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Sonbhadra News: हरियाणा के सीएम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, स्टेट कोआर्डिनेटर सहित पांच गिरफ्तार
Sonbhadra News: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर उसे निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने के मामले का पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर दिया।
Sonbhadra News: सीएमओ कार्यालय के डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट जन्म-मृत्यु मनोज कुमार ने 10 फरवरी को पन्नूगंज थाने में मनोहर लाल पुत्र हरवंश लाल नाम से दो फरवरी को फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने और उसका संबंध जिले के पन्नूगंज से बताए जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर उसे निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने के मामले का पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर दिया। इस मामले में जन्म एवं मृत्यु आंकड़ा अनुभाग के स्टेट को-आर्डिनेटर यशवंत सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं इसका कनेक्शन आजमगढ़ से जुड़ा पाए जाने से पुलिस महकमे में हडकंप मचा है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद उनका चालान कर दिया गया। इस मामले में एक व्यक्ति द्वारा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए मैसेज भेजने और इसके बदले भुगतान किए जाने का भी मामला सामने आया है, जिसको लेकर पुलिस जानकारी जुटाने में लगी हुई है। मैसेज कहां से आया था, किसने भेजा था, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भुगतान किसके द्वारा किया गया था, इसको लेकर अभी छानबीन जारी है।
प्री एक्टिवेटेड सिम के जरिए हो रहा था जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का खेल
नवागत एएसपी आॅपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में मामले का खुलासा करते हुए कहा कि सीएमओ कार्यालय के डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट जन्म-मृत्यु मनोज कुमार ने गत 10 फरवरी को पन्नूगंज थाने में मनोहर लाल पुत्र हरवंश लाल नाम से दो फरवरी को फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने और उसका संबंध जिले के पन्नूगंज से बताए जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी।
वहीं एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी सदर डॉ. चारु द्विवेदी के निर्देशन में अपराध शाखा और थाना पन्नूगंज की संयुक्त टीम गठित कर मामले के जल्द खुलासे के निर्देश दिए थे। मामले में धोखाधड़ी-कूटरचना की धाराओं के साथ ही धारा 66 (सी), 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश जारी थी। छानबीन आगे बढ़ी तो पता चला कि प्रशांत मौर्या पुत्र रामरतन मौर्या निवासी हरैया, थाना कोतवाली शहर, जिला आजमगढ़ की मोबाइल की दुकान है। उसने मोनू शर्मा उर्फ शिवानंद शर्मा पुत्र उग्रनाथ शर्मा निवासी हरैया, पोस्ट भवरनाथ, थाना कोतवाली शहर, आजमगढ़ को प्री एक्टिवेटेड सिम दी।
इसके बाद मोनू शर्मा ने यशवंत पुत्र बदन सिंह निवासी रिवाडी, थाना सकिट, जनपद एटा, जो जन्म-मृत्यु आंकड़ा अनुभाग में स्टेट कोआर्डिनेटर है से पूर्व के संबंधों के आधार पर संपर्क स्थापित किया और उनसे, सीआरएस पोर्टल की आईडी और पासवर्ड हासिल कर उस पर लिए गए सिम कार्ड का नंबर अपडेट कर दिया। इसके बाद उसके जरिए ओटीपी हासिल कर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का काम शुरू कर दिया।
मामला आया सामने तो आरोपियों ने ही मृत्यु प्रमाणपत्र कर दिया निरस्त
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गत दो फरवरी को एक व्यक्ति ने मैसेज के जरिए मनोहर लाल पुत्र हरवंश लाल निवासी 719 न्यू प्रेमनगर पोस्ट प्रेमनगर करनाल हरियाणा पिन- 132001 का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विवरण भेजा। इस काम में अंसार अहमद पुत्र स्व. कमरूद्दीन अंसारी निवासी मेहनगर बाजार, थाना मेहनगर और मो. कैफ अंसारी पुत्र अली हुसैन निवासी ग्राम गौरा, थाना मेहनगर, आजमगढ़ का सहयोग लेकर, मिले विवरण के आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। इसके बदले में उन्हें भुगतान भी मिला। एक सप्ताह बाद जब पता चला कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है तो हड़कंप मच गया। उधर, जब इस मामले की छानबीन शुरू की गई तो आरोपियों ने उसे निरस्त भी कर दिया। एएसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त चार लैपटाप और सात मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।
गिरफ्तारी में इन पुलिसकमियों की रही अहम भूमिका
प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह थाना पन्नूगंज, निरीक्षक मो. साजिद सिद्दीकी प्रभारी सर्विलांस सेल, निरीक्षक शेषनाथ पाल प्रभारी एसओजी, प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह थाना करमा, एसआई सरोजमा सिंह चैकी प्रभारी लोढ़ी, एसआई संजीव कुमार राय थाना पन्नूगंज, मुख्य आरक्षी जगदीश मौर्या, अतुल सिंह, सौरभ कुमार राय, प्रकाश सिंह, आरक्षी अमित सिंह, रितेश सिंह पटेल, अजीत यादव की गिरफ्तारी में अहम भूमिका रही।