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Lucknow News: लोहिया संस्थान में रोज़ाना बिन इलाज लौट रहें गैस्ट्रो-न्यूरो मरीज़, गैस्ट्रो के डॉक्टर को करनी पड़ रही एंडोस्कोपी

Lohia Institute: राजधानी के गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) में गैस्ट्रो व न्यूरो के रोज़ाना 50-60 मरीज़ बिन इलाज वापस लौटे जा रहे हैं।

Shashwat Mishra
Published on: 6 Jun 2022 6:11 PM IST
50-60 patients of gastro-neuro are returning daily to Lohia Institute without treatment, gastros doctor has to do endoscopy
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डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान: Photo - Social Media

Lucknow: राजधानी के गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) में गैस्ट्रो व न्यूरो (gastro and neuro) के रोज़ाना 50-60 मरीज़ बिन इलाज वापस लौटे जा रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह संस्थान में डॉक्टरों की कमी (shortage of doctors in the institute) है।

बता दें कि संस्थान के गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग (Gastromedicine Department) में मात्र एक डॉक्टर हैं, जो कि एंडोस्कोपी भी करते हैं। मतलब एक डॉक्टर को दो-दो कार्य करने पड़ रहे हैं। वहीं, न्यूरो के दोनों विभागों के ऊपर पूरे प्रदेश का दबाव है। जबकि, संस्थान में रोज़ाना 40 मरीज़ ही देखे जाते हैं। लेकिन, आलम यह होता है कि प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज़ पंक्ति में रजिस्ट्रेशन के लिए खड़े रहते हैं।

डॉक्टरों को करने पड़ रहें दो-दो कार्य

मरीज़ों के बिन इलाज वापस लौटने के सवाल पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह (Medical Superintendent Dr. Vikram Singh) ने बताया कि गैस्ट्रो में एक ही डॉक्टर हैं। और, वही डॉक्टर एंडोस्कोपी भी करते हैं। अपने फॉलो-अप भी करते हैं। इसलिए, मैन पावर कम होने की वजह से ऐसा हो रहा है।

लगातार दूसरे दिन लगी आग

संस्थान में सोमवार को एक बार फ़िर आग लग गई। इस बार आग एकेडमिक ब्लॉक के चौथे फ्लोर की फाल्स सीलिंग में लगी थी। जिससे धुएं का गुबार और अफरातफरी का माहौल मच गया था। फ़िलहाल, आग पर काबू पा लिया गया है। इस संबंध में संस्थान के प्रवक्ता डॉ. एपी जैन ने बताया कि संस्थान के अतिसक्रिय अग्निशमन एवं दमकल विभाग की विद्युत गति से स्थिति पर नियंत्रण पाने में कामयाबी उनकी निपुणता व कार्यकुशलता को दर्शाती है।

गौरतलब है कि रविवार शाम हॉस्पिटल ब्लॉक में पहली मंजिल पर बनाये गए कोरोना वार्ड में आग लग गई थी। जिससे स्ट्रेचर जलकर खाक हो गये थे। पंखे और बिजली के कनेक्शन में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। लेकिन, संस्थान प्रशासन के मुताबिक, कोई बड़ी हानि नहीं हुई थी।



Shashi kant gautam

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