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Holi Milan 2023: लखनऊ के शीरोज हैंगआउट कैफे में होली मिलन में दिखी लखनवी गंगा- जमुनी तहज़ीब, आपसी प्रेम को दिया गया बढ़ावा

Holi Milan 2023: लखनऊ में शीरोज हैंगआउट कैफे में होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनेकता में एकता के सिद्धांत को अपनाते हुए सभी धर्म के लोगों ने साथ मिलकर आपसी प्रेम को बढ़ावा दिया।

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Published on: 12 March 2023 9:54 PM IST
Lucknowi Ganga-Jamuni Tehzeeb seen in Holi Milan at Sheroes Hangout Cafe, Lucknow, mutual love was encouraged
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लखनऊ: शीरोज हैंगआउट कैफे में होली मिलन में दिखी लखनवी गंगा- जमुनी तहज़ीब, आपसी प्रेम को दिया गया बढ़ावा

अनेकता में एकता ही है

भारत की पहचान,

हिन्दू, मुस्लिम, शिख

और ईसाई है यहाँ की शान ।

Holi Milan 2023: लखनवी गंगा- जमुनी तहज़ीब अर्थात हिंदू- मुस्लिम सबका मिलकर प्रचलन करना। हमारी शहर की खूबसूरती है यह गंगा-जमुनी तहज़ीब। अनेकता में एकता और आपसी भाईचारा। जिसकी माटी की सुगंध आज तक जिंदा है। इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।

इसी गंगा-जमुनी तहज़ीब को जीवंत रखते हुए लखनऊ के शीरोज हैंगआउट कैफे में होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनेकता में एकता के सिद्धांत को अपनाते हुए सभी धर्म के लोगों ने साथ मिलकर आपसी प्रेम को बढ़ावा दिया।

इस कार्यक्रम के ज़रिये सभी मज़हबो के बीच समन्वय बनाए रखने का प्रयास किया गया | कार्यक्रम में सभी मज़हबो के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है गंगा-जमुनी तहज़ीब के द्वारा आपसी मोहब्बत,भाईचारा और एकता को फैलाना है।


वी द पीपल ऑफ लखनऊ

"वी द पीपल ऑफ लखनऊ" के अंतर्गत होली सद्भाव- सौहार्द कार्यक्रम का आयोजन किया गया | इसी तरह गत वर्ष भी अनेकता में एकता दर्शाते हुए हिन्दू भाई- बहनो द्वारा सभी मुस्लिमो के लिए ईद की इफ्तारी का आयोजन किया गया था।

एक्टिविस्ट दीपक त्रिवेदी कहते हैं कि इस कार्यक्रम में न कोई हिंदू है ना ही मुस्लिम बल्कि एकता में अनेकता एवं भाईचारे को मानते हुए सभी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। संगीतकार महेंद्र पाल सिंह कहते हैं। समाज की राजनेता हिंदू मुस्लिम बंटवारे और लड़ाई को बढ़ावा देते रहते हैं तो इस कठिन समय में सभी को मिलजुलकर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करना चाहिए जिससे आपसी प्रेम जीवंत रहे।


जहां हिंदू-मुस्लिम भाई मिलकर प्रत्येक वर्ष होली मनाते हैं

कवयित्री अर्शी अल्वी कहती हैं कि "लखनऊ शहर को उसके गंगा जमुनी तहजीब के लिए सराहा जाता है" और नवाब वाजिदअली शाह एक मुसलमान होकर होली के त्योहार में खुशियों से शामिल हुए और आज भी देवा शरीफ दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम भाई मिलकर प्रत्येक वर्ष होली मनाते हैं।



Shashi kant gautam

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