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अस्पताल में रखा था रेमडेसिविर इंजेक्शन, मरीजों को कर रहे थे परेशान, पड़ गया पुलिस का छापा
गाजियाबाद के प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ये बात एक बार फिर से साबित हो गई है।
गाजियाबाद: गाजियाबाद (Ghaziabad) के प्राइवेट अस्पताल (Privet Hospital) कोरोना मरीजों (Corona patients) की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ये बात एक बार फिर से साबित हो गई है। गाजियाबाद के आलोकी अस्पताल (Aloki Hospital) में पुलिस ने अचानक छापा मारा। शिकायत मिली थी कि अस्पताल में जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध होने के बावजूद, मरीज के परिवार को इंजेक्शन बाहर से लाने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस अधिकारी जब स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तो शिकायत से मिली जानकारी सही पाई गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के रिकॉर्ड को लेकर अस्पताल में कई खामियां पाई गई है। अस्पताल पर कठोर कार्रवाई करने के लिए डिटेल में रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। अस्पताल के झूठ की वजह से जिस मरीज की जिंदगी खतरे में थी उसके परिवार को तुरंत जीवन रक्षक इंजेक्शन पुलिस ने उपलब्ध कराया।
कोरोना काल में एक तरफ स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मरीजों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने की जद्दोजहद में लगा है, तो वहीं आपदा को अवसर में तब्दील करने की कोशिश में लगे प्राइवेट अस्पतालों और काला बाजार पर पुलिस की पूरी नजर है। इसलिए लगातार पुलिस का एक्शन जारी है। जगह-जगह छापेमारी हो रही है। इस छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं। ऐसी छापेमारी से यह भी पता चल रहा है कि किस तरह से लालच की वजह से मरीजों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है।
अब तक कई अस्पतालों पर आरोप
इससे पहले भी गाजियाबाद पुलिस ने एक रात में दो अस्पतालों पर छापेमारी की थी जहां पर रेमडेसिविर और जीवन रक्षक दवाइयों का स्टॉक रिकॉर्ड सही नहीं पाया गया था। जिन के विषय में शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। मतलब साफ है की कोरोना काल में कैसे दवाइयों के स्टॉक में गड़बड़झाला करके मोटा मुनाफा कमाने की कोशिश हो रही है। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कठोर से कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करवाई जाएगी।