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पूर्व सांसद रमाकांत की सुरक्षा पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व में मचा घमासान

Newstrack
Published on: 8 Jan 2016 7:03 PM IST
पूर्व सांसद रमाकांत की सुरक्षा पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व में मचा घमासान
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Anurag Tiwari

लखनऊ. बीजेपी के जिस नेता ने अपनी पार्टी नेतृत्व के कहने पर मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था, उसी की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने उदासीन रवैया अपना रखा है। आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुके बीजेपी नेता रमाकांत यादव को आईएसआईएस, आईएसआई सहित कई आतंकी संगठनों से जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। इस मुद्दे पर रमाकांत न केवल पार्टी लीडरशिप बल्कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस मामले में गृहमंत्रालय को पत्र लिख चुके हैं। वहीं, रमाकांत की सुरक्षा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस घमासान के पेंच में उलझकर रह गया है।

आतंक का विरोध करना पड़ रहा है भारी: रमाकांत

रमाकांत यादव ने newztrack.com से बात करते हुए बताया कि मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद से उनकी जान का खतरा बढ़ गया है। उन्हें खतरा तो पहले से था, लेकिन चुनाव लड़ने के बाद से ये कई गुना बढ़ गया है। देश में कहीं भी आतंकी घटना होती है तो उसका कहीं न कहीं से कनेक्शन आजमगढ़ से निकलता है। वो ऐसे मामलों में देश विरोधी ताकतों का खुलकर विरोध करते हैं। यही वजह है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

पार्टी अध्यक्ष के पत्र का भी नहीं लिया संज्ञान

रमाकांत यादव का कहना है कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर भी अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी। अमित शाह ने बीते साल 22 मई को ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था। इस पत्र को भेजे जाने के लगभग 7 महीने बाद भी रमाकांत को अब तक सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जा सकी है।

अमित शाह ने रमाकांत की सुरक्षा के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा था ये लेटर। अमित शाह ने रमाकांत की सुरक्षा के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा था ये लेटर।

क्या है तल्ख होते रिश्तों की वजह?

सूत्रों के मुताबिक, रमाकांत पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच चल रही खींचतान के चलते उपेक्षित हो रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही राजनाथ सिंह और पार्टी नेतृत्व के बीच खींचतान की खबरें बाहर आने लगीं थीं। ये कभी बीच में हल्की पड़ती है तो कभी जोर पकड़ लेती है। बताया जा रहा है कि इसी खींचतान के चलते गृहमंत्री राजनाथ सिंह कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर हुई बैठकों से नदारद रहे। यहां तक कि वो पठानकोट हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में भी नहीं पहुंचे।

पार्टी को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

रमाकांत को भले ही अब तक कोई सुरक्षा मुहैया न कराई गई हो, लेकिन इससे पहले गृहमंत्रालय ने यूपी के कई पूर्व सांसदों को सुरक्षा दी है। बीते साल मार्च में जौनपुर से बसपा के पूर्व सांसद और बाहुबली धनञ्जय सिंह को गृहमंत्रालय ने जेड प्लस सिक्युरिटी दी थी। ऐसे में पार्टी के सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री की ये चुप्पी पार्टी के अंदर ही अगड़ों और पिछड़ों के बीच संघर्ष को जन्म देगी। इसका खामियाजा पार्टी को बिहार की ही तरह यूपी में भी भुगतना पड़ेगा। बताते चलें कि धनञ्जय सिंह को राजनाथ सिंह का करीबी मना जाता है। कहा ये भी जा रहा है कि 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी कल्याण सिंह को यूपी का चेहरा बनाकर पेश करने की तैयारी में है। इस बात ने भी राजनाथ सिंह को बड़ा झटका दिया है।

अपने ही विभाग की रिपोर्ट पर उदासीन है गृह मंत्रालय

वहीं, रमाकांत यादव का कहना है कि आईएसआई और आईएसआईएस से उनके जान को खतरे की बात आईबी ने भी अपनी रिपोर्ट में कही है। उन्हें डर है कि कभी भी देश विरोधी ताकतें हत्या की नीयत से उन पर हमला कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मुद्दे पर वो यूपी प्रभारी ओम माथुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत और पीएम मोदी से मिल चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तब कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है।

रमाकांत द्वारा पीएम मोदी को लिखा गया लेटर। रमाकांत द्वारा पीएम मोदी को लिखा गया लेटर।



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