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घाघरा का जलस्तर घटने से यहां एक दर्जन गांवों पर मंडराया संक्रामक रोग का खतरा
एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी भरा होने की वजह से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा है। बाराबंकी अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
बाराबंकी: घाघरा नदी का जलस्तर भले ही कम होने लगा हो लेकिन नदी की जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 24 सेमी. ऊपर है। बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। ग्रामीणों के आगे दो वक्त की रोटी के साथ मवेशियों के लिए चारे की परेशानी खड़ी होती जा रही है।
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वहीं एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी भरा होने की वजह से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा है। बाराबंकी अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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खतरे के निशान से 24 सेमी. ऊपर बह रहा पानी
घाघरा नदी का पानी भले ही तेजी से घट रहा हो लेकिन अभी भी वह खतरे के निशान से 24 सेमी. ऊपर बह रहा है। नदी का पानी कम होने के बाद भी तराई के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों बधौली पुरवा, टेपरा, भैरवकोल, सरायं सुरजन, तेलवारी, सनावा, भयक पुरवा, परसावल, नव्वनपुरवा समेत गई गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है।
जिससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है। वहीं गांवों को जाने वाले संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने से बाढ़ पीड़ितों आवागमन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ पीड़ितों के सामने दो वक्त की रोटी के साथ ही मवेशियों के लिए चारा जुटाने का संकट खड़ा होता जा रहा है। इससे बाढ़ पीड़ितों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों के मुताबिक गांव का हालत काफी खराब है। घरों और रास्तों में अभी भी पानी भरा है।
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बाढ़ के पानी से तरह-तरह की बीमीरियां फैल रही हैं। ग्रामीणों के मुताबिक दो महीने मे पांच बार बाढ़ आ चुकी है। हम लोगों को कोई मजदूरी भी नही मिलती। जिसके चलते लम्बे परिवारों के लिये बाढ़ राहत सामग्री ऊॅट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
वहीं बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि अभी भी घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर है।
एडीएम ने पीड़ित परिवारों का जाना हाल
बाढ़ के चलते कटान काफी हो चुकी है। एडीएम ने बताया कि तटबंध पर परिवारीजनों से उनकी समस्याओं को सुना गया और उन्हें राहत समग्री पहुंचाई जा रही है।
एडीएम ने बताया कि जिनकी जमीनें कट गई हैं उन्हें नई जगह पर पट्टे के आवंटन की कार्रवाई की जा रही है, साथ ही जिनकी फसल का नुकसान हुआ है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा।
एडीएम ने बताया कि अधिकारियों से टीम बनाकर जिन गांवों में ज्यादा समस्याएं हैं वहां पर दिन रात मॉनीटरिंग करें और संक्रमण न फैलने पाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम से शिविर लगाकर लोगों को दवाएं बटवाएं।
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