक 108 एम्बुलेंस अलग से लगायी गयी है। बाढ़ ग्रस्त सभी चिकित्सा इकाइयों पर एंटी स्नैक वेनम एवं जीवनरक्षक औषधियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
बलिया: बाढ़ निगरानी समिति कराएगी प्रभावित परिवारों की समस्या का समाधान
बाढ़ प्रभावित कई गांवों में पानी घुस जाने के बाद राहत एवं बचाव कार्य की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। जिलाधिकारी अदिति सिंह के निर्देश पर पंचायती राज विभाग के माध्यम से हर गांव में बाढ़ निगरानी समिति का गठन किया गया है। फिलहाल बैरिया व सदर तहसील क्षेत्र के 86 गांवों में गठित यह समिति बाढ़ प्रभावित परिवारों की लगातार निगरानी करेगी। उनको किसी प्रकार की जरूरत या दिक्कत होने पर उसका समाधान स्वय या बीडीओ या ब्लॉक व जिला स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम के माध्यम से कराएगी।
यह समिति अपने गांव में हर जरूरतमंदों को राहत सामग्री पहुंचाने में भी मदद करेगी। इसके अलावा विकास खंड स्तर पर भी कट्रोल रूप संचालित हो गया है, यहां मिली सूचना पर तत्काल रिस्पांस मिलेगा। अगर वहां से समस्या का समाधान नहीं होता है तो जिला स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर समाधान सुनिश्चित कराया जाएगा।
बाढ़ चौकी व आश्रय स्थलों पर 10-10 अस्थाई शौचालय
सभी एडीओ पंचायत अपने ब्लॉक के अन्तर्गत बाढ़ चैकियों या आश्रय स्थलों पर प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी शौचालय, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था का निरन्तर अनुश्रवण कर रहे हैं। जिले की समस्त 34 बाढ़ चैकियों एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों के लिए स्थापित अस्थायी आश्रय स्थलों पर 10-10 अस्थायी शौचालयों का निर्माण सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के माध्यम से करा लिया गया है। वहां 15-15 की संख्या में सफाई कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगायी गयी है। इनके माध्यम से बाढ़ से जुड़ी हर प्रतिकूल स्थिति की जानकारी बीडीओ या एडीओ पंचायत को मिल रही है। साथ ही आस-पास की ग्राम पंचायतों में डुग्गी आदि के माध्यम से आम जनमानस को बाढ़ की आशंका से अवगत कराया जा रहा है।
बलिया: बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू किया लंगर
गंगा में आई बाढ़ की वजह से पीड़ित लोगों के लिए बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने अपने निजी व्यवस्था से लंगर शुरू किया है। यह लंगर बाढ़ खत्म होने तक अनवरत चलेगा। इस लंगर के दौरान बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह के साथ ही जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) और पुलिस के इंस्पेक्टर भी बाढ़ पीड़ितों को भोजन परोसते नजर आ रहे हैं। बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह की मानें तो बाढ़ पीड़ितों के लिए जो अधिकतम सुविधा देने की बात हो सकती है उसमें हम लोग लगे हुए हैं। प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जो संभव हो सकता है उसको हम लोग करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह मेरा निजी व्यवस्था है।
बाढ़ पीड़ित, विस्थापित जो बंधे पर रह रहे हैं या जो भी पीड़ा में हैं, जो भोजन नहीं बना सकते हैं, सबके लिए मेरा एक 11 से लेकर 4 बजे तक लगातार अनवरत यह लंगर का कार्यक्रम चलेगा। वहीं मीडिया से बातचीत में बाढ़ पीड़ितों को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है, जो भी संभव है पीड़ितों के लिए कोशिश की जा रही है, लेकिन आपदा में विपत्ति काल में कम साधन से काम चलाना भी सीखना चाहिए।
चंदौली: बाढ़ की विभीषिका से लोग परेशान, सरकारी व्यवस्था के दावे खोखले
बाढ़ की विभीषिका जहां पूरा देश झेल रहा है, वहीं चंदौली जनपद में भी इसका असर दिखने लगा है। गंगा के तटवर्ती इलाके के लोगों को पानी के बढ़ते वेग के कारण अब अपना घर बार छोड़कर सुरक्षित ठिकानों को खोजने की जहमत उठानी पड़ रही है।
चंदौली जनपद का नियमताबाद के ब्लाक का कुछ इलाका तथा चहनिया एवं धानापुर ब्लाक के इलाके बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ प्रभावित इलाके में कुल 15 चौकियां बनाई गई है। जहां राजस्व विभाग की टीम को पहुंचकर प्रभावित लोगों के लिए खाने—पीने, रहने तथा पशुओं के चारे आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि सकलडीहा तहसील का लगभग 4 दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इन गांवों में पानी घुसना प्रारंभ हो गया है। सड़कों से पानी गांव की गलियों की तरफ बढ़ रहा है, जिससे लोग बड़ी विभीषिका को देखते हुए सुरक्षित ठिकानों के लिए निकल गए हैं। सरकारी आंकड़ों में चौकिया प्रारंभ कर दी गई हैं, लेकिन अभी तक चौकियों पर प्रभावित होकर पहुंचे लोगों को कोई व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। मुकुंदपुर, बिजाई का पूरा, चकरा आदि गांवों में पानी घुस गया है और कई लोग पूरी तरह से प्रभावित हैं।
लोग अपना घर बार छोड़कर मारूफपुर बाढ़ राहत चौकी पर पहुंच गए हैं, लेकिन उन्हें कोई व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। व्यवस्था नहीं मिलने के कारण लोग सरकारी अमला को कोस रहे हैं और तत्काल पशुओं के चारे की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में सकलडीहा उप जिलाधिकारी अजय कुमार मिश्र ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम पूरी बाढ़ चौकियों पर लगाई गई हैं। लेखपाल, कानूनगो सहित तहसील के अन्य कर्मी बाढ़ चौकियों पर चौबीस घंटे काम करेंगे। वहीं मारूखपुर बाढ़ चौकी पर मुकुंदपुर गांव के लोग पहुंचे हुए हैं और किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था वहां नहीं है। इसकी शिकायत एसडीएम सकलडीहा से भी की गई है जिस पर कानूनगो मौके पर पहुंचे, लेकिन देख कर चले गए।
सकलडीहा तहसील में कुल तेरह बाढ़ राहत चौकी है और दो नए सृजित किए गए हैं। कुल 15 बाढ़ चौकियों के लिए टीम गठित कर दी गई है और जहां-जहां लोग आ रहे हैं उनके लिए व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है। लोगों को खाने पीने रहने के साथ पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गई है। चारा कल से बाढ़ राहत चौकियों पर पहुंचना प्रारंभ होगा। मुकुंदपुर गांव पहला प्रभावित गांव है, वहां के लोग पहुंच रहे हैं, उनकी व्यवस्था की जा रही है। अन्य बढ़ राहत चौकियों पर भी सारी व्यवस्थाएं मुहैया कराई जा रही है। गांव में बढ़ रहे बाढ़ के पानी को देखते हुए प्रशासन लोगों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है।