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Election Duty: चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को ऑनलाइन भुगतान पर रोक
Election Duty: विभाग द्वारा पहले तो अपने कर्मचारियों से यह कहा गया कि कहीं आपके खाते में कोई गलती तो नहीं है। लेकिन, आपत्ति दर्ज करने वाले कर्मचारियों का कहना था उनके खाता संख्या भी सही है।
Election Duty: गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का इस बार चुनाव आयोग द्वारा ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। जबकि लोकसभा चुनाव से पूर्व हुए सभी चुनावों में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को एक दिन पूर्व ही शाम को सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा मतदान स्थल पर भुगतान कर दिया जाता था, जिससे कर्मचारी उक्त राशि से दो दिन तक अपने अपने खाने, नाश्ता व देर रात्रि चुनाव समाप्ति के बाद अपने घर वापसी की यात्रा पर खर्च कर लेते थे। विशेषकर राजनीतिक दलों के ऊपर निर्भर न रहें।
मतदान प्रक्रिया में लगे लगे कर्मचारियों में रोष
इस बार चुनाव आयोग द्वारा मतदान संपन्न कराने वाले सभी कर्मचारियों का भुगतान ऑनलाइन कर उनके खाते में भेजने करने की व्यवस्था की गई है। बता दें कि इस संबंध में जनपद के सभी विभागों ने अपने कर्मचारियों से एक महीने पूर्व ही उनके बैंक खाता की डिटेल मंगा ली थी, ताकि चुनाव से एक दिन पूर्व उनके खाते में मानदेय राशि पहुंच सके। लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था में तकनीकी समस्या के कारण कुछ कर्मचारियों का पैसा तो उनके खाते में निर्धारित समय पर पहुंच पाया। यहां तक कि अधिकांश मतदान कर्मचारियों के खाते में उक्त धनराशि मतदान की समाप्ति तक भी नहीं पहुंच पाई। जिसको लेकर मतदान प्रक्रिया में लगे लगे कर्मचारियों में रोष है।
विभाग द्वारा पहले तो अपने कर्मचारियों से यह कहा गया कि कहीं आपके खाते में कोई गलती तो नहीं है। लेकिन, आपत्ति दर्ज करने वाले कर्मचारियों का कहना था उनके खाता संख्या भी सही है। उसके बाद भी उनके खातों में पैसा नहीं आया। चुनाव प्रचार प्रक्रिया के बीच इस तरह के व्हाट्सएप मैसेज को लेकर कुछ विभागों के अधिकारी तुरन्त हरकत में आ गये। बेसिक शिक्षा विभाग के कई दर्जन अध्यापकों ने अपने अधिकारियों को इस संबंध में सरकारी ग्रुप पर आपत्ति दर्ज कराई। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी रजापुर ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया।
खंड शिक्षा अधिकारी कविता चौहान ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि हो सकता है कि तकनीकी खामियां या ऑनलाइन व्यवस्था में किसी तरह की गड़बड़ी के चलते ऐसा हो गया हो। लेकिन, जिन कर्मचारियों ने मतदान प्रक्रिया में अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है उन सभी का भुगतान किया जाएगा। यह स्थिति मतदान प्रक्रिया में लगे अन्य विभागों के भी कुछ कर्मचारियों की भी रही। जिन्होंने अपने विभाग के आला अधिकारियों को लिखित शिकायत कर भुगतान की मांग की है। कुछ कर्मचारियों की शिकायत थी कि उनकी ड्यूटी प्रथम मतदान अधिकारी के रूप में लगी थी, लेकिन भुगतान द्वितीय अधिकारी का किया गया है।