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हर जिले में स्थापित होगी फॉरेंसिक लैब, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी होगी सुविधा : सीएम योगी

UP News: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत तीन नए कानूनों को लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली 'दंड नहीं न्याय' के भारतीय मूल्यों पर आधारित है।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 7 Jun 2024 3:21 PM GMT (Updated on: 7 Jun 2024 5:03 PM GMT)
हर जिले में स्थापित होगी फॉरेंसिक लैब, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी होगी सुविधा : सीएम योगी
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UP News: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत तीन नए कानूनों को लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली 'दंड नहीं न्याय' के भारतीय मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की 30 जून तक विधिवत ट्रेनी पूरी कराई जाए। इसके लिए फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ का सहयोग लें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आगामी पहली जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरूरी संसाधन उपलब्ध होने चाहिए। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। प्रस्ताव तैयार करें, शासन स्तर से पूरा सहयोग मिलेगा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की तैनाती करें। जहां भी जैसी आवश्यकता हो, तत्काल बताएं, पूरा सहयोग मिलेगा।


कर्मचारियों की कराएं विधिवत ट्रेनिंग

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संसद द्वारा पारित तीनों नए कानून हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे। तीनों नए कानून के लागू होने से पूर्व इनसे संबंधित राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, SoP, शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है, डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है। इसके दृष्टिगत आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना विलंब किए जाएं।

उन्होंने कहा कि नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों, इसके लिए तीनों नए कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की विधिवत ट्रेनिंग कराएं। यह कार्य मास्टर ट्रेनर के तैयार कर आसानी से किया जा सकता है। बेहतर होगा कि इससे जुड़ी सामग्री का किट तैयार किया जाए। आम जनता को भी नए प्रावधानों/बदलावों के बारे में जागरूक करना होगा।

यूपी में एक जुलाई से लागू होगा नया कानून

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वाधीनता दिवस पर देश के सामने पंच प्रण लिए थे, इनमें से एक प्रण था - गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करना। इसी प्रण को पूरा करने के लिए संसद ने अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड, 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898), 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 कानूनों को समाप्त कर हम तीन नए कानून पारित किए हैं। यह कानून आगामी 01 जुलाई से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लागू होना है।

उन्होंने कहा कि नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के ये तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री जी के प्रण को पूरा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था, न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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