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Meerut: बाजारों में मेरठ मूर्तिकारों का जलवा, चीनी मूर्तियां गायब
Meerut: मेरठ के कारीगरों द्वारा बनाई गई मूर्तियां मेरठ समेत आसपास के जिलों में काफी पसंद की जा रही है, जिससे कारीगरों के चेहरे खिल रहे हैं।
Meerut: मेरठ के कारीगरों द्वारा बनाई गई मूर्तियां मेरठ समेत आसपास के प्रदेशों में काफी पसंद की जा रही है, जिससे कारीगरों के चेहरे खिल रहे हैं। मेरठ के शिल्पकार दिल्ली से लेकर हरियाणा तक के बाजार पर पूरी तरह से हावी हो चुके हैं।
चीनी मूर्तियां पूरी तरह से गायब: मूर्तिकार
मूर्तिकार विशू के अनुसार मेरठ के कारीगर उतनी ही कीमत पर मूर्तियां उपलब्ध करा रहे हैं जितना व्यापारियों को चीन से आर्डर देने पर लागत आती थी। इसलिए मेरठ से मूर्तियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। देश के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर मेरठ की मूर्तियां बिक रही हैं। चीनी मूर्तियां पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं। लोग सिर्फ अपने ही देश में बनी देवी-देवताओं की मूर्तियों की मांग कर रहे हैं।
इन शहरों के बाजार में 60 से 70 प्रतिशत पर मेरठ की मूर्तियों की रही बिक
दिल्ली समेत हरियाणा, राजस्थान, पंजाब प्रदेश और नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, रुड़की, बरेली आदि शहरों के मूर्तियों के बाजार में 60 से 70 प्रतिशत पर मेरठ की मूर्तियों की बिक्री हो रही है। मेरठ देश का प्रमुख मूर्ति निर्माण का केंद्र बन गया है। होलसेलर अशोक कहते हैं, कुछ सालों पहले तक देसी मूर्तियों की डिमांड को चाइनीज ने कम कर दिया था, लेकिन इस साल देसी कारीगरों की मूर्तियों की डिमांड काफी अधिक बढ़ी है। दिल्ली सबसे अधिक डिमांड हो रही है। 60 फीसदी बाजार पर मेरठ छाया हुआ है।
गणपति बप्पा की मूर्ति को तैयार करने का काम जोरों पर: मूर्ति विक्रेता
सदर बाजार के मूर्ति विक्रेता राहुल कहते है कि गणेश उत्सव के लिए गणपति बप्पा की मूर्ति को तैयार करने का काम जोरों पर है। मेरठ से बनी हुई ये मूर्तियां मुंबई और उत्तराखंड के कई शहरों को भेजी जाती हैं। सप्लाई को पूरा करने के लिए यहां के थापर नगर में काम काफी तेज हो गया है। जो मूर्तियां तैयार हो गई हैं वह दूसरे शहरों में भेजी जा रही हैं। राहुल के अनुसार इस बार गणेश जी की 6 इंच से लेकर 6 फीट तक की मूर्तियां बाजार में देखने को मिल रही हैं, जिनकी कीमत ₹100 से लेकर ₹25000 तक है। उन्होंने बताया कि अब तक 30 से ज्यादा 6 फीट की मूर्तियां बिक चुकी हैं। थापर नगर स्थिति अजंता मूर्ति कला केंद्र में कलाकार छह महीने पहले ही इन मूर्तियों की तैयारी में जुट जाते हैं। यहां की बनी मूर्तियों की कीमत एक लाख रुपए तक है।
चीन से आयातित मूर्तियों की बिल्कुल नहीं मांग
मेरठ और दिल्ली से जुड़े थोक बाजार व्यापारियों की मानें तो बाजार में चीन से आयातित मूर्तियों की बिल्कुल मांग नहीं है। वजह चीन से आयातित मूर्तियां में आकर्षण नहीं दिख रहा है। ऐसे में इनके ग्राहक भी नहीं हैं। जिस तरह से गणेश चतुर्थी को लेकर इस बार गणपति बप्पा की मूर्तियों की डिमांड हो रही है। उससे मेरठ के मूर्तिकारों को दीपावली पर अच्थी-खासी कमाई की उम्मीदें जगी हैं। मेरठ के थापर नगर में मूर्तिकार द्वारा भगवान श्री गणेश की तरह-तरह की मूर्तियां बनाई गई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा आकर्षक मूर्ति भगवान श्री गणेश का कृष्ण अवतार है। भगवान श्री कृष्ण की तरह गजानन बांसुरी बजाते हुए चूहे की जगह मोर के सिंहासन पर बैठे हुए हैं।