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गंगा के घाटों से कहां गई रामनामी चादरें, ये है अंतर कथा

Ganga Ramnami Sheets : गंगा के किनारे दफनाए गए शवों की वीडियो और तस्वीरें वायरल हुई विपक्ष सरकार पर हमला हो गया।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shraddha
Published on: 28 May 2021 12:15 PM IST
गंगा के घाटों से गायब हो रही रामनामी चादरें
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गंगा के घाटों से गायब हो रही रामनामी चादरें (फोटो सोशल मीडिया) 

Ganga Ramnami Sheets : पिछले दिनों गंगा (Ganga) किनारे बड़ी संख्या में दफनाए गए शवों (Buried bodies) के वीडियो और फोटोग्राफ वायरल होने के बाद सरकार (Government) और प्रशासन के लिए जहां जवाब देना मुश्किल हो गया था वहीं अब यह कहा जा रहा है कि गंगा के किनारे शव दफनाने की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा है। लेकिन दफन किये गए शवों के ऊपर बांस गाड़ कर तानी गई चादरें किसने और क्यों हटाई अब यह विवाद का बिन्दु बन गया है।

सरकार और प्रशासन ने इस कार्य को करने से पल्ला झाड़ते हुए जांच करानी शुरू कर दी है। लेकिन सवाल अब भी उठ रहे हैं कि यह सही है कि गंगा किनारे शव दफनाने की परंपरा पुरानी है लेकिन अचानक से इतनी बड़ी तादाद में शव कहां से आ गए। क्षेत्र के गांव वालों का भी मीडियाकर्मियों से कहना है कि यह सही है कि गंगा के किनारे शव दफनाए जाते हैं।

ज्यादातर बच्चों या जिनका जनेऊ नहीं हुआ होता या फिर कुंआरी लड़कियों के शव दफनाने की परंपरा पुरानी है। लेकिन इतनी बड़ी तादाद में दफनाए गए शवों को पहली बार देखा गया है। आशंका यही जताई जा रही है कि इनमें कोविड संक्रमित मरीजों के शव भी हो सकते हैं जिन्हें दूरदराज के गांवों से लाकर आनन फानन में दफना दिया गया है। ताकि संक्रमण न फैले।

सूत्रों का कहना है कि गंगा के किनारे दफनाए गए शवों के मामले में जब वीडियो और तस्वीरें वायरल हुई तो विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। बैकफुट पर आई सरकार ने जिला प्रशासन से जुड़े लोगों के जब काम उमेठे तो स्वच्छता अभियान चला। स्वच्छता और सफाई अभियान में गंगा के किनारों से बांस और रामनामी चादरें गायब हो गई।

विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर खबरें भी आई कि दफनाए गए शवों पर उढ़ाई गई चादरें धो कर फिर से बाजार में बेच दी गई। इस संबंध में प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जब गंगा के किनारे स्वच्छता पर सवाल उठे तो जिस अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में जो घाट थे वहां सफाई अभियान चला। इस दौरान फेंकी गई पीपीई किट्स, कफन और बांस आदि हटाने को कहा गया था। संभावना जताई जा रही है कि सफाई अभियान में लगे कर्मचारियों ने सफाई के दौरान रामनामी चादरें भी हटा दीं या फिर गैर इरादतन तरीके से हट गई। घाट साफ हो गए लेकिन रामनामी चादरों का मुद्दा गरमा गया। अब प्रशासन इसकी जांच करा रहा है कि रामनामी चादरें कैसे हट गई।



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