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संजय सेठ का LDA को करारा जवाब- 'आपने जिस प्रोजेक्ट-भूमि का नोटिस भेजा, वो मेरे नाम नहीं'
Sanjay Seth: LDA के भेजे नोटिस का संजय सेठ ने करारा जवाब दिया है। कल तक जिस नोटिस को संजय की मुश्किलें बढ़ाने वाला बताया जा रहा था, आज उसे बीजेपी नेता ने धराशायी कर दिया।
Sanjay Seth News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में अवैध निर्माण पर लगातार बुलडोजर गरजता रहा है। अब इसकी जद में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ आए हैं। बुधवार को प्रदेश के सबसे बड़े बिल्डर संजय सेठ को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने नोटिस भेजा था। जिसका गुरुवार (10 नवंबर) को संजय सेठ ने करारा जवाब दिया। कल तक जिस नोटिस को संजय की मुश्किलें बढ़ाने वाला बताया जा रहा था, आज उसे बीजेपी नेता ने सेकेंड्स में धराशायी कर दिया।
दरअसल, एलडीए ने संजय सेठ को हिदायत देते हुए नोटिस में कहा था कि, 10 नवंबर यानी आज 11 बजे उपस्थित होकर साक्ष्यों के साथ जवाब दें। नहीं तो उनके अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया जाएगा।उस नोटिस का जवाब देते हुए संजय सेठ ने दावा किया है कि एलडीए ने उन्हें गलत नोटिस भेजा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण को जांच कर नोटिस भेजना चाहिए था।
जवाब में क्या कहा संजय सेठ ने?
सेठ ने नोटिस के जवाब में कहा, कि 'LDA ने जिस प्रोजेक्ट का विवरण उन्हें नोटिस में दिया है, उसकी भूमि और प्रोजेक्ट उनके नाम पर नहीं है। नोटिस को सोशल मीडिया और पत्रकारों द्वारा मीडिया में विधि व सत्यता के विपरीत प्रसारित और प्रकाशित कर दिया गया है। उन्होंने लिखा, 'इस नोटिस के कारण सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में मुझे और पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। सेठ ने एलडीए से अनुरोध किया है कि, भविष्य में किसी को इस तरह नोटिस भेजने से पहले तथ्य और जानकारी हासिल कर लें। ताकि, किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे।'
क्या है मामला?
दरअसल, एलडीए ने संजय सेठ को बुधवार को अवैध निर्माण मामले पर नोटिस भेजा था। जिसमें उन्हें गुरुवार सुबह 11 बजे तलब किया गया था। ये नोटिस हजरतगंज के जॉपलिंग रोड स्थित शालीमार इमराल्ड अपार्टमेंट के सिलसिले में भेजा गया था। यह नोटिस लखनऊ विकास प्राधिकरण के जोनल विहित प्राधिकारी की तरफ से जारी किया गया था। इस नोटिस में 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्र पर खड़े शालीमार इमराल्ड का बेसमेंट और आठ तल का निर्माण किया गया है। जांच के दौरान एलडीए टीम को स्वीकृत मानचित्र, पूर्णता प्रमाण पत्र आदि को नहीं दिखाया गया। स्थल पर अनधिकृत निर्माण बताया गया। इसलिए धारा- 27 के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था।
गौरतलब है कि सितंबर महीने में लेवाना सुइट्स में हुए अग्निकांड के बाद राजधानी की बड़ी इमारतों और होटलों की जांच शुरू हुई थी। जितने भी अवैध निर्माण या एलडीए से अप्रूव नहीं है उन सबके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में संजय सेठ के इस अपार्टमेंट के भी डॉक्यूमेंट एलडीए को नहीं मिला था। उन्हें इसके लिए नोटिस भी जारी की गई थी।