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Ganga Aarti: गंगा के साथ सहायक नदियों की बदलेगी सूरत, काशी, प्रयागराज की तर्ज पर होगी 'आरती'
Clean Ganga: गंगा के किनारे अब बाकी 13 सहायक नदियों के घाटों को भी काशी, प्रयागराज की तर्ज पर सजाया और संवारा जाएगा।
Clean Ganga Mission: काशी, प्रयागराज, बिठूर की तरह गंगा (Ganga River) के किनारे अब बाकी 13 सहायक नदियों के घाटों पर भी आपको भक्तिमंय माहौल दिखाई देगा। योगी सरकार (Yogi Government) ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। गंगा की इन सहायक नदियों के किनारे शंखनाद, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारे गूंजेंगे। काशी, प्रयागराज में जिस तरह से गंगा आरती के समय मेला सा नजारा दिखाई देता है उसी तर्ज पर अब इन 13 सहायक नदियों के घाटों को भी सजाया और संवारा जाएगा।
इन घाटों पर भी आने वाले समय में गंगा आरती होगी। सीएम योगी की कोर प्राथमिकताओं में शामिल गंगा स्वच्छता अभियान को विस्तार देते हुए गंगा नदी के साथ उसकी सहायक नदियों को भी संरक्षित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
गंगा को स्वच्छ बनाने में जुटी योगी सरकार
बता दें कि योगी सरकार ने पिछले कार्यकाल में बिजनौर से कानपुर और बलिया से कानपुर तक विशाल गंगा यात्रा का आयोजन किया था जो जागरूकता और स्वच्छता अभियान की दृष्टि से बेहद सफल रहा था। नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Programme) के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने में जुटी योगी सरकार की नई योजना से सहायक नदियों के घाटों की सूरत बदली जाएगी।
नदी के किनारे बने पुराने घाटों को संवारने के साथ गांव-गांव में गंगा मेले जैसे आयोजन भी शुरू होंगे। इस संबंध में नमामि गंगे परियोजना से इन घाटों की सूरत बदलने की योजना को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश अफसरों को दिये गए हैं। गंगा नदी के किनारे घाटों को सुंदर बनाने, नए घाटों को विकसित करने और नदी किनारे बसे गांव में गंगा मेला जैसे आयोजन की कार्ययोजना को तेजी से पूरा करने के लिए कहा गया है।
गंगा को और स्वच्छ बनाने पर फोकस
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजनौर से शुरू होकर काशी, प्रयागराज, कानपुर के रास्ते बलिया होकर बिहार जाने वाली गंगा में गिरने वाले नालों को बड़े स्तर पर अभियान चलाकर राज्य सरकार ने या तो रोक दिया है या उनको टैप कर दिया गया है। यहां बड़े-बड़े एसटीपी बनाएं गये हैं और कई जगह पर गंगा में गिरने वाले नालों को बंद करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सरकार का ध्यान अब गंगा में मिलने वाली नदियों के प्रदूषण को रोकने पर है जिससे गंगा को और स्वच्छ बनाया जा सके।
तय योजना के मुताबिक प्रदेश भर में गंगा में कही न कहीं मिलने वाली नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया गया है। इन नदियों में गिरने वाले सीवेज को चिन्हित करके उनको बंद करने के साथ नदी के दोनों किनारों पर बसे गांव, शहरों और कालोनियों के लोगों को जागरूक करने के प्रयास शुरू होंगे। नदियो के घाटों को सुंदर बनाकर स्थानीय लोगों को सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक रूप से जोड़ने की अनूठी योजना भी बनाई गयी है।
इन प्रमुख नदियों के घाटों की बदल जाएंगी सूरत
नमामि गंगे परियोजना से गंगा से मिलने वाली रामगंगा, बेतवा, घाघरा, सरयू, राप्ती, वरुणा, काली, यमुना, हिंडन, गर्गो, केन, गोमती और सई के किनारे घाटों की सूरत बदली जाएगी।
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