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Barabanki News: पूर्व LG नजीब जंग का इशारों में मुस्लिमों पर कटाक्ष, बोले- सिर्फ अल्लाहु अकबर कहने से नहीं होगी तरक्की, पढ़ाई सबसे जरूरी
Barabanki News: बाराबंकी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत की पहली सरकार में संचार मंत्री रहे स्वर्गीय रफी अहमद किदवई की याद इस डिग्री कॉलेज का निर्माण हो रहा है।
Barabanki News: बाराबंकी में बच्चों को अब उच्च शिक्षा के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि बहुत जल्द भारत सरकार के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड के सामाजिक सहभागिता कार्यक्रम से 2.44 करोड़ रुपये से रफी अहमद किदवई मेमोरियल डिग्री कॉलेज शुरू होने वाला है। इस डिग्री कॉलेज का भूमि पूजन और शिलान्यास जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रहे नजीब जंग ने किया। उनके साथ पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री और रफी अहमद किदवाई ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. अम्मार रिजवी भी मौजूद रहे। इस दौरान शिक्षा को लेकर तमाम काम कर रहे पूर्व LG नजीब जंग ने इशारों में मुसलमानों पर कटाक्ष किया और साथ ही नसीहत भी दे डाली। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समझते हैं कि सिर्फ अल्लाहु अकबर कह देने से ही तरक्की होगी, लेकिन, ऐसा नही है।
तरक्की का एक ही माध्यम सिर्फ पढ़ाई, बोले- LG
आपको बता दें कि बाराबंकी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत की पहली सरकार में संचार मंत्री रहे स्वर्गीय रफी अहमद किदवई की याद इस डिग्री कॉलेज का निर्माण हो रहा है। रफी अहमद किदवाई ट्रस्ट के सहयोग से बन रहे डिग्री कॉलेज की आधारशिला रखने के बाद एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए नजीब जंग ने कहा कि आज तरक्की करने का केवल एक ही इंस्ट्रूमेंट है, और वह है पढ़ाई। उन्होंने कहा कि जिस मजहब की शुरुआत ही इकरा यानी पढ़ शब्द से हुई हो, वही मजहब आज सबसे पीछे है। इस मजहब के लोग यह समझते हैं कि सिर्फ अल्लाहु अकबर कह देने से ही तरक्की होगी, लेकिन, ऐसा नही है। नजीब जंग ने कहा कि दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम बहुत जरूरी है। दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग ने शिक्षा को एक अहम जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़ों को शिक्षा क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसको लेकर उन्होंने एक संस्था बनाई। संस्था ने जब सर्वे किया तो पता चला कि यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में ये शिक्षा के मामले में बहुत पीछे हैं।
नजीब जंग ने कहा कि अगर किसी शिक्षण संस्थान में प्रतिभावान शिक्षक नहीं हैं तो लक्ष्य हासिल करना मुश्किल काम है। उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी फैज किदवई से कहा कि अपने स्कूल के शिक्षकों को कर्नाटक, बंगलूरू भेजें, जिससे यह डिग्री काॅलेज प्रतिभावान शिक्षकों के लिए भी जाना जाए। उन्होंने इंटर पास कर जामिया स्कूल में दाखिला लेने वाली छात्राओं को अपने ट्रस्ट से एक वर्ष की फीस देने का वादा भी किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व कार्यवाहक सीएम डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि हर माता-पिता की पहली जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें। अम्मार रिज़वी ने सराहना करते हुए कहा कि ये डिग्री कॉलेज क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाएगा। वरिष्ठ आईएएस फैज किदवई ने कहा कि यहां संचालित ओपन कक्षाओं में पढ़ाई छोड़ चुके लोग भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ऑडिटोरियम एवं म्यूजियम बनवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कॉलेज में कम्प्यूटर सेंटर का भी शुभारंभ किया गया है।
आपको बता दें कि बाराबंकी के मसौली कस्बे में फरवरी 1894 में पैदा हुए रफी अहमद किदवई की याद में ट्रस्ट के लोगों और उनके परिवार ने डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला किया। जिसका शिलान्यास किया गया। मसौली कस्बे में जन्मे रफी अहमद किदवई ने कस्बे से प्राइमरी शिक्षा पूरी कर अलीगढ़ में दाखिला लिया। वहां से पढ़ाई पूरी कर आजादी के लिए चल रहे असहयोग आंदोलन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में उन्होंने हिस्सा लिया। खिलाफत आंदोलन के जरिये राजनीति में दाखिल हुए रफी अहमद किदवई पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता मोती लाल नेहरू के सचिव रहे। उसके बाद मोती लाल नेहरू द्वारा संगठित स्वराज पार्टी के वे सक्रिय सदस्य भी रहे। आजादी के बाद बनी पहली सरकार में रफी अहमद संचार मंत्री बनाए गए थे।
साल 1952 के आम चुनाव में रफी अहमद बहराइच संसदीय क्षेत्र से सांसद बने और केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बने। 24 अक्टूबर 1954 को उनका देहावसान हो गया। रफी अहमद किदवई की मौत के बाद जवाहरलाल नेहरू मसौली आये थे। उन्होंने ही यहां उनकी मजार बनवाई थी। रफी अहमद किदवई के नाम से एक ट्रस्ट भी चल रहा है जो मसौली में एक इंटर कॉलेज का संचालन करता है। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए क्षेत्र में कोई डिग्री कॉलेज नही था। इसी के मद्देनजर ट्रस्ट से जुड़े लोगों, उनके भतीजे और पूर्व मंत्री व विधायक फरीद महफूज किदवई समेत उनके परिवार के लोगों ने डिग्री कॉलेज बनवाने का फैसला किया।