Sonbhadra News: सोशल साइट के जरिए की दोस्ती, 300 किमी दौड़ी चली आई युवती, प्रेमी ने दोस्तों संग किया दुष्कर्म का प्रयास

Sonbhadra News: बात इतनी बढ़ गई कि गत शुक्रवार को युवती गोरखपुर से भागते हुए सोनभद्र के डाला पहुंच गई। अचानक से युवती को आया देख जहां प्रेमी और उसके दोस्त हैरान रह गए।

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 Jun 2022 4:19 PM GMT (Updated on: 26 Jun 2022 4:31 PM GMT)
Sonbhadra News: Friendship through social site, girl ran 300 km, lover raped friends
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सोनभद्र में प्रेमी ने दोस्तों संग किया दुष्कर्म: Photo - Social Media

Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र (Chopan Police Station Area) के डाला पुलिस चैकी अंतर्गत जवारीडांड़ इलाके के कब्बाखाड़ी के जंगल में अर्धनग्न हाल में लहूलुहान मिली युवती के मामले में हैरान कर देने वाला खुलासा सामने आया है। बताते हैं कि पहले डाला निवासी युवक की रांग नंबर के जरिए गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद निवासी युवती से बात हुई। इसके बाद सोशल साइट (फेसबुक) के जरिए, उससे चैटिंग शुरू कर दी। कुछ दिन तक चली चैटिंग दोस्ती में बदल गई और दोनों में प्रेमालाप शुरू हो गया।

बात इतनी बढ़ गई कि गत शुक्रवार को युवती गोरखपुर से भागते हुए सोनभद्र के डाला पहुंच गई। अचानक से युवती को आया देख जहां प्रेमी और उसके दोस्त हैरान रह गए। वहीं उसे सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने के बहाने जंगल में ले जाया गया। आरोप है कि वहां प्रेमी और उसके साथियों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की कोशिश की। एतराज पर पिटाई कर लहूलुहान कर दिया। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो छापेमारी कर प्रेमी और उसके दो दोस्तों को दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद रविवार की शाम चालान कर दिया गया।

जंगल में युवती अर्धनग्न हालत में मिली

बताते चलें कि शनिवार की सुबह कब्बाखाड़ी के जंगल में युवती अर्धनग्न हालत में मिली तो हड़कंप मच गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस एंबुलेंस के जरिए उसे चोपन सीएचसी लाई। वहां उपचार के बाद, उसने पुलिस को पूरे घटना को जानकारी दी। इसके बाद उसकी तहरीर पर चोपन थाने में फेसबुक के जरिए दोस्ती करने वाले अभिषेक मोदनवाल पुत्र लक्ष्मण निवासी डाला बाजार के खिलाफ धारा 354ख और 325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर, मामले की छानबीन शुरू कर दी गई। पुलिस की छानबीन में घटना में शामिल, अभिषेक के दोस्त विशाल अग्रहरी पुत्र राजकुमार और आर्यन मोदनवाल पुत्र शिवचंद निवासी डाला बाजार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को कई हैरान करने वाली जानकारियां दी।

बताते हैं कि अभिषेक की सबसे पहले रांग नंबर के जरिए गोरखपुर जनपद निवासी युवती से फोन पर बात हुई। इस दौरान उसके नाम-पता की जानकारी मिलने के बाद उसने उससे फेसबुक के जरिए वर्चुअल दोस्ती कर उसके साथ चैटिंग शुरू कर दी। धीरे-धीरे दोनों के बीच सेलफोन के जरिए भी घंटों बातें शुरू हो गईं। बातों-बातों में अभिषेक ने उसे डाला आने का न्योता दे दिया। वहीं फोन पर हुई बात के क्रम में, युवती भी बस पकड़कर सीधे डाला पहुंच गई।

गत शुक्रवार की शाम जब युवती अचानक से डाला पहुंची तो उसे रखा कहां जाए, इसको लेकर अभिषेक के होश उड़ गए। इसके लिए उसने अपने दोस्तों की मदद लेनी चाही लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिल पाया। किसी तरह रात गुजरने के बाद, अभिषेक शनिवार की भोर में उसे दूसरी जगह सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने की बात कहते हुए, स्कूटी से लेकर जंगल की तरफ चला गया। आरोप है कि उसके पीछे-पीछे उसके दोनों दोस्त भी पहुंच गए।

आरोप है कि वहां तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया, सफल नहीं हुए तो उसे पीटकर घायल कर दिया। बात पुलिस तक पहुंची तो मामले पर से पर्दा उठता चला गया। डाला चैकी इंचार्ज मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि पहले रांग नंबर से बात, इसके बाद फेसबुक के जरिए दोस्ती और अभिषेक के बुलावे पर युवती को डाला पहुंचने की बात सामने आई है। अभिषेक और उसके दोस्त विशाल और आर्यन तीनों का पूछताछ के बाद संबंधित धाराओं में चालान कर दिया गया है।

सोशल साइटों को लेकर अभिभावक रहें सचेत, लड़कियों की करते रहे काउंसलिंग

सोशल साइट्स के जरिए ही संपर्क होने पर सोनभद्र की छात्रा को उड़ीसा पहुंचने और इसी तरह की दोस्ती में गोरखपुर के युवती के सोनभद्र पहुंचने की घटनाएं सामने आने के बाद, अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे हैं। मनोचिकित्सक डा. संजय कुमार सिंह कहते हैं कि बच्चों को ऐसे मामलों से बचाव के लिए जरूरी है कि उन्हें समय-समय पर अच्छे-बुरे की पहचान और इसकी जानकारी कराते रहें। उनके साथ दोस्ताना माहौल बनाए रखें। उनकी गतिविधियों और उनके फ्रेंड सर्किल की भी जानकारी करते रहें। ताकि उन्हें जहां अपने बच्चों के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहे। वहीं बच्चे भी किसी बात को निःसंकोच उनसे शेयर कर सकें। कहा कि ऐसा होने पर, सोशल साइट्स से होने वाली दोस्ती के जाल में बच्चों के फंसने की संभावनाएं काफी कम हो जाएगी।

Shashi kant gautam

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