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ऐसे में कैसे मिलेगी सुरक्षा, जब पुलिस सहायता केंद्र ही बन जाए 'कूड़ाघर'

जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी सफाई पर जोर देते हुए स्वच्छता अभियान को मिशन का रूप दे चुके हैं।वहीं प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन पुलिस प्रशासन की क्लास लेते रहते है।

priyankajoshi
Published on: 21 July 2017 8:15 PM IST
ऐसे में कैसे मिलेगी सुरक्षा, जब पुलिस सहायता केंद्र ही बन जाए कूड़ाघर
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शाहजहांपुर : जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी सफाई पर जोर देते हुए स्वच्छता अभियान को मिशन का रूप दे चुके हैं।वहीं प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन पुलिस प्रशासन की क्लास लेते रहते है। लेकिन हालत जस की तस बनी है। इसी का एक नमूना योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री की गृह जिले में देखने को मिला।

हम बात कर रहे हैं सीएम योगी के करीबी और नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के गृह जिले शाहजहांनपुर की। जहां विभाग के कुछ लोगों ने ही पुलिस सहायता केंद्र को कूड़ाघर बना दिया है। इस शहर का नाम सबसे गंदे 10 शहरों मे भी शुमार है।

खास बात ये है कि यह पुलिस सहायता केंद्र एसपी ऑफिस से करीब 50 कदम की दूरी पर है। इस रास्ते से हर रोज एसपी और डीएम सहित कई अन्य बड़े अधिकारी हर रोज गुजरते हैं। यहां तक कि इस चौराहे के पास खड़े होकर बड़े अधिकारी आए दिन चैकिंग अभियान भी चलाते हैं लेकिन पुलिस सहायता केंद्र बने कूड़ा घर की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है।

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किसी का भी नहीं जाता ध्यान

यह बात सदर बाजार के खिरनीबाग चौराहे की है। यहां पुलिसवालों ने बने पुलिस सहायता केंद्र को अब कूड़ाघर बनने दिया है। लेकिन अब खुद को इस गंदगी के पास खड़े होकर ड्यूटी करना पड़ती है। इसके सामने एक इंटर कॉलेज है। जिसमें छात्रों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बीमारियों का हो सकते है शिकार

आपको बता दें, पुलिस सहायता केंद्र बने कूड़ा घर के सामने सुदामा प्रसाद इंटर कॉलेज है। जब इस स्कुल की छुट्टी होती है तो तेज धूप से बचने के लिए बच्चे इस कूड़ा घर के पास लगे पेड़ के नीचे आकर खड़े हो जाते हैं और राहगीर सवारी के इंतजार मे इस कूड़ा घर के पास खड़े होकर इंतजार करते है, जो कभी भी इस गंदगी से डेंगू और अन्य बीमारियों का शिकार हो सकते है। जबकि पुलिस कर्मियों 24 घंटे इस कूड़ा घर के पास खड़े होकर ड्यूटी करते हैं उनके लिए भी खतरा कुछ कम नही है। फिलहाल देखना यह है कि पुलिस सहायता केंद्र में कूड़े के बदले कब पुलिस वाले बैठे नजर आएंगे।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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