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प्रजापति केस: लचर पैरवी के आरोप में हटाए जा सकते हैं महाधिवक्ता ?

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Published on: 21 Sep 2016 9:45 AM GMT
प्रजापति केस: लचर पैरवी के आरोप में हटाए जा सकते हैं महाधिवक्ता ?
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लखनऊ: राज्य में अवैध खनन को लेकर सीबीआई जांच के आदेश के बाद यूपी सरकार सकते में है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट में प्रकरण की लचर पैरवी के आरोप महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह पर लग रहे हैं। जिसकी वजह से कोर्ट ने सरकार की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी है। बताया जा रहा है कि इसकी गाज महाधिवक्ता पर गिर सकती है। सरकार महाधिवक्ता पद के लिए नए नामों पर भी विचार कर रही है।

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दरअसल, देवरिया, संभल, बदांयू, बागपत, कौशाम्बी, शामली, जालौन, बांदा, हमीरपुर सहित कई अन्य जिलों से अवैध खनन को लेकर याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इसको कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए बीती 28 जुलाई को प्रदेश भर में अवैध बालू खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी। कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों की भूमिका को भी जांच के दायरे में शामिल करने को कहा। बताया जा रहा है कि इसके बाद सरकार के अंदरखाने में हड़कंप मच गया।

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सरकार की तरफ से अदालत में जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी रिट दाखिल हुई। पर अदालत ने उसे भी खारिज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के पीछे महाधिवक्ता की लचर पैरवी को जिम्मेदार माना जा रहा है।

महाधिवक्ता ने कहा था कानूनी स्थिति साफ नहीं, सरकार अपने हिसाब से उठा रही कदम

जब हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। उस समय महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए दलील दी थी कि कानूनी स्थिति साफ न होने की वजह से सरकार अब तक अपने हिसाब से कदम उठा रही थी।

-अवैध खनन की सीबीआई जांच को गलत बताते हुए फैसले को रद्द किये जाने की मांग की।

-कहा कि कोर्ट ने बिना सरकार का पक्ष सुने व बिना किसी ठोस सबूत के जांच का आदेश दिया।

-अगर सरकारी तंत्र कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ कार्रवाई करने में विफल रहता है।

-और किसी बाहरी एजेंसी से जांच कराना जरूरी होता तो ही कोर्ट ऐसा आदेश दे सकती है।

-यूपी में अवैध खननबढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया ।

सीएम ने न्याय और खनन विभाग के प्रमुख सचिव को तलब कर की थी समीक्षा

सीबीआई जांच का मामला गरमाता देख सीएम अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव न्याय और प्रमुख सचिव खनन को तलब कर खुद प्रकरण की समीक्षा की और फिर तय हुआ कि सरकार कोर्ट में एक बार फिर प्रकरण की सीबीआई जांच रोकने की अपील करेगी। पर कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।

कौन है विजय बहादुर सिंह ?

-विजय बहादुर सिंह को सपा सरकार ने अगस्त 2014 में विनय चन्द्र मिश्र की जगह प्रदेश का नया महाधिवक्ता बनाया था।

-पिछली सपा सरकार में भी यह अपर महाधिवक्ता रह चुके हैं।

-बसपा के टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव हमीरपुर से जीते थे।

-जब मायावती ने 2014 में उनका टिकट काट दिया।

-तब नरेन्द्र मोदी की सराहना करने पर उन्हें बसपा से निकाल दिया गया था।

-फिर लोकसभा चुनाव के दौरान वह सपा में शामिल हो गए।

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