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Ghaziabad News: पुलिस को क्लीन चिट, पीड़ित पक्ष को मिलेगी आर्थिक मदद

Ghaziabad News: घटना के लगभग साढ़े तीन वर्ष बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने फैसला सुनाते हुए पीड़ित पक्ष को आर्थिक मदद देने का आदेश दिया है। जबकि पुलिस को इस पूरे मामले में क्लीन चिट दे दी है।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 20 Feb 2024 1:04 PM IST
Ghaziabad News
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प्रतीकात्मक इमेज  source: social media 

Ghaziabad News: पुलिस कस्टडी में परचून दुकानदार की मौत के प्रकरण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग केस में एनएचआरसी ने मानवाधिकारों का उल्लंघन होना पाया था। केस की जाँच के बाद एनएचआरसी की संस्तुति पर अब पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसी के साथ इस घटना में पुलिस को क्लीन चिट भी मिल चुकी है। जांच के दौरान पुलिस के दामन पर आंच न आने से विभाग ने राहत की सांस ली है। हालांकि घटना के समय पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे।

क्या था मामला

विजय नगर थाना के अंतर्गत मवई गांव में 40 वर्षीय शमशेर अपने परिवार के साथ रहते थे। पत्नी एवं 4 बच्चों का पालन पोषण करने के लिए वह एक परचून की दुकान चलाते थे। घटनाक्रम के मुताबिक विगत 23 सितम्बर 2020 की शाम करीब साढ़े 4 बजे वह घर पहुंचे थे। इस दौरान उनका किसी बात पर पत्नी से विवाद हो गया। आरोप है कि शमशेर ने पत्नी तमन्ना के साथ गाली गलौज एवं मारपीट की। पीड़िता ने पुलिस को फोन कर मदद की गुहार लगाई थी। उसके बाद पुलिस ने शमशेर को हिरासत में ले लिया था। थाना विजय नगर की हवालात में देर शाम शमशेर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। देर रात पौने 12 बजे के आसपास पीड़ित परिवार को घटना का पता चला। ऐसे में पुलिस के खिलाफ हंगामा कर परचून दुकानदार की हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया। वहीं पुलिस का कहना था कि शमशेर ने हवालात में फांसी लगाई थी। इसके लिए कमीज का फंदा बनाया गया था। सरकारी अस्पताल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

पुलिस को मिली क्लीन चिट

शमशेर की मौत के बाद परिजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इसकी जाकर इसकी शिकायत की। घटना के लगभग साढ़े तीन वर्ष बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने फैसला सुनाते हुए पीड़ित पक्ष को आर्थिक मदद देने का आदेश दिया है। जबकि पुलिस को इस पूरे मामले में क्लीन चिट दे दी है। एनएचआरसी से क्लीन चिट मिलने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने अब राहत की सांस ली है।



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Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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