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पूर्व मंत्री के बेटे के एक्शन पर UP पुलिस का 'रिएक्शन', मामला PMO पहुंचा
सुलतानपुर: चार दिन पहले सुलतानपुर जिले में वाहन चेकिंग के दौरान समर्थक के बचाव में आए बसपा नेता एवं पूर्व मंत्री के प्रधान पुत्र के एक्शन पर यूपी पुलिस का 'रिएक्शन' आजकल सुर्खियों में है। यह मामला थमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है।
अब ये मुद्दा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गया है। दूसरी तरफ, मामले में कोर्ट ने मंत्री और उनके साथ पकड़े गए अन्य आरोपियों की बेल याचिका खारिज कर दी है।
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कोर्ट ने खारिज की बेल
मंगलवार को पुलिस ने मामले से जुड़े आरोपी रामभूवर, मनोराम, राजेश, रामआधार और मंत्री के नाबालिग नाती अंकित को एसीजेएम चतुर्थ मनीष निगम की कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने जिरह सुनने के बाद थाने से आख्या व अंकित की क्रिमिनल हिस्ट्री तलब कर जमानत के लिए 13 सितंबर की तिथि तय की।
पूर्व मंत्री के बचाव में उतरे बीजेपी नेता
बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष महिमा शंकर द्वेदी ने एक अखबार की ख़बर का हवाला देते हुए पीएमओ को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पूर्व मंत्री रामरतन यादव के घर पर पुलिसिया तांडव को मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताया। उन्होंने मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई की मांग भी की है।
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पुलिस पर मुफ्त शराब व अवैध वसूली का आरोप
कोर्ट में बचाव पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे वकील अरविंद सिंह राजा ने पुलिस के आरोपों को मनगढ़ंत और निराधार बताया। बचाव पक्ष की मानें, तो पुलिस पूर्व मंत्री के परिवार के शराब के ठेके से अक्सर मुफ्त में शराब व अवैध वसूली के लिए दबाव बनाती थी। जिसका विरोध करने की वजह से पुलिस इनसे नाराज थी। बाद में यही रंजिश का कारण बना। शनिवार को हुए मामूली विवाद को तूल देते हुए साजिशन पुलिस ने अवैध सामानों को इकट्ठा कर फर्जी ढंग से उसकी बरामदगी पूर्व मंत्री के घर से दर्शाते हुए गलत तरीके से मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा बचाव पक्ष ने पुलिस पर लूटपाट व तांडव का आरोप लगाते हुए हथियारों से लैस पुलिसकर्मियों की पिटाई के आरोप को भी मनगढ़ंत एवं निराधार बताया।
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क्या है पूरा मामला
शनिवार की शाम पूर्व मंत्री रामरतन यादव के प्रधान बेटे राम विशाल यादव से गांव के 70 वर्षीय बुजुर्ग राम उजागिर विश्वकर्मा मिलकर वापस घर लौट रहे थे। तभी थाना क्षेत्र की पुरानी तहसील के पास उपनिरीक्षक पवन मिश्रा वाहन चेकिंग कर रहे थे। इस बीच बुजुर्ग अपनी मोपेड से वहां पहुंचे तो पुलिस टीम ने बुजुर्ग से गाड़ी के कागजात मांगे साथ ही हेलमेट न होने की बात कही। बताया जा रहा है, कि बुजुर्ग ने गाड़ी के कागजात पास में न होने में असमर्थता जाहिर की, लेकिन पुलिस नहीं मानी। आरोप है कि कुछ देर बाद पुलिस ने एक हज़ार रुपए की मांग की। जिसके बाद बुजुर्ग ने पूर्व मंत्री के प्रधान बेटे को मोबाइल पर फोनकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद खुद प्रधान राम विशाल मौके पर पहुंच गए।
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पुलिस का आरोप- प्रधान ने किया खाकी पर हमला
जयसिंहपुर पुलिस का आरोप है कि मोपेड छुड़ाने के दौरान पूर्व मंत्री के प्रधान बेटे ने गुर्गों के साथ मिलकर दरोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मारपीट में दरोगा पवन मिश्रा सहित पांच पुलिसकर्मी व मंत्री पक्ष का एक युवक घायल हो गया। हमलावरों ने सिपाही और दरोगा की वर्दी तक फाड़ डाली। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था।
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ये कहा स्थानीय लोगों ने
वहीं, स्थानीय लोगों की मानें तो शनिवार की रात पुलिस मंत्री के घर पहुंची थी। लोगों की मानें, तो यहां प्रधान राम विशाल के मौके पर न मिलने पर पुलिस मंत्री के 16 साल के नाती अंकित को उठाकर ले गई। आरोप है कि नाती को कोतवाली लाकर पुलिस ने जमकर पीटा जिससे उसका हाथ फैक्चर हो गया।
ट्रक पर लाद ले गए अनाज
मंत्री के परिवार का कहना है कि रविवार की देर रात एक बार फिर 70-80 की संख्या में पुलिस के जवान उनके घर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। पूर्व मंत्री रामरतन यादव ने बताया कि सीओ और एसओ रैंक के अधिकारी दरवाजा तोड़कर हमारे पास आए और मेरे दोनों फोन को जब्त कर लिया। वहीं, महिला पुलिसकर्मियों ने घर की महिलाओं से मोबाइल छीन लिए और पहने हुए गहने भी उतरवा लिए। पूर्व मंत्री ने बताया कि घर पर खड़ी तीन गाड़ियों के साथ भी पुलिस ने तोड़फोड़ की। उनका कहना है कि पुलिस वालों ने एक ट्रक लाकर घर का अनाज आदि उठा ले गए।
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सीओ ने कहा- निराधार है तोड़-फोड़ का आरोप
उधर, सीओ जयसिंहपुर डीपी शुक्ला ने बताया, कि 'शनिवार को चेकिंग के दौरान एसआई के साथ हुए बर्ताव में शामिल अभियुक्तों की धर-पकड़ के लिए पुलिस गई थी। जहां से एक नामित अभियुक्त रामभोर के साथ तीन अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही गैर प्रांत की 2,306 बोतल देसी शराब, तीन असलहे जिसमें से एक के कागजात मिले हैं। सीओ ने तोड़-फोड़ की घटना को निराधार बताया।
एसपी बोले- जांच कर होगी कार्यवाई
इस पूरे मामले पर एसपी अमित कुमार का कहना है कि 'एसआई पवन मिश्रा की तहरीर पर मंत्री पुत्र राम विशाल यादव, पौत्र अंकित यादव सहित पांच लोगों और 12 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, सरकारी अभिलेख फाड़ना, मारपीट सहित गम्भीर धाराओं में केस दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया है। वहीं पूर्व मंत्री राम रतन यादव द्वारा लगाए गए आरोपों पर एसपी ने कहा कि जांच कर उचित कार्यवाई की जाएगी।