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Sonbhadra: मरीज की मौत मामले में विस्तृत जांच के लिए गठित होगी टीम, 10 अस्पतालों के खिलाफ एक्शन शुरू
Sonbhadra News Today: 10 अस्पतालों का पंजीयन हो सकता है निरस्त, मामले में स्वास्थ्य महकमे की तरफ से कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय क्षेत्र के उरमौरा स्थित हाइवे से सटे सोनभद्र मल्टीस्पेशलिटी हास्पीटल एंड ट्रामा सेंटर में उपचार के लिए आए मरीज की शुक्रवार को हुई अचानक मौत मामले में विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में मिली जानकारी के आधार पर, आगे की जांच के लिए एक विशेषज्ञ टीम का गठन किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
यह टीम सभी पक्षों का बयान लेने के साथ ही, मौके पर मरीज को मिलने वाले तात्कालिक ट्रीटमेंट को लेकर क्या संजीदगी बरती गई और इसको लेकर अस्पताल में किस तरह की व्यवस्था अपनाई गई है? इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट सीएमओ को सौंपेगी। उधर, पूर्व में औचक निरीक्षण के दौरान मानकों की अनदेखी को लेकर, 10 अस्पतालों को जारी की गई नोटिस का जवाब न मिलने को लेकर भी कड़ा रुख अख्तियार किया गया है। सोमवार से इन अस्पतालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बताते चलें कि सलखन बाजार निवासी रामसनेही पुत्र छोटेलाल की शुक्रवार को सोनभद्र मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में उपचार के लिए डॉक्टर के यहां बारी आने का इंतजार करते समय अचानक हालत बिगड़ गई थी और उसके कुछ देर बाद ही मौत हो गई। इसको लेकर मरीज के परिजनों और उसके साथ आए लोगों ने जमकर हंगामा किया था। उनका आरोप था कि उपचार में लापरवाही बरती गई। हालत खराब होने का हवाला दिए जाने के बावजूद इंतजार करने के लिए बैठा दिया गया। लोगों की नाराजगी को देखते हुए पुलिस ने जहां मामले में कार्रवाई का भरोसा देकर मामला शांत कराया था। वहीं सीएमओ डॉ. आरएस ठाकुर की तरफ से जांच के निर्देश जारी किए गए थे। प्राइवेट चिकित्सालयों के नोडल डॉ. गुरुप्रसाद ने बताया कि सीएमओ के निर्देश पर उन्होंने मौके पर जाकर जांच की थी लेकिन इसकी विस्तृत जांच के लिए एक टीम गठन की जरूरत है। शनिवार को अवकाश होने के कारण उसकी प्रक्रिया नहीं पूरी हो सकी। सोमवार को टीम का गठन कर मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी। सभी पक्षों के बयान और सभी पहलुओं का अध्ययन कर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सीएमओ को सौंपी जाएगी।
10 अस्पतालों का पंजीयन हो सकता है निरस्तः पूर्व में औचक निरीक्षण के दौरान कहीं बगैर पंजीयन अस्पताल संचालन तो कहीं बगैर डॉक्टर की मौजूदगी के गंभीर मरीजों के उपचार के मामले में स्वास्थ्य महकमे की तरफ से कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नोडल की तरफ से अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। जवाब न दिए जाने पर दोबारा नोटिस जारी की थी। दो दिन में जवाब न मिलने पर मामले को सीएमओ को संदर्भित करने की चेतावनी भी दी गई थी बावजूद किसी अस्पताल का जवाब शनिवार शाम तक नोडल के पास नहीं पहुंच सका था। सेलफोन पर नोडल डॉ. गुरु प्रसाद का कहना था कि नोटिस में जो समय सीमा दी गई थी वह समाप्त हो गई है। सोमवार को प्रकरण से सीएमओ को अवगत कराते हुए एक और नोटिस जारी की जाएगी। इसके बाद भी जवाब न मिलने पर पंजीयन निरस्तीकरण और एफआईआर की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।