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राजकीय आश्रम पद्धति के कॉलेज संविदा कर्मियों को बड़ी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कालेज मानिकपुर, चित्रकूट धाम में कार्यरत संविदा कर्मियों को सेवा से हटाने के जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जब उप निदेशक समाज कल्याण ने संविदा कर्मियों का कार्यकाल बढ़ा दिया तो तथ्यहीन शिकायत पर नियुक्ति निरस्त करने का क्या औचित्य है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कालेज मानिकपुर, चित्रकूट धाम में कार्यरत संविदा कर्मियों को सेवा से हटाने के जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जब उप निदेशक समाज कल्याण ने संविदा कर्मियों का कार्यकाल बढ़ा दिया तो तथ्यहीन शिकायत पर नियुक्ति निरस्त करने का क्या औचित्य है।
कोर्ट ने डीएम को नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए नये सिरे से आदेश पारित करने की छूट दी है और कहा है कि याचियों ने काम किया है तो वे मानदेय का भुगतान पाने के हकदार हैं।
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यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने आशुतोष शुक्ला व 23 अन्य सहित आधे दर्जन याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। मालूम हो कि सीडीओ चित्रकूट धाम ने संविदा पर कालेज के विभिन्न पदों की भर्ती का विज्ञापन निकाला। जिलाधिकारी ने चयन समिति गठित की। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नवीनीकरण का आदेश हुआ किन्तु एक शिकायत आयी जिसमें आरोप लगाया गया कि याची पद पर नियुक्ति योग्यता नहीं रखते। डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय कमेटी ने जांच की और रिपोर्ट पर डीएम ने एकपक्षीय आदेश से नियुक्ति रद्द कर दी। हालांकि याचिका लंबित रहने के दौरान उप निदेशक ने कार्यकाल बढ़ा दिया जो 2019 तक बढ़ गया है।
याचियों ने डीएम के आदेश को चुनौती दी और कोर्ट ने माना कि एसआर जायसवाल वरिष्ठ अधिवक्ता हाईकोर्ट के वकील नहीं है। इनकी शिकायत तथ्यविहीन है। जांच में याचीगण को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में डीएम का आदेश रद्द होने योग्य है। याचीगण का कहना था कि उनके कार्य को लेकर कोई प्रतिकूल आदेश नहीं है, कार्य संतोषजनक है।
हाईकोर्ट पहले ही रद्द कर चुकी है गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण योजनाः अरूण गुप्ता
गंगा प्रदूषण मामले में न्यायमित्र अधिवक्ता अरूण कुमार गुप्ता ने प्रयागराज संगम की कैबिनेट मीटिंग में प्रयागराज से मेरठ गंगा एक्सप्रेस योजना का विरोध किया है और कहा है कि यह हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है।
गुप्ता ने बताया कि गंगा महासभा एवं निरंजनी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी की मायावती सरकार की नोएडा से बलिया तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस वे योजना को पर्यावरण व गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के खिलाफ मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट रद्द कर चुका है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण (वर्तमान सुप्रीमकोर्ट न्यायमूर्ति) तथा न्यायमूर्ति अरूण टंडन (सेवानिवृत्त) की खण्डपीठ ने 29 मई 09 के आदेश से 23 अगस्त 07 की योजना को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण क्लीयरेेंस व गंगा रीवर बेसिन अथारिटी की अनुमति लेकर गंगा की स्वच्छता व प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए ही निर्माण किया जा सकता है।
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वर्तमान सरकार ने मेरठ से अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फरूर्खाबाद, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली होते हुए प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की योजना घोषित की है। ऐसी ही योजना 07 में मायावती सरकार ने लागू करने की कोशिश की थी जिसे हाईकोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद 8 लेन एक्सप्रेस योजना रद्द कर दी थी। इसके बाद 64 हजार हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जानी थी। 1047 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना था। कोर्ट ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमति दीगयी तो गंगा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद सरकार उसी एक्सप्रेस वे का निर्माण कराने जा रही है। जो कोर्ट के आदेश की अवहेलना है, पुनर्विचार किया जाए।
हाईकोर्ट बार चुनाव तैयारी पूरी- 9842 मतदाता 28 पदों पर करेंगे मतदान
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव में एक फरवरी 19 को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। मतदान हाईकोर्ट परिसर में स्थित क्रिकेट ग्राउण्ड पर होगा जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसकी जानकारी एल्डर कमेटी के चेयरमैन एवं मुख्य चुनाव अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता वी.सी.मिश्र ने बताया कि कुल 19455 सदस्यों में से 9842 मतदाता है जिसके लिए दस हजार मतपत्र छपवाये गये हैं। मतदेय स्थल पर बने पंडाल के बाहर 8 काउंटर बनाये गये हैं जिससे मतदाता अपना क्रमांक प्राप्त कर सकेंगे। पिछले वर्ष 15 काउंटरों पर वोट डाला गया था पिछले वर्ष 7810 मतदाता थे जबकि इस वर्ष 9842 मतदाता प्रत्याशियों का चयन करेंगे।
मिश्र ने बताया कि मतदाताओं की संख्या को देखते हुए इस वर्ष 18 काउंटर गेट बनाये गये हैं। इन गेटों से प्रवेश होगा। पहले गेट पर वरिष्ठ अधिवक्ता व महिला अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। शेष 17 गेटों पर मतदाता किसी भी काउंटर पर जाकर वोट डाल सकेंगे। श्री मिश्र ने बताया कि वोट देने से पहले मतदाता की फोटो खींची जायेगी और उसके पहचान पत्र का मतदाता सूची से मिलान किया जायेगा। कम्प्यूटर की मदद ली जायेगी। इसका संचालन बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जायेगा। बार का कोई कर्मचारी मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा। मिश्र ने बताया कि पानी टंकी चैराहे से हनुमान मंदिर तक कानपुर रोड पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा। प्रत्याशी किसी प्रकार का टेंट, कैम्प नहीं लगायेंगे। दो फरवरी को मतपत्रों की छंटनी होगी, और अगले दिन सुबह 9बजे से 5 बजे तक मतगणना होगी और अगले दिन सुबह 9 बजे से 5 बजे तक मतगणना होगी। दो बूथों पर मतगणना होगी। पहले पर अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव प्रशासन तथा दूसरे पर संयुक्त सचिव पुस्तकालय, संयुक्त सचिव प्रेस, संयुक्त सचिव महिला व कोषाध्यक्ष की मतगणना होगी। इसके बाद उपाध्यक्ष के पांच पदों व गवर्निंग काउंसिल के 15 पदों की गणना होगी और आम सभा में चुनाव परिणाम घोषित किया जायेगा।
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डी.एम. गौतमबुद्ध नगर तलब, सुनवाई आज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को बृहस्पतिवार 31 जनवरी को तलब किया है। कोर्ट ने यह सख्ती डीएम द्वारा मांगी गयी जानकारी न देने और अर्थहीन जानकारी देने पर दिखायी है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति बी.के.श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने रूपेन्द्र सिंह गिल की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि नोएडा के सेक्टर 127 में स्थित दो प्लाट 8ए व 18 की नीलामी की जा रही है, जबकि प्लाट किसी और का है। मेसर्स थ्री सी.बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड प्लाटों के मालिक नहीं है। ऐसे में उनके खिलाफ बकाया वसूली के नाम पर नीलामी गलत है। कोर्ट ने पूछा था कि प्रश्नगत प्लाट किसके हैं। डीएम ने अन्य दूसरी जानकारियां दी। यह साफ नहीं किया कि जब कंपनी का प्लाट नहीं है तो उसकी नीलामी कैसे की जा रही है। याचिका की सुनवाई आज 31 जनवरी को होगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ को तीन माह की सजा, दो हजार का जुर्माना
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट आदेश की अवहेलना करने वाले तत्कालीन मऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक वर्तमान उप सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज सुनील दत्त को तीन माह के साधारण कारावास व दो हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माना राशि एक माह में जमा करने का निर्देश दिया है और एक माह के भीतर सीजेएम कोर्ट इलाहाबाद प्रयागराज में सजा भुगतने के लिए समर्पण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि निरीक्षक ने हाईकोर्ट के आदेश को समझे बगैर उसके ऊपर जाकर आदेश देते हुए कोर्ट की अवमानना की है। कोर्ट ने निरीक्षक को अवमानना का दोषी करार दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने विश्वनाथ लाल की अवमानना याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि कोर्ट ने निरीक्षक को याची की पेंशन व सेवानिवष्त्ति परिलाभों का भुगतान करने का आदेश देते हुए 21 जुलाई 1977 से 2009 की गणना करने का आदेश दिया था। निरीक्षक ने याची के प्रत्यावेदन को तय करते हुए कहा कि कोर्ट ने 1977 से 1994 तक याची के दावे को नकार दिया है। ऐसे में वह इस दौरान की सेवा का पेंशन आदि पाने का हकदार नहीं है। याची की नियुक्ति 27 अक्टूबर 1994 को हुई थी। कोर्ट ने इस आदेश को कोर्ट के आदेश का उल्लंघन माना और कहा कि निरीक्षक को ऐसा आदेश देने का अफसोस भी नहीं है। ऐसे में वह सजा का हकदार है।
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अधिशासी अभियंता विद्युत झांसी को अवमानना नोटिस
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता झांसी राजवीर सिंह को अवमानना नोटिस जारी की है और साथ ही एक माह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने अधिशासी अभियंता को आदेश का पालन करने अथवा अगली सुनवाई पर हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सावित्री पाठक की अवमानना याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि याची के पति बिजली विभाग में स्टोर कीपर थे। सेवाकाल में मौत हो गयी। विभाग ने अतिरिक्त भुगतान किये जाने का आधार बताते हुए याचीह को मिलने वाली ग्रेच्युटी व पेंशन से छह लाख 51 हजार 660 रूपये की कटौती की कार्यवाही करते हुए वसूली नोटिस दी। जिसे विधवा याची ने चुनौती दी।
कोर्ट ने कहा कि ग्रेच्युटी व पेंशन याची की जीविका के साथ है। याची के पति को हुए अतिरिक्त भुगतान की जांच नहीं की गयी और वसूली कार्यवाही कर याची का उत्पीड़न किया जा रहा है। कोर्ट ने वसूली आदेश रद्द करते हुए दो माह में भुगतान का आदेश दिया था, जिसका पालन न किये जाने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है। सुनवाई एक माह बाद होगी।
राजकीय आश्रम पद्धति कालेज के संविदा कर्मियों को बड़ी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कालेज मानिकपुर, चित्रकूट धाम में कार्यरत संविदा कर्मियों को सेवा से हटाने के जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जब उप निदेशक समाज कल्याण ने संविदा कर्मियों का कार्यकाल बढ़ा दिया तो तथ्यहीन शिकायत पर नियुक्ति निरस्त करने का क्या औचित्य है। कोर्ट ने डीएम को नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए नये सिरे से आदेश पारित करने की छूट दी है और कहा है कि याचियों ने काम किया है तो वे मानदेय का भुगतान पाने के हकदार हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने आशुतोष शुक्ला व 23 अन्य सहित आधे दर्जन याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। मालूम हो कि सीडीओ चित्रकूट धाम ने संविदा पर कालेज के विभिन्न पदों की भर्ती का विज्ञापन निकाला। जिलाधिकारी ने चयन समिति गठित की। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नवीनीकरण का आदेश हुआ किन्तु एक शिकायत आयी जिसमें आरोप लगाया गया कि याची पद पर नियुक्ति योग्यता नहीं रखते।
डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय कमेटी ने जांच की और रिपोर्ट पर डीएम ने एकपक्षीय आदेश से नियुक्ति रद्द कर दी। हालांकि याचिका लंबित रहने के दौरान उप निदेशक ने कार्यकाल बढ़ा दिया जो 2019 तक बढ़ गया है। याचियों ने डीएम के आदेश को चुनौती दी और कोर्ट ने माना कि एसआर जायसवाल वरिष्ठ अधिवक्ता हाईकोर्ट के वकील नहीं है। इनकी शिकायत तथ्यविहीन है। जांच में याचीगण को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में डीएम का आदेश रद्द होने योग्य है। याचीगण का कहना था कि उनके कार्य को लेकर कोई प्रतिकूल आदेश नहीं है, कार्य संतोषजनक है।
हाईकोर्ट पहले ही रद्द कर चुकी है गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण योजनाःअरूण गुप्ता
गंगा प्रदूषण मामले में न्यायमित्र अधिवक्ता अरूण कुमार गुप्ता ने प्रयागराज संगम की कैबिनेट मीटिंग में प्रयागराज से मेरठ गंगा एक्सप्रेस योजना का विरोध किया है और कहा है कि यह हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है। गुप्ता ने बताया कि गंगा महासभा एवं निरंजनी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी की मायावती सरकार की नोएडा से बलिया तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस वे योजना को पर्यावरण व गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के खिलाफ मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट रद्द कर चुका है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण (वर्तमान सुप्रीमकोर्ट न्यायमूर्ति) तथा न्यायमूर्ति अरूण टंडन (सेवानिवृत्त) की खण्डपीठ ने 29 मई 09 के आदेश से 23 अगस्त 07 की योजना को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण क्लीयरेेंस व गंगा रीवर बेसिन अथारिटी की अनुमति लेकर गंगा की स्वच्छता व प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए ही निर्माण किया जा सकता है। वर्तमान सरकार ने मेरठ से अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फरूर्खाबाद, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली होते हुए प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की योजना घोषित की है। ऐसी ही योजना 07 में मायावती सरकार ने लागू करने की कोशिश की थी जिसे हाईकोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद 8 लेन एक्सप्रेस योजना रद्द कर दी थी। इसके बाद 64 हजार हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जानी थी। 1047 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना था। कोर्ट ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमति दीगयी तो गंगा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद सरकार उसी एक्सप्रेस वे का निर्माण कराने जा रही है। जो कोर्ट के आदेश की अवहेलना है, पुनर्विचार किया जाए।
हाईकोर्ट बार चुनाव तैयारी पूरी- 9842 मतदाता 28 पदों पर करेंगे मतदान
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव में एक फरवरी 19 को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। मतदान हाईकोर्ट परिसर में स्थित क्रिकेट ग्राउण्ड पर होगा जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसकी जानकारी एल्डर कमेटी के चेयरमैन एवं मुख्य चुनाव अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता वी.सी.मिश्र ने बताया कि कुल 19455 सदस्यों में से 9842 मतदाता है जिसके लिए दस हजार मतपत्र छपवाये गये हैं। मतदेय स्थल पर बने पंडाल के बाहर 8 काउंटर बनाये गये हैं जिससे मतदाता अपना क्रमांक प्राप्त कर सकेंगे। पिछले वर्ष 15 काउंटरों पर वोट डाला गया था पिछले वर्ष 7810 मतदाता थे जबकि इस वर्ष 9842 मतदाता प्रत्याशियों का चयन करेंगे।
मिश्र ने बताया कि मतदाताओं की संख्या को देखते हुए इस वर्ष 18 काउंटर गेट बनाये गये हैं। इन गेटों से प्रवेश होगा। पहले गेट पर वरिष्ठ अधिवक्ता व महिला अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। शेष 17 गेटों पर मतदाता किसी भी काउंटर पर जाकर वोट डाल सकेंगे। श्री मिश्र ने बताया कि वोट देने से पहले मतदाता की फोटो खींची जायेगी और उसके पहचान पत्र का मतदाता सूची से मिलान किया जायेगा।
कम्प्यूटर की मदद ली जायेगी। इसका संचालन बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जायेगा। बार का कोई कर्मचारी मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा। श्री मिश्र ने बताया कि पानी टंकी चैराहे से हनुमान मंदिर तक कानपुर रोड पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा। प्रत्याशी किसी प्रकार का टेंट, कैम्प नहीं लगायेंगे। दो फरवरी को मतपत्रों की छंटनी होगी, और अगले दिन सुबह 9बजे से 5 बजे तक मतगणना होगी और अगले दिन सुबह 9 बजे से 5 बजे तक मतगणना होगी। दो बूथों पर मतगणना होगी। पहले पर अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव प्रशासन तथा दूसरे पर संयुक्त सचिव पुस्तकालय, संयुक्त सचिव प्रेस, संयुक्त सचिव महिला व कोषाध्यक्ष की मतगणना होगी। इसके बाद उपाध्यक्ष के पांच पदों व गवर्निंग काउंसिल के 15 पदों की गणना होगी और आम सभा में चुनाव परिणाम घोषित किया जायेगा।
डी.एम. गौतमबुद्ध नगर तलब, सुनवाई आज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को बृहस्पतिवार 31 जनवरी को तलब किया है। कोर्ट ने यह सख्ती डीएम द्वारा मांगी गयी जानकारी न देने और अर्थहीन जानकारी देने पर दिखायी है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति बी.के.श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने रूपेन्द्र सिंह गिल की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि नोएडा के सेक्टर 127 में स्थित दो प्लाट 8ए व 18 की नीलामी की जा रही है, जबकि प्लाट किसी और का है। मेसर्स थ्री सी.बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड प्लाटों के मालिक नहीं है। ऐसे में उनके खिलाफ बकाया वसूली के नाम पर नीलामी गलत है। कोर्ट ने पूछा था कि प्रश्नगत प्लाट किसके हैं। डीएम ने अन्य दूसरी जानकारियां दी। यह साफ नहीं किया कि जब कंपनी का प्लाट नहीं है तो उसकी नीलामी कैसे की जा रही है। याचिका की सुनवाई आज 31 जनवरी को होगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ को तीन माह की सजा, दो हजार का जुर्माना
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट आदेश की अवहेलना करने वाले तत्कालीन मऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक वर्तमान उप सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज सुनील दत्त को तीन माह के साधारण कारावास व दो हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माना राशि एक माह में जमा करने का निर्देश दिया है और एक माह के भीतर सीजेएम कोर्ट इलाहाबाद प्रयागराज में सजा भुगतने के लिए समर्पण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि निरीक्षक ने हाईकोर्ट के आदेश को समझे बगैर उसके ऊपर जाकर आदेश देते हुए कोर्ट की अवमानना की है। कोर्ट ने निरीक्षक को अवमानना का दोषी करार दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने विश्वनाथ लाल की अवमानना याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि कोर्ट ने निरीक्षक को याची की पेंशन व सेवानिवष्त्ति परिलाभों का भुगतान करने का आदेश देते हुए 21 जुलाई 1977 से 2009 की गणना करने का आदेश दिया था। निरीक्षक ने याची के प्रत्यावेदन को तय करते हुए कहा कि कोर्ट ने 1977 से 1994 तक याची के दावे को नकार दिया है। ऐसे में वह इस दौरान की सेवा का पेंशन आदि पाने का हकदार नहीं है। याची की नियुक्ति 27 अक्टूबर 1994 को हुई थी। कोर्ट ने इस आदेश को कोर्ट के आदेश का उल्लंघन माना और कहा कि निरीक्षक को ऐसा आदेश देने का अफसोस भी नहीं है। ऐसे में वह सजा का हकदार है।
अधिशासी अभियंता विद्युत झांसी को अवमानना नोटिस
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता झांसी राजवीर सिंह को अवमानना नोटिस जारी की है और साथ ही एक माह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने अधिशासी अभियंता को आदेश का पालन करने अथवा अगली सुनवाई पर हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने सावित्री पाठक की अवमानना याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता का कहना है कि याची के पति बिजली विभाग में स्टोर कीपर थे। सेवाकाल में मौत हो गयी। विभाग ने अतिरिक्त भुगतान किये जाने का आधार बताते हुए याचीह को मिलने वाली ग्रेच्युटी व पेंशन से छह लाख 51 हजार 660 रूपये की कटौती की कार्यवाही करते हुए वसूली नोटिस दी। जिसे विधवा याची ने चुनौती दी। कोर्ट ने कहा कि ग्रेच्युटी व पेंशन याची की जीविका के साथ है।
याची के पति को हुए अतिरिक्त भुगतान की जांच नहीं की गयी और वसूली कार्यवाही कर याची का उत्पीड़न किया जा रहा है। कोर्ट ने वसूली आदेश रद्द करते हुए दो माह में भुगतान का आदेश दिया था, जिसका पालन न किये जाने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है। सुनवाई एक माह बाद होगी।