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Ghaziabad Bypoll: अपने गढ़ में ताकत दिखाने को BJP बेताब,सपा को दलित-मुस्लिम समीकरण पर भरोसा

Ghaziabad Bypoll: भाजपा अपने गढ़ गाजियाबाद में मजबूत स्थिति में दिख रही है और विपक्षियों को अपनी ताकत दिखाने के लिए बेताब है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 12 Nov 2024 9:11 AM IST
Ghaziabad Bypoll
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BJP Ghaziabad Bypoll  (PHOTO: SOICAL MEDIA )

Ghaziabad Bypoll: प्रदेश में नौ सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव के तहत 20 नवंबर को गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में भी वोटिंग होने वाली है। इस विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है और पार्टी पिछले चुनावों में भी यहां अपनी ताकत दिखती रही है। इस बार भी भाजपा अपने गढ़ गाजियाबाद में मजबूत स्थिति में दिख रही है और विपक्षियों को अपनी ताकत दिखाने के लिए बेताब है।

गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में दलित मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने के कारण सपा ने दलित कार्ड खेला है। पार्टी की ओर से जाटव उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतारा गया है जबकि बसपा ने वैश्य प्रत्याशी पर भरोसा जताया है। वैसे एआईएमआईएम ने भी दलित प्रत्याशी उतार कर सपा की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है। चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

गाजियाबाद रहा है भाजपा का गढ़

गाजियाबाद में सांसद से लेकर मेयर, पांचों विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों के पदों पर भाजपा का ही कब्जा है। इससे समझा जा सकता है कि गाजियाबाद में भाजपा की पकड़ कितनी मजबूत है। उपचुनाव के दौरान भाजपा ने इस सीट पर संगठन के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को चुनावी अखाड़े में उतारा है। संजीव शर्मा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने दलित कार्ड खेलते हुए सिंह राज जाटव को टिकट दिया है जो पुराने बसपाई रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने वैश्य प्रत्याशी के रूप में पीएन गर्ग को टिकट दिया है जबकि एआईएमआईएम की ओर से भी दलित प्रत्याशी उतारा गया है।

आजाद समाज पार्टी की ओर से सतपाल चौधरी को टिकट दिया गया है। सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं मगर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही माना जा रहा है।

दो दलित प्रत्याशियों से भाजपा को फायदा

संजीव शर्मा ब्राह्मण बिरादरी से जुड़े हुए हैं और संगठन में रहते हुए उन्होंने भाजपा के कई प्रत्याशियों को जीत दिलाई है। संगठन और गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। संगठन के अध्यक्ष होने के कारण उन्हें सांसद और सभी विधायकों की ओर से भी पूरी मदद मिल रही है। भाजपा की ओर से इस चुनाव क्षेत्र में योगी और मोदी के फेस पर चुनाव लड़ा जा रहा है।

इस सीट पर दो दलित प्रत्याशियों के चुनाव लड़ जाने के कारण भाजपा को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि सामान्य मतदाताओं के अलावा पार्टी दलित और ओबीसी मतदाताओं का समर्थन पाने में भी कामयाब होगी।

सपा को दलित-मुस्लिम समीकरण पर भरोसा

वैसे भाजपा का गढ़ होने के बावजूद सपा की ओर से भी पूरी ताकत लगाई गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि पार्टी के प्रत्याशी सिंह राज जाटव को दलितों के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन भी हासिल होगा। दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सामान्य से भी ज्यादा है और अगर इस समीकरण ने असर दिखाया तो सपा प्रत्याशी भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को दलित और मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिला था और इसी कारण पार्टी दूसरे नंबर पर रहने में कामयाब हुई थी। हालांकि सामान्य मतदाताओं में पार्टी सेंधमारी नहीं कर सकी थी।

यदि इस बार बसपा प्रत्याशी भाजपा के जनरल वोट काटने में कामयाब रहा तो सपा फायदे की स्थिति में रहेगी। दूसरी ओर यदि बसपा प्रत्याशी दलित और मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब रहा तो भाजपा की स्थिति मजबूत हो जाएगी और पार्टी की जीत का मार्जिन बढ़ जाएगा।

गाजियाबाद का जातीय समीकरण

यदि गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 32 फ़ीसदी मतदाता जनरल है। दलित मतदाताओं की संख्या करीब 25 फ़ीसदी है जबकि पिछड़े वर्ग के 18 फ़ीसदी मतदाता भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी 17 फ़ीसदी है जबकि अन्य बिरादरी के करीब दो फ़ीसदी वोट है।

भाजपा, सपा और बसपा तीनों दलों की ओर से जातीय समीकरण साधने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इलाके के जानकार लोगों का कहना है कि अभी तक की स्थिति में भाजपा भारी पड़ती हुई दिख रही है।

पार्टी नेताओं की ओर से सामान्य मतदाताओं के अलावा दलित और ओबीसी मतदाताओं में भी पैठ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान गाजियाबाद में भाजपा अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही थी और पार्टी जीत की इस लय को आगे भी बरकरार रखना चाहती है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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