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Ghaziabad News: जीडीए से बगैर मंजूरी लिए संचालित हो रहे हैं बैंक्वेट हॉल, सीएम को लिखा पत्र
Ghaziabad News: जीडीए के प्रवर्तन जोन 8 के अंतर्गत आने वाले एरिया में एक दर्जन से ज्यादा बैंक्विट हॉल संचालित किया जा रहे हैं। जीडीए के एक सूत्र की मानें तो किसी भी बैंक्विट हॉल संचालक के द्वारा जीडीए से नक्शा मंजूर नहीं कराया गया है।
Ghazibad News: गाजियाबाद में यदि आपके पास अपना कोई भूखंड है तो आप उसमें बैंक्विट हॉल संचालित कर सकते हैं। बैंक्विट हॉल संचालित करने के लिए जीडीए से अनुमति प्राप्त करने की जरूरत भी नहीं है। केवल जीडीए के प्रवर्तन विभाग के साथ सेटिंग होनी चाहिए। देखा जाए तो जीडीए की सीमा क्षेत्र के अंतर्गत प्राधिकरण से बगैर नक्शा स्वीकृत कराए बैंक्विट हॉल एवं फार्म हाउस बनाए जा रहे हैं। जीडीए के प्रवर्तन जोन 8 के अंतर्गत आने वाले एरिया में एक दर्जन से ज्यादा बैंक्विट हॉल संचालित किया जा रहे हैं। जीडीए के एक सूत्र की मानें तो किसी भी बैंक्विट हॉल संचालक के द्वारा जीडीए से नक्शा मंजूर नहीं कराया गया है।
सीएम से की शिकायत
परिवर्तन विभाग के अधिकारियों की मानें तो कायदे कानून के तहत किसी भी बैंकट हॉल को नियमित नहीं किया जा सकता है। सामाजिक संस्था के संचालक जाने आलम के द्वारा प्राधिकरण के प्रत्येक जोन के अंतर्गत संचालित बैंक्विट हॉल के मुद्दे को एक लेटर के माध्यम से मुख्यमंत्री के सामने उठाया गया है। संस्था के संस्थापक जाने आलम के द्वारा मुख्यमंत्री से बैंक्वेट हॉल की उच्च स्तरीय जांच करने का आग्रह किया गया है।
लेटर के माध्यम से क्षेत्र में संचालित बैंक्वेट हॉल की सूची भी भेजी गई है। लेटर के माध्यम से कहा गया है कि कायदे कानून के तहत तमाम बैंक्विट हॉल परिसर में ईटीपी तथा पार्किंग के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी होनी चाहिए लेकिन किसी भी बैंक्वेट हॉल संचालक के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त नहीं की गई है।
लेटर में सिकंदरपुर गांव स्थित शांति भवन, गोकुलधाम राम वाटिका, ब्रजभूमि ग्रीन वैली, राम फार्म हाउस, पसोंडा स्थित माहिरा पैलेस, रजवाड़ा फार्म हाउस से जुड़ी फाइलों की जांच करने का आग्रह किया गया है। जीडीए के सूत्र बताते हैं कि करीब 1 साल पहले जीडीए के परावर्तन जोन के द्वारा एरिया के तमाम बैंक्विट हॉल की पड़ताल की गई थी उसी दौरान उजागर हुआ था कि किसी भी बैंक्विट हॉल संचालक के द्वारा जीडीए से नक्शा मंजूर नहीं कराया गया है। उस वक्त बाकायदा सभी बैंक्वेट हॉल संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे। समय के साथ मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।