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नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी के बिगड़े हालात

यूपी के बाराबंकी और गोंडा सीमा से गुजरने वाली घाघरा नदी में नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से बाराबंकी सहित एल्गिन चरसरी बांध के निकट बसे गोंडा जिले के भी दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं।

tiwarishalini
Published on: 15 July 2017 4:25 PM IST
नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी के बिगड़े हालात
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नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी के बिगड़े हालात

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी और गोंडा सीमा से गुजरने वाली घाघरा नदी में नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से बाराबंकी सहित एल्गिन चरसरी बांध के निकट बसे गोंडा जिले के भी दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं।

लगातार घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से अन्य गांव भी बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए बाराबंकी और गोंडा सीमा पर कटे एल्गिन चरसरी बांध के इर्द गिर्द एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई है। जो लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है।

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नेपाल से घाघरा नदी में नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से लगातार घाघरा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। घाघरा नदी इस वक्त खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

वहीँ बाढ़ प्रभावित गांवों में तमाम ऐसे लोगो की घर गृहस्थी का सामान बाढ़ के पानी में डूब गया। इतना ही नहीं मेहनत और खून पसीने की कमाई से लगाई गई सैकड़ों बीघा फसल भी बर्बाद हो चुकी है। जिसमें धान और गन्ने की फसल सबसे ज्यादा है।

बाराबंकी और गोंडा के तकरीबन सैकड़ों गावों में बाढ़ का पानी जाने से यहां के हालात खराब हो गए है। बाराबंकी के डीएम अखिलेश तिवारी ​ने घाघरा नदी में बढ़े जलस्तर का मुआयना कर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ ही जिले के बाढ़ प्रभावित डेढ़ दर्जन से अधिक गावों के करीबन डेढ़ हजार परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर उन्हें राहत सामग्री वितरित की जा रही है। इसके साथ ही खुले आसमान और बारिश से बचने के लिए उन्हें प्रशासन तिरपाल भी वितरित कर रहा है।

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उधर पिछले साल बाराबंकी और गोंडा जिले की सीमा पर बने एल्गिन चरसरी बांध के कट जाने के बाद घाघरा नदी का ज्यादातर पानी गोंडा जिले के गावों को प्रभावित कर रहा है। जिसकों देखते हुए मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी लगा दी गई जो किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार और लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रही है।

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बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप है कि जब से सरकार ने घाघरा नदी के किनारे एल्गिन चरसरी बांध बनाया है तभी से ये तबाही उनको देखने को मिल रही है। बांध ना होने से पहले बाढ़ का जलस्तर दूर-दूर तक फ़ैल जाता था। जिससे उनकी फसले और घर परिवार सुरक्षित बच जाता था।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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