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Flood in Varanasi: बाढ़ में डूबा वाराणसी, तस्वीरें में देखें उफनाई गंगा का विकराल प्रलयकारी रूप
Flood in Varanasi: वाराणसी में इन दिनों गंगा का जलस्तर इस कदर बढ़ गया है कि हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
Flood in Varanasi: वाराणसी में इन दिनों गंगा का जलस्तर इस कदर बढ़ गया है कि हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से अभी तक करीबन सवा सौ से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। आगे के गांवों को भी खाली कराया जा रहा है। गंगा का विकराल रूप वाकई में काशी में प्रयल ढा रहा है। बाढ़ की वजह से यहां पर लोगों की जिंदगी अस्त-त्रस्त हो गई है।
देखें कैसे पानी-अपनी हुई काशी नगरी
अपने-अपने घरों को छोड़ शिविरों में रह रहे लोगों को भविष्य की चिंता खाई जा रही है। अब गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बहुत ऊपर तक आ गया है। सोमवार को शिव धाम काशी विश्वधाम के द्वार तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। वहीं अब मणिकर्णिका घाट भी जलमग्न होने लगा है।
शिव नगरी काशी में हर तरह पानी ही पानी नजर आ रहा है। निचले इलाके में पानी का स्तर बढ़ने से प्रशासन द्वारा लोगों की आवा-जाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अंतिम संस्कार गलियों में किया जा रहा है। कई घाट पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। जबकि करीबन 100 से ज्यादा गांवों करोड़ों की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
जलमग्न हुई शिव नगरी काशी
ऐसे में इतनी तेजी से लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर ने लोगों को खौफ में डाल दिया है। कई साल काशी में गुजार चुके बुजुर्गों को अब 1978 में आई बाढ़ की यादें सामने दिखाई देने लगी हैं। जिसके चलते अब यही डर लग रहा है कि कहीं उसी समय जैसे भयानक हालात न हो जाएं।
बाढ़ की वजह से जहां लोगों का आना-जाना, काम-धंधा सब बंद पड़ गया है, वहीं लोगों को खाने के लाले पड़ रहे हैं। वाराणसी में हर तरफ त्राही-त्राही मची हुई है। बाढ़ का भयानक रूप काशी विश्वनाथ धाम के जलासेन पथ को देखकर ही लगा सकते हैं। यहां तक गंगा पहुंच गई हैं। वहीं जलासेन पथ के बिल्कुल पास में हनुमान जी की प्रतिमा के नीचे भी गंगा की लहरें लहराती नजर आ रही हैं। ऊंचाई पर खड़े होकर देखने पर दूर-दूर तक सिर्फ गंगा ही गंगा दिखाई दे रही हैं।
अब दशाश्वमेध घाट का हाल बताते हैं। यहां पर दशाश्वमेध घाट से लगी हुई दुकानें भी अब धीरे-धीरे उठने लगी हैं। उफनाई गंगा का विकराल रूप देखकर यहां के दुकानदारों की भी धड़कने तेज हो गई हैं। क्योंकि पानी भी गलियों में भी घुसने लगा हैं। हरिश्चंद्र घाट पर भी गलियों में पानी भर गया है।
मणिकर्णिका घाट जहां पर 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं। वहां पर खतरे के निशान से ऊपर तक आ गए पानी की वजह से शवदाह में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। असल में मणिकर्णिका घाट पर गलियों तक पानी पहुंच गया है। साथ ही ऊपरी तल पर होने वाले शवदाह के चबूतरे के कुछ दूर तक पानी आ गया है।
बाढ़ से विकराल हुए इन हालातों में भूख-प्यासे लोगों को पूरा-पूरा घरों की छतों पर गुजारना पड़ रहा है। न तो राशन न ही पीने का पानी लोगों को आसानी से मिल पा रही है। दूसरी तरफ अस्सी घाट से नगवां की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं यहां रहने वाले लोगों ने अपने घर भी खाली कर दिए हैं।