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सत्ता की खातिर 1760, महाराष्ट्र धर्म के लिए बस एक राज

Mayank Sharma
Published on: 19 Jan 2020 3:19 PM GMT
सत्ता की खातिर 1760, महाराष्ट्र धर्म के लिए बस एक राज
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मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के भगवामय होने की अभी सुगबुहाटें ही चल रही थीं, कि इस बीच आज एक संकेत उभर कर आया है। आज शिवसेना भवन के ठीक सामने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का एक भगवा पोस्टर नजर आया है। जिस पर कुछ चुनौतीपूर्ण शब्दों में लिखा दिख रहा है। इस भगवा रंग में रंगे बिल बोर्ड पर मराठी में लिखा हुआ है, "सत्ता की खातिर 1760 हो सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र धर्म निभाने के लिए सिर्फ एक सम्राट", और इस नारे के साथ राज ठाकरे आदम कदम चित्र नजर आ रहे है।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पहले आम सम्मलेन से ठीक पहले का यह संकेत, देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात के बाद से लग रहे कयासों को पुख्ता करता नजर आ रहा है। पहले ही विभिन्न सूत्रों हवाले से ऐसी खबरें आ रही थीं कि मनसे और भाजपा के बीच कुछ न कुछ तो पक रहा है। मनसे का झंडा भगवा होने वाला है, ऐसी खबरें भी आ चुकी हैं। आज का यह भगवा बिलबोर्ड महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बदलते तेवर को स्पष्ट रूप से दिखा रहा है क्योंकि अभी तक मनसे के पोस्टर का रंग तिरंगा ही हुआ करता था। पार्टी झंडे के अनुरूप ही मनसे के पोस्टर भी अभी तक नीले, भगवा और हरे रंग के ही हुआ करते थे।

बदलते समीकरणों और महाराष्ट्र में एक दृढ़ पुनर्वापसी के लिए लगता है राज ठाकरे तैयार हैं। 23, जनवरी यानी बाला साहेब की जयन्ती के दिन यह सब कुछ और स्पष्ट हो जाने वाला है। 23, जनवरी को शिवसेना और मनसे दोनों ही मुंबई अलग अलग स्थानों पर महत्वपूर्ण सभायें कर रही हैं। शिवसेना इस दिन बीकेसी ग्राउंड में वचनपूर्ति सभा का आयोजन कर रही है। जबकि राज ठाकरे गोरेगाँव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का पहला आम सम्मलेन करने जा रहे हैं। इस दिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कुछ न कुछ महत्वपूर्ण तो करने ही जा रही है क्योंकि 2006 में मनसे के निर्माण के बाद पहली बार मनसे का आम सम्मलेन आयोजित किया गया है। ऐसा संभव है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस दिन अपने नए रूप दिखे। जैसी की खबरें आ रही हैं पार्टी इस दिन भगवामय हो सकती है। पार्टी झंडे में भगवा रंग और शिवाजी का चित्र प्रवेश कर सकता है। 23, जनवरी का दिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और महाराष्ट्र की भविष्य की राजनीति दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण हो सकता है। तो देखते चलिए, सत्ता की खातिर 1760 के बीच, अकेले राज ठाकरे महाराष्ट्र धर्म को कैसे निभाते हैं।

Mayank Sharma

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