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Siddharthnagar: अनंत चतुर्दर्शी तक चलेगा गणेशोत्सव घर-घर में स्थापित होंगी भगवान गणेश की प्रतिमा

Siddharthnagar: इस बार बुधवार से गणेशोत्सव पर्व प्रारंभ हो रहा है। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ, इस कारण इस तिथि पर जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।

Intejar Haider
Published on: 30 Aug 2022 3:43 PM GMT
Siddharthnagar News
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भगवान गणेश की प्रतिमा तैयार करते कलाकार (फोटों न्यूज नेटवर्क)

Siddharthnagar News: इस बार बुधवार से गणेशोत्सव पर्व प्रारंभ हो रहा है। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ, इस कारण इस तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होगा। ज्योतिषाचार्य पं. ठाकुर प्रसाद मिश्रा के अनुसार घर की सुख-समृद्धि, शांति और बाधाओं को दूर करने के लिए घर पर गणपति की स्थापना और विधि-विधान के साथ गणपति की पूजा लाभकारी है।

बंगाल से आए मूर्तिकारों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है। मंगलवार से ही प्रतिमाएं पांडालों में स्थापित हो जाएंगी। इसके अलावा घरों में भी लोग भगवान का स्वरूप स्थापित कर पूजा अर्चना करने में जुटेंगे। कस्बे की बात करें तो शाहपुर, तेलियाना मोहल्ला और मंदिर तिराहे के निकट प्रतिमाएं स्थापित होंगी और 10 दिन तक गणपति बप्पा के जयकारे गूंजेंगे।ज्योतिषाचार्य पं. श्यामसुंदर मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष गणेश उत्सव बड़े ही शुभ योग में मनाया जाएगा।

गणेशोत्सव की शुरुआत 31 अगस्त बुधवार के दिन से हो रही है। शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा-आराधना करने पर सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा गणेश चतुर्थी पर रवि योग का संयोग भी बन रहा है। रवि योग में की जाने वाली पूजा सदैव लाभकारी होती है। इस दिन रवि योग 31 अगस्त को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर 01 सितंबर की सुबह 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। वहीं अगर ग्रहों के योग की बात करें तो गणेश चतुर्थी के दिन चार प्रमुख ग्रह स्वराशि में मौजूद रहेंगे। गुरु अपनी स्वराशि मीन में, शनि मकर राशि में, बुध ग्रह स्वयं अपनी कन्या राशि में और सूर्यदेव स्वराशि सिंह में मौजूद होंगे। इस वजह से शुभ संयोग में गणेश स्थापना करने पर जीवन में वैभव, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होगी।

Prashant Dixit

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