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बाढ़ के चलते 800 घरों में नहीं जल रहा चूल्हा, प्रशासन कह रहा ऑल इज वेल

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Published on: 23 July 2016 4:52 PM IST
बाढ़ के चलते 800 घरों में नहीं जल रहा चूल्हा, प्रशासन कह रहा ऑल इज वेल
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बहराइच: मूसलाधार बारिश के चलते घाघरा नदी का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। जिसके चलते तराई क्षेत्र के 800 परिवार फंसे हुए हैं। उनके घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा जिस वजह से उनकी जिंदगी दुश्वार बन गई है लेकिन जिला और तहसील प्रशासन ऑल इज वेल होने की बात कह रहा है। बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उधर घाघरा के पार बसे अहाता गांव के छह मजरे भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।

फिर बढ़ने लगी बाढ़ की समस्या

-तराई क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है।

-बाढ़ की विभीषिका महसी, कैसरगंज तहसील क्षेत्र के लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है।

-एल्गिन ब्रिज पर शनिवार सुबह घाघरा नदी का जलस्तर 106.536 मीटर मापा गया।

behraich

-यह खतरे के निशान से 36 सेंटीमीटर ज्यादा है।

-दोपहर से एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से नदी के जलस्तर में फिर बढ़ोतरी शुरू हो गई है।

-ऐसे में बाढ़ की समस्या फिर बढ़ने लगी है।

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घरों में नहीं जल रहा चूल्हा, प्रशासन कह रहा 'ऑल इज वेल'

-गांव में मजदूरी करने वाले लगभग 800 परिवार हैं।

-बाढ़ से घिरे होने के चलते ग्रामीण मेहनत मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं।

-घर में रखा अनाज खत्म हो गया है।

-ऐसे में घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा है, लेकिन जिला और तहसील प्रशासन ऑल इज वेल होने की बात कह रहा है।

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इन गांवों पर भी मंडराया खतरा

-कैसरगंज तहसील के ग्राम पंचायत अहाता के मजरे हंसरामपुरवा, बवालीपुरवा, गोड़ियनपुरवा, मंशारामपुरवा, गुलजारीपुरवा, बद्रीपुरवा नदी के उस पार बसे हुए हैं।

-बहराइच और बाराबंकी की सीमा पर स्थित यह गांव वैसे तो बहराइच का हिस्सा है, लेकिन यहां पहुंचने के लिए बाराबंकी से घूमकर जाना होता है।

-घाघरा के कछार में बसे यह गांव भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।

-उधर महसी तहसील के नदी के उस पार बसे बरुहा बेहड़, उमरिया, चुरलिया और अहिरनपुरवा गांव में पानी फिर घुस गया है।

-जिससे स्थिति भयावह हो गई है। ग्रामीण नाव से पलायन कर रहे हैं। ज्यादातर ग्रामीणों की गृहस्थी भी डूब चुकी है।

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ढाई हजार हेक्टेयर फसल बाढ़ में डूबी

-तटबंध पर नदी की लहरें थपेड़े ले रही हैं। इससे तटबंध पर भी खतरा मंडराने लगा है।

-इसके चलते 6 जगहों पर तटबंध के सायफन खोल दिए गए हैं।

-ऐसे में बाढ़ का पानी अब इस पार पहुंच रहा है।

-इसके चलते अब तक ढाई हजार हेक्टेयर फसल बाढ़ में डूब चुकी है।

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नाव से नदी के पार रवाना हुए एसडीएम

-बाढ़ से बढ़ रहे खतरे का मुआयना करने के लिए एसडीएम महसी एसपी शुक्ला नाव से नदी के उस पार बसे गांवों की स्थिति जानने के लिए रवाना हुए।

-इस दौरान संसाधनों की समस्या पर एसडीएम झुंझलाते दिखे।

-एसडीएम ने तटबंध पर रह रहे बाढ़ और कटान पीड़ितों की समस्या को देखते हुए उन्हें लंच पैकेट वितरण कराने के निर्देश दिए हैं।

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अहाता में लगाई गई 11 नावें

-एसडीएम कैसरगंज मनोज कुमार ने कहा कि अहाता गांव में अभी बाढ़ की समस्या विकराल नहीं हुई है।

-11 नावें लगी हुई हैं। जिससे लोगों का आवागमन हो रहा है।

-राजस्वकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। जरूरत पड़ने पर लंच पैकेट मुहैया कराया जाएगा।



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