Lucknow Ganesh Chaturthi 2022: लखनऊ के बाजारों में मची गणेश उत्सव की धूम, बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने पहुँचे

Ganesh Chaturthi 2022: लखनऊ में गणेश उत्सव की तैयारियां अब अंतिम स्तर पर है। गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के आने का भक्तों को जोरों-शोरों से इंतजार है। इस दिन शुभ मुर्हुत में घरों में पंडालों में गणपति बप्पा का आगमन होगा।

Vidushi Mishra
Published on: 24 Aug 2022 1:00 PM GMT
Ganesh Utsav in Lucknow
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लखनऊ में गणेश उत्सव की तैयारियां जोरों पर (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow Ganesh Chaturthi 2022: राजधानी लखनऊ में गणेश उत्सव की तैयारियां अब अंतिम स्तर पर है। गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के आने का भक्तों को जोरों-शोरों से इंतजार है।


इस दिन शुभ मुर्हुत में घरों-पंडालों में गणपति बप्पा का आगमन होगा।


राजधानी में जगह-जगह पंडाल सजने लगे हैं। लखनऊ में गढ़ी कनौरा में गणेश उत्सव को लेकर कारीगर गणेश प्रतिमा को अंतिम रूप दे रहे हैं।


गणेश चतुर्थी को लेकर राजधानी लखनऊ की बाज़ारों में रौनक़ बढ़ गयी है, गणेश उत्सव की लेकर मूर्ति कलाकार भी गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं।


गढ़ी कनौरा में पिछले 30 से अधिक वर्षों से गणेश जी की मूर्ति बना रहे मनीष ने कहा कि इस बार गणेश उत्सव को लेकर लोग काफ़ी उत्साहित है और पहले की अपेक्षा ज़्यादा संख्या में लोग मूर्ति बनवाने के लिए आए हैं।


उन्होंने बताया कि इस बार गणेशोत्सव को लेकर पांच से दस फुट तक की मूर्ति तैयार की गई है। लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई के चलते इस बार मूर्ति की क़ीमतों में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है। इसकी कीमत 6 हज़ार से लेकर 22 हजार क़ीमत तक की मूर्ति तैयार की गई है।


उन्होंने बताया कि मूर्ति बनाने की तैयारी काफ़ी पहले से करनी होती है, जिससे समय पर मूर्ति का काम पूरा किया जा सके। मूर्ति में लगने वाला सामान काफ़ी महंगा हो गया है, जिसके कारण मूर्तियों के दाम में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


सबसे ज्यादा धूमधाम से गणेश उत्सव महाराष्ट में मनाया जाता है लेकिन अब बीते 10 सालों से यूपी समेत अन्य कई राज्यों में गणपति उत्सव मनाया जाने लगा। ऐसे में इन सालों में गणेश भगवान की मूर्तियों की स्थापना भी भक्तों ने करना शुरू किया।


ऐसे में अब राजधानी में करीबन 20 हजार मूर्तियां बनती हैं। इतनी बड़ी लागत में मूर्तियों को बनाने के लिए कारीगर मई से ही मूर्तियों बनाना शुरू कर देते हैं। कारीगर सांचे में प्लास्टर आफ पेरिस भरकर मूर्तियों को तैयार करते हैं।

Vidushi Mishra

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