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Flood In UP: यूपी के चंदौली, औरैया, फतेहपुर और सोनभद्र में बाढ़ ने दिखाया अपना असर, पढ़ें एक क्लिक में यहां की खबरें
उत्तर प्रदेश के चन्दौली, औरैया, फतेहपुर और सोनभद्र में बाढ़ ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
Flood In UP: उत्तर प्रदेश के चन्दौली, औरैया, फतेहपुर और सोनभद्र में बाढ़ ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। औरैया जनपद में यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में पानी भर गया जिसके चलते लोगों को गांवों से पलायन भी करना पड़ा। पढ़ें एक क्लिक में यहां की खबरें-
Auraiya: बीते एक सप्ताह से बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीणों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले बाढ़ के पानी ने उनकी समस्याओं को बढ़ाया था अब पानी उतरने के बाद गंदगी व उनके घरों में जमा कीचड़ ने उनकी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी तो उतर गया मगर उनके सामने समस्याएं खड़ी कर गया है। फिलहाल वह लोग इस स्थिति से निपटने के पूरे प्रयास करने में जुटे हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन की ओर से अब तक उन्हें कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई है जिससे कि उनके गांव व घरों की साफ-सफाई हो सके।
बताते चलें कि लगातार होने वाली बारिश के कारण एवं धौलपुर के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जनपद में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बहने लगा था। जिससे यमुना के तटीय क्षेत्र में बसे लगभग 3 दर्जन गांवों में यमुना का पानी भर गया था। जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लोगों को इस यमुना के पानी ने घरों में कैद कर लिया था और जिनके मकान पानी में पूरी तरह से डूब गए थे वह लोग नाव व अन्य साधनों से ऊंचे स्थानों पर जाने को विवश हो गए थे। यही नहीं कुछ लोग इस त्रासदी के चलते गांवों से पलायन भी कर गए थे।
धीरे-धीरे उतरा यमुना का पानी, तेजी से बढ़ी ग्रामीणों की समस्याएं
विकासखंड औरैया की ग्राम पंचायत असेवा का यही नजारा आज देखने को मिला। जहां पर देर रात यमुना का जलस्तर उतर गया था। सुबह जब ग्रामीण जागे तो उन्होंने अपने आसपास की कीचड़ व गंदगी का अंबार लगा हुआ देखा। ग्रामीणों का कहना है कि पानी उतर जाने के बाद बचे कीचड़ से भयंकर दुर्गंध आ रही है जिससे उन लोगों का वहां रहना मुश्किल होता जा रहा है।
ग्रामीण का कहना है यमुना का पानी गांव से निकल जाने के बाद वहां समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ गई हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि कहीं महामारी न फैल जाए इसलिए जिला प्रशासन को उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों की टीम भेजनी चाहिए। मगर अब तक वह भी नहीं आ सकी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र एक त्रासदी से बचाए जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
गंगा में स्नान करने गया युवक तेज जल प्रवाह में समाया, खोज जारी
Chandauli: चन्दौली के अलीनगर थाना क्षेत्र के कैली गंगा घाट पर स्नान करते समय गंगा में डूबने से किशोर की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों के माध्यम से शव को खोजने में जूटी है।
गाजीपुर जनपद के परेवा गांव निवासी शिवकुमार रावत का 16 वर्षीय पुत्र अंकित अपनी बहन बंदना व जीजा धर्मेंद्र रावत के घर कैली दो महीने से आया था।उफनाई गंगा के तेज प्रवाह में अंकित आपने दोस्तों के साथ स्नान करने के लिए छलांग लगा दी। देखते ही देखते किशोर डूबने लगा। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक गंगा के तेज प्रवाह में समाहित हो गया। हालांकि गांव के ग्राम प्रधान जवाहिर, श्रवण यादव सहित दो दर्जन युवकों ने कूदकर उसे खोजने काफी प्रयास किया लेकिन कहीं पता नहीं चला। सूचना पर कानूनगो अनिल कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर अलीनगर संतोष कुमार सिंह मौके पर पहुंचकर गोताखोरों के माध्यम से खो जाने का काफी प्रयास किया। लेकिन शव का कहीं पता नहीं चल पाया।
यमुना नदी में उफान गांवो में तबाही, बाढ़ का पानी सड़क पर भरना से बाँदा कानपुर मार्ग बन्द सड़क पर आठ फिट पानी
Fatehpur: यूपी के फतेहपुर जिले में यमुना नदी में आयी बाढ़ से बाढ़ का पानी बाँदा कानपुर मार्ग पर बना चिल्ला पुल पर भरने से इस मार्ग को जिला प्रशासन ने बन्द कर दिया।और कानपुर से बाँदा की ओर जाने वाले वाहनों को बंधुआ मोड़ से बहुआ होते हुए निकाला जा रहा है।
यमुना नदी में आयी बाढ़ से यमुना का पानी चार किलो मीटर अंदर ललौली कस्बे में घुस गया जिसमें आधे दर्जन मकान डूब गया।और जिस सड़क पर बस कार व वाहनों का आवागमन था वह पर अब नाव चल रही है।हर तरफ पानी ही पानी दिख रहा।
यमुना में आयी बाढ़ से सबसे ज्यादा ललौली का दसौली गांव जो पूरी तरह डूब गया जंहा नाव से पहुचा जा सकता है लेकिन नाव ना होने से वह के ग्रामीणों गांव में फंसे है।और ललौली के पलटूकापुरवा गांव जंहा बाढ़ का पानी निचले स्तर पर भर रहा।जिससे ग्रामीणों अपना घरेलू सामान लेकर सुरक्षित जगह पहुच रहे।
जिले के पलटूकापुरवा गांव में बाढ़ का पानी भरने से ग्रामीणों पलायन कर परिवार के साथ सुरक्षित स्थान जाते दिखे जिसमे एक महिला ने बताया कि गांव में बाढ़ का पानी भर रहा है मेरे घर डूब रहा है इस लिया बच्चों को लेकर आ गई।कुछ सामान लाना है क्याकि पानी पूरी तरह भर गया तो गांव से निकलने का रास्ता बंद हो जायेगा।
बाढ़ के कारण ग्रामीणों को अपने मवेशियों के चारे की चिंता भी दिखी तभी जिसको जितना हुआ मवेशियों के चारा अपने साथ लेकर गांव से पलायन कर रहा है।एक किसान ने बताया कि जानवर को भूखा नही रख सकते जितना हुआ साथ मे चारा ले आये क्याकि बारिश में चारा कहा रखे।
फतेहपुर जिले के ललौली क्षेत्र में 2013 में आयी बाढ़ को याद कर वंहा के ग्रामीणों सहम जाते है ग्रामीणों ने बताया कि 2013 में जिस तरह से बाढ़ आयी थी सब तबाह हो गया था उसके बाद 2019 और अब इस साल 2021 में बाढ़ देखने को मिला है।और बाढ़ का पानी धीरे धीरे बढ़ रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया बाढ़ राहत कैम्प में ग्रामीणों जाना नही चाहते क्याकि गांव से दूर व उनका घर का सामान गांव में रख है,जिसकी चिंता भी है,बाढ़ कैम्प में इस समय दो परिवार रह रहे।
गांव में बाढ़ का पानी भरने से पलायन कर निकले ग्रामीणों को ग्राम प्रधान द्वारा पन्नी वितरण किया जा रहा है जो कैम्प में जाकर गांव के समीप खेतो में अपना रहने को कुटिया बन रहा।ग्राम प्रधान समीम ने बताया कि जिला प्रशासन ने ललौली इंटर कॉलेज में बाढ़ राहत कैम्प बनाया है लेकिन पलटूकापुरवा के ग्रामीणों वहाँ नही जाना चाहते और गांव के ही पास खेतों में रुककर रहना चाहते है जिनको पन्नी के साथ खाने का पैकेट दिया जा रहा।
बाढ़ को लेकर ललौली कस्बे के लोगों ने जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है और कहा कि कस्बे में बाढ़ का पानी भरने से कई गरीब परिवार जिनके पास खाने को नही है उनको कोई नही पूछ रहा और सिर्फ दो गांव पलटूकापुरवा व दसौली के ग्रामीणों की चिता ज्यादा है।
लगातार बारिश से बनने लगी नदियों में उफान
Sonbhadra: लगातार बारिश से बनने लगी नदियों में उफान की स्थिति, 858 फीट पहुंचा रिहंद बांध का जलस्तर, नगवां बांंध से 3000 क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी, ओबरा-धंधरौल बांध का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब सोनभद्र। जनपद में मंगलवार की शाम से रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इसके चलते जहां रिहंद जलाशय का जलस्तर 858 फीट के करीब पहुंच गया है। वहीं ओबरा डैम, धंधरौल बांध, नगवां बांध का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच जाने से हड़कंप की स्थिति बन गई है। जलभराव की स्थिति को देखते हुए नगवां बांध से लगभग 3,000 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। वहीं धंधरौल बांध की नहरें भी पूरी क्षमता से चलाई जा रही हैं।
कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष जहां 11 अगस्त को रिहंद बांध का जलस्तर 855 फीट के करीब था। वह इस बार 858 फीट के करीब पहुंच गया है। महज 24 घंटे के भीतर रिहंद बांध के जलस्तर में ढाई फीट से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है। इसी तरह ओबरा बांध के अधिकतम जलस्तर 193.24 मीटर के मुकाबले 192.80 मीटर बना हुआ है। नगवा बांध का जलस्तर अधिकतम जल संग्रहण क्षमता 354.60 मीटर के मुकाबले 354.01 मीटर पहुंच गया है। बांध में लगातार पानी आने का क्रम जारी है। इसको देखते हुए बांध से लगभग 3000 क्यूसेक पानी लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा है।
धंधरौल बांध का अधिकतम जलस्तर 317.90 मीटर निर्धारित है। बुधवार की सुबह इस बांध का जलस्तर 316.44 मीटर रिकॉर्ड किया गया। जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए जहां इससे निकली नहरों में पूरी क्षमता से पानी छोड़ा जा रहा है। वही नगवां बांध के साथ ही इसके भी जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। बता दें कि इस बांध से सोनभद्र के साथ ही मिर्जापुर के बड़े भूभाग की सिंचाई होती है। इस कारण इसे सोनभद्र और मिर्जापुर की लाइफ लाइन भी कहा जाता है।
नदियों में उफान की बनती स्थिति से तटवर्ती क्षेत्रों में हड़कंपः पिछले 20 घंटे से रुक-रुक कर जारी बारिश के चलते नदियों में फिर से उफान की स्थिति बनने लगी है। बेलन, मलिया, कनहर, कर्मनाशा, रेणुका बिजुल, सोन नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इन प्रमुख नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्रों में भी हड़कंप की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।
डीएम अभिषेक सिंह के निर्देश पर चारों तहसीलों के उप जिलाधिकारियों की तरफ से नदी वाले इलाकों के लेखपालों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित ग्राम पंचायतों में मुनादी के लिए भी प्रधानों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालात पर नजर रखने के लिए कलेक्ट्रेट और बाढ़ नियंत्रण के नोडल एक्सईएन बंधी प्रखंड द्वितीय के कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम को 24 घंटे के लिए सक्रिय कर दिया गया है। यहां तैनात कर्मियों को संबधितों से लगातार संपर्क बनाए रखने और अधिकारियों को एक निश्चित अंतराल पर अपडेट करते रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सोन नदी के जल स्तर पर विशेष निगरानीः रिहंद, बिजुल, कनहर जैसी बड़ी नदियों का पानी अपने में समाहित करने वाली सोन नदी के जल स्तर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इस नदी पर मध्य प्रदेश में स्थापित बाणसागर डैम में पानी के स्थिति की भी लगातार जानकारी जुटाई जा रही है। वहां से पानी छोड़े जाने की दशा में तेजी से उफान की स्थिति बनने की संभावना के मद्देनजर बाढ़ नियंत्रण और आपदा राहत से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
सोन नदी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक नदी के पानी के खतरे का निशान 171 मीटर निर्धारित है। उसके मुकाबले सोन का उनका मौजूदा जलस्तर 167.070 मीटर पर बना हुआ है। अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है लेकिन बाणसागर डैम से पानी छोड़ने की स्थिति बनी तो जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की तरफ बढ़ता दिख सकता है। इसको देखते हुए सभी संबंधित को अलर्ट करते हुए सक्रिय कर दिया गया है।