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Ghaziabad News: साहिबाबाद स्टेशन पर खोला गया पहला ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन, एक घंटे में चार्ज होगा वाहन
Ghaziabad News: इस सुविधा का लुत्फ उठाने के लिए वाहन मालिकों को एक निर्धारित मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग करना होगा, जिसमें वाहनों की चार्जिंग के दौरान उपयोग होने वाली विद्युत की खपत की मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।
Ghaziabad News: सतत विकास की दिशा में एनसीआरटीसी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए साहिबाबाद स्टेशन पर पहले इलैक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन चालू किया गया। अब यात्री अपने ई वाहनों को साहिबाबाद स्टेशन पर लाकर आसानी से चार्ज कर सकेंगे। यह ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन के गेट नंबर एक पर स्थित बनाया गया है। इस ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन पर विभिन्न प्रकार के ई-वाहनों को चार्ज करने की सुविधा है। यात्रियों की सुविधा के लिए यहां वाहनों की चार्जिंग के लिए 3.3 किलोवाट की क्षमता वाली तीन धीमी चार्जिंग यूनिट और इसके साथ ही 30 किलोवाट की क्षमता वाली एक तेज़ चार्जिंग यूनिट लगाई गई है।
इस सुविधा का लुत्फ उठाने के लिए वाहन मालिकों को एक निर्धारित मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग करना होगा, जिसमें वाहनों की चार्जिंग के दौरान उपयोग होने वाली विद्युत की खपत की मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी। इसके साथ ही इस मोबाइल एप्लिकेशन में वाहन चार्जिंग में उपयोग हुई विद्युत की यूनिट के हिसाब से ऑनलाइन भुगतान करने की भी सुविधा होगी।एनसीआरटीसी का यह कदम लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के कई उपायों में से एक है।
एक घंटे में चार्ज हो जाएगा वाहन
इस स्टेशन पर यात्री अपने चौपहिया वाहनों को फास्ट चार्जिंग यूनिट पर महज एक घंटे में फुल चार्ज कर सकेंगे। वहीं धीमी चार्जिंग यूनिट पर चौपहिया वाहनों के चार्ज होने में लगभग 3 घंटे और दुपहिया वाहनों को लगभग डेढ़ घंटे का समय लगेगा। यात्री नमो भारत ट्रेनों में यात्रा करने के दौरान अपने वाहनों को चार्जिंग पर लगा सकते हैं और वापसी पर अपने वाहन को फुल चार्ज के साथ घर ले जा सकेंगे।
इन स्टेशनों पर भी की जाएगी व्यवस्था
भविष्य में ईवी चार्जिंग सुविधाओं को आरआरटीएस के अन्य स्टेशनों गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुराद नगर, मोदी नगर साउथ और मोदी नॉर्थ तक भी बढ़ाया जाएगा। इस विस्तार से न केवल आरआरटीएस यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय निवासी भी इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
एनसीआरटीसी लंबे समय से सतत विकास प्रयासों में अग्रणी रहा है, जो भारत की पहली रीजनल रेल परियोजना की शुरुआत के बाद से ही अपने इकोलॉजिकल फुटप्रिंट्स को कम करने का प्रयास कर रहा है। पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति दृढ़ समर्पण के साथ, एनसीआरटीसी का लक्ष्य पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 70% सौर ऊर्जा के माध्यम से प्राप्त करना है। इसे प्राप्त करने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा सभी ऊंचे स्टेशनों और डिपो पर सोलर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के प्रति एनसीआरटीसी के सक्रिय दृष्टिकोण का उदाहरण है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय सौर मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और स्वच्छ और सतत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा मार्च 2021 में एक सौर नीति अपनाई गई। इस नीति के तहत एनसीआरटीसी अपने लक्ष्य की पूर्ति के हेतु अगले पांच वर्षों में गैर-कर्षण उद्देश्यों के लिए स्टेशनों, डिपो और अन्य इमारतों की छत पर सोलर प्लांट स्थापित करके लगभग 11 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करेगी।