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महा संकट की घड़ी में दफ्तर के गेट पर क्यों अर्धनग्न हुए नगर निगम कर्मचारी

कोरोना काल के दौरान NRC में जिन सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा माना गया है, वही सफाई कर्मचारी इस समय इलाज के लिए तरस रहे हैं।

Bobby Goswami
Reporter Bobby GoswamiPublished By Roshni Khan
Published on: 22 April 2021 9:54 AM GMT
Ghaziabad due to lack of treatment, the cleaning workers performed outside the Municipal Corporation
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गाजियाबाद नगर निगम (फोटो- सोशल मीडिया)

गाज़ियाबाद: कोरोना काल के दौरान एनसीआर में जिन सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा माना गया है, वही सफाई कर्मचारी इस समय इलाज के लिए तरस रहे हैं। इसलिए उन्हें अर्धनग्न होकर नगर निगम के दफ्तर में धरना देना पड़ रहा है। मामला गाजियाबाद नगर निगम से जुड़ा हुआ है।

सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान कई सफाई कर्मचारी चोटिल हुए थे,जिनको सही से स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। नगर निगम के अधिकारियों पर इन कर्मचारियों ने बेरुखी का आरोप लगाया है। इन सफाई कर्मियों का कहना है कि जब तक संबंधित सफाई कर्मचारियों को सही उपचार मुहैया नहीं होगा,तब तक नगर निगम दफ्तर के गेट पर धरने पर बैठे रहेंगे।

इसके अलावा पूर्व में एक सफाई कर्मी की मौत के मामले में 50 लाख मुआवजे की मांग भी ये कर्मचारी कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई थी,लेकिन अधिकारियों से आग्रह के बावजूद भी बीमार कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं हटाई गई। जिसके चलते कुछ कर्मचारी परेशान हुए। कर्मचारी ने आरोप लगाया कि शिद्दत से काम करने के बावजूद उनके बारे में कोई सुध नहीं ले रहा है।

भूख हड़ताल है सबसे बड़ा खतरा

सफाई कर्मचारियों ने नोटिस भी चस्पा कर दिया है कि वह भूख हड़ताल पर रहेंगे।जाहिर है कोरोना काल में यह भूख हड़ताल बड़ा खतरा पैदा कर सकती है। क्योंकि इम्यूनिटी बढ़ाने की सलाह हर कोई इस समय दे रहा है। लेकिन भूख हड़ताल से इम्यूनिटी कम होती है। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या अधिकारी इन सफाई कर्मचारियों और उनके नेताओं को समझा कर भूख हड़ताल से हटा पाते हैं, या नहीं। सवाल यह भी है कि जब नगर निगम के कर्मचारी इस तरह का आरोप लगा रहे हैं तो आम लोगों का हाल क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

Roshni Khan

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