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वाराणसी में अब भी 'सिसकती’ गंगा, धड़ल्ले से गिर रहे हैं नाले

कुंभ की तैयारियों के बीच भारत सरकार दावा कर रही है कि गंगा सफाई का काम अब धीरे-धीरे मंजिल की ओर बढ़ने लगा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तो यहां तक कह दिया है कि 2030 तक गंगा पूरी तरह साफ हो जाएंगी। लेकिन सरकार के इन दावों की हकीकत जाननी है तो चले आईए बनारस में।

Anoop Ojha
Published on: 28 Dec 2018 6:14 PM IST
वाराणसी में अब भी सिसकती’ गंगा, धड़ल्ले से गिर रहे हैं नाले
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वाराणसी: कुंभ की तैयारियों के बीच भारत सरकार दावा कर रही है कि गंगा सफाई का काम अब धीरे-धीरे मंजिल की ओर बढ़ने लगा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तो यहां तक कह दिया है कि 2030 तक गंगा पूरी तरह साफ हो जाएंगी। लेकिन सरकार के इन दावों की हकीकत जाननी है तो चले आईए बनारस में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा अब भी बदहाल हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी गंगा में नालों के गिरने का क्रम लगातार जारी है।

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बगैर शोधन के गंगा में गिर रहे हैं नाले

गंगा के दर्द को समझते हुए मोदी सरकार ने पहली बार गंगा मंत्रालय बनाया। नमामि गंगे नया नाम देकर 20 हजार करोड़ रुपये का फंड भी कायम कर दिया। लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अकेले वाराणसी में छोटे बड़े 65 नाले अभी भी बिना शोधन के गंगा में गिरते है। गंगा में प्रदूषण को रोकने के लिए फिलहाल तीन एसटीपी काम कर रहे हैं। लिहाजा अकेले वाराणसी में 150 MLD मल जल सीधे गंगा में आज भी गिर रहे है। गंगा में न तो पर्याप्त पानी है और न ही पानी में ऑक्सीजन। वीओडी और फिकल क्वॉलिफार्म की मात्रा काफी बढ़ गयी है। मतलब साफ़ है, गंगा के बारे में कहा जा सकता है कि ज्यों ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया।

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घाटों से दूर हो रही है गंगा

आलम यह है कि बनारस में गंगा निर्मलीकरण के लिए अब तक सिर्फ फाइलों का गट्ठर ही तैयार होता रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत काम के खाते में सिर्फ और सिर्फ रमना में प्रस्तावित 150 करोड़ की लागत वाला 50 एमएलडी के छोटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ही दर्ज है। आईआईटी बीएचयू, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य एजेंसियों के रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि गंगा, अब घाटों से दूर हो चुकी हैं। गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए शहरी इलाके में 27 किलोमीटर तक सीवर और ट्रांस वरुणा में 144 किलोमीटर सीवर लाइन डालने से लेकर तीन पंपिंग स्टेशन और 260 एमएलडी के दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जो काम चल रहे हैं, वह यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए हैं। जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण ईकाई के जीएम जेबी राय के मुताबिक 2010 व 2012 में जेएनएनयूआरएम और जायका के तहत गंगा एक्शन प्लान में स्वीकृत करीब 10 हजार करोड़ रुपए के काम अब पूरे होने को हैं।

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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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