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घर छोड़ने को नहीं तैयार बाढ़ पीड़ित, नाव के जरिए पहुंचाई जा रही मदद

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Published on: 8 Aug 2017 11:35 AM IST
घर छोड़ने को नहीं तैयार बाढ़ पीड़ित, नाव के जरिए पहुंचाई जा रही मदद
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बहराइच: जिले की तीन तहसीलों में घाघरा और सरयू नदी का तांडव जारी है। 28 गावों के 77 मजरे डूबे हुए हैं। पीड़ित ग्रामीणों के घर अनाज एक दाना भी नहीं बचा है। कुछ बाढ़ पीड़ित बेल्हा-बेहरौली और आदमपुर रेवली तटबंध पर डेरा जमाए हुए हैं।

जबकि तमाम पीड़ित ऐसे भी हैं, जिनके घरों में चार फीट तक पानी भरा है। लेकिन वे घर और गृहस्थी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। तटबन्धों पर जहरीले जीवों के काटने का डर है। नदियों का जलस्तर बढ़ने की संभावना से तटवर्ती इलाकों में दहशत है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों पर प्रकृति की दोहरी मार पड़ रही है।

नेपाल के पहाड़ों पर व तराई में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर 106.696 मीटर पहुंचकर स्थिर हो गया है। लेकिन जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से लगभग 75 सेमी ऊपर है।

लखनऊ-गोरखपुर रेल खंड पर एल्गिन ब्रिज से गुजरने वाली सुपरफास्ट ट्रेनों को 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजारा जा रहा है। नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते तहसील महसी, कैसरगंज और नानपारा के 28 गावों के 77 मजरे बाढ़ के पानी मे डूबे हुए हैं।

आगे की स्लाइड में देखिए बाढ़ पीड़ितों का हाल

कैसरगंज तहसील में सुंदरलालपुरवा जाने वाले पुरैनी पुल पर कमर से ऊपर पानी चलने लगा है। जिससे वहां राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह टूट चुका है। लगभग तीन हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। उधर महसी तहसील में जरमापुर गांव निवासी मुसुद्दीन, सकीना, इस्माइल के मकान भी नदी में कट गए हैं।

प्रशासन नावों से पहुंचा रहा लंच पैकेट

महसी तहसील के जरमापुर, लोधनपुरवा कोरियनपुरवा समेत तमाम गावों में लोग अपने घरों को छोड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसे में उन्हें प्रशासन द्वारा नावों की सहायता से लंच पैकेट और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है।

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तहसील प्रशासन ने पीड़ितों को दी खाद्य सामग्री

एसडीएम कैसरगंज पंकज कुमार ने बाढ़ और कटान प्रभावित अहाता, जुमेरपुर, सबसा दिकौलिया, नासिरगंज, सुंदरपुरवा आदि गावों का दौरा किया। एसडीएम ने उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने खाद्यान्न व लंच पैकेट भी वितरित किये।

उन्होंने कहा कि प्रशासन बाढ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। इस मौके तहसीलदार कंचनराम,नायब तहसीलदार विनीत कुमार आदि लोग मौजूद रहे। उधर नानपारा में एसडीएम शिव प्रताप शुक्ला ने क्षेत्र में 505 परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की है।

घाघरा और सरयू में छोड़ा गया ढाई लाख क्यूसेक पानी

नेपाल स्थित बनबसा बैराज से फिर ढाई लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। तराई और नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश का दौर अभी जारी है। ऐसे में यदि बनबसा बैराज से और छोड़ा गया तो बहराइच में स्थिति विकराल हो जाएगी। घाघरा में जलस्तर बढ़ने से गोंडा, बाराबंकी में भी स्थिति बिगड़ेगी।



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