TRENDING TAGS :
Dhananjay Singh: धनंजय सिंह की बदली गई जेल, जौनपुर से बरेली भेजा गया
Dhananjay Singh: यूपी के जौनपुर संसदीय सीट से सांसद रहे धनंजय सिंह की जेल बदली गई है। जौनपुर जिला जेल में बंद धनंजय सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच बरेली जेल भेज दिया गया है।
Dhananjay Singh: जौनपुर जेल में सात साल की सजा काट रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जेल बदल दी गई है। धनंजय सिंह को आज यानि शनिवार सुबह आठ बजे जिला कारागार जौनपुर से बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया। धनंजय सिंह को जिला जेल से हटाए जाने के बाद उनके समर्थक और सहयोगियों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। हालांकि धनंजय सिंह की जमानत के मामले में हाईकोर्ट में हुई अपील पर बहस हो चुकी है। आज शनिवार को फैसला आने की प्रबल संभावना भी जताई जा रही थी इसके बाद भी जौनपुर जेल से हटाए जाने के मुद्दे पर जिला अथवा जेल के अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज करते नजर आ रहे हैं।
बता दें जौनपुर मुख्यालय पर चल रहे नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल से 10 मई 2020 को अपरहण करने और रंगदारी टैक्स की वसूली करने के आरोप में थाना लाइन बाजार में बाहुबली नेता पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ धारा 364, 386, 504, 506, और 120 बी का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय भेजा दिया था। कोर्ट में मुकदमें के परिसीलन के दौरान मुकदमा वादी अभिनव सिंघल सहित सभी गवाह पक्ष द्रोही (होस्टाइल) हो गए थे। लेकिन अचानक 05 मार्च 2024 को एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शरद चन्द त्रिपाठी ने धनंजय सिंह के दोषी करार दे दिया और 06 मार्च 2024 को अपने 50 पेज के फैसले में सात साल की बामुसक्कत सजा और डेड़ लाख रुपए का जुर्माना लगा कर दण्डित कर दिया। अपने फैसले में जज ने धनंजय सिंह के सभी 40 अपराधिक इतिहास का जिक्र भी किया है।
सजा पाने के बाद से धनंजय सिंह अपने साथी के साथ लगातार जौनपुर जेल में सजा काट रहे थे। यहां बता दे कि 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए थे लेकिन अचानक सजा मिलने के बाद जेल जाने के कारण धनंजय सिंह अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लेते हुए बसपा से सम्पर्क कर टिकट भी हासिल कर लिए। पत्नी चुनाव मैदान में धनंजय सिंह के समर्थको के लेकर कूद पड़ी थी धनंजय सिंह जेल से चुनाव के संचालन का किरदार निभा रहे है। भाजपा के प्रत्याशी सहित भाजपा के कुछ जिम्मेदारो को इससे परेशानी होने लगी और उन्हे वोट में सेंधमारी होने का डर सता रहा था।
हालांकि कानून में व्यवस्था है कि सजा प्राप्त व्यक्ति अपने जिले की जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसी कानून के तहत गुरुवार की शाम को आदेश तो जौनपुर प्रशासन के पास आ गया था। उस आदेश का अनुपालन शनिवार की सुबह कर दिया गया है। जन चर्चा है कि भाजपा के लोगो ने धनंजय सिंह को लेकर उच्च स्तर पर शिकायत की थी कि उनके द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जेल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगो से मिलकर कर श्रीकला धनंजय सिंह रेड्डी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
धनंजय सिंह को जेल से निकालते समय उनके समर्थक बड़ी तादाद में जेल के बाहर मौजूद रहे। प्रशासनिक काफिले के साथ बरेली तक के लिए गये हैं। हालांकि धनंजय सिंह के साथ हुई इस कार्यवाई के राजनैतिक मायने भी तलाशे जा रहे है। इसका असर लोकसभा के चुनाव में भाजपा पर कितना पड़ेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन जन मत इस कार्यवाई के पीछे भाजपा नेताओं का हाथ मान रही है। इस पूरे मामले पर जेल अधीक्षक और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनके स्तर से कोई बात नहीं की गई है। एक सवाल यह भी है कि जब शनिवार को हाईकोर्ट से जमानत की अपील पर निर्णय आने की संभावना थी तो जेल बदलने के पीछे का खेल क्या है।