TRENDING TAGS :
Ghaziabad: MMG अस्पताल के कूड़े में मिली ग्लूकोज की बोतल, जांच के आदेश
Ghaziabad News: जिला एमएमजी अस्पताल में एक बार फिर से बायोमेडिकल वेस्ट के बेहतर निष्पादन को लेकर लापरवाही नजर आई है। यहां खुले में ग्लूकोज की बोतलें पड़ी मिली हैं।
Ghaziabad News: जिला एमएमजी अस्पताल में एक बार फिर से बायोमेडिकल वेस्ट के बेहतर निष्पादन को लेकर लापरवाही नजर आई है। जहां सामान्य कूड़े में खुले में ग्लूकोज की बोतलें पड़ी मिली। ग्लूकोज की बोतल आधी कूड़े से बाहर थी, जबकि आधी अंदर थी। ऐसे में खुले में बायोमेडिकल वेस्ट के होने से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
खुले में नहीं फेंक सकते बायोमेडिकल वेस्ट
जिला एमएमजी अस्पताल में प्रतिदिन 1100 से 1200 की ओपीडी होती है। इसमें से करीब 200 मरीजों को ब्लड टेस्ट के लिए पैथोलॉजी लैब में भेजा जाता है। पैथोलॉजी लैब के निकट ही खुले में खड़ी कूड़ा ट्राली में सामान्य कूड़ा पड़ा था, इसमें सूखे पत्ते, पॉलीथिन समेत अन्य कूड़ा पड़ा हुआ था, इसी कूड़े में ग्लूकोज की बोतल भी पड़ी हुई थी। बोतल कूड़े से आधी बाहर थी, बोतल में ड्रिप सिस्टम भी लगी हुई थी। इससे प्रतीत हो रहा था, किसी मरीज को ग्लूकोज चढ़ाने के बाद बोतल कूड़े में फेंक दी गई हो । जबकि, नियमों के मुताबिक, अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में नहीं फेंक सकते हैं। इससे संक्रमण के साथ प्रदूषण फैलता है। साथ ही, लोगों के बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड बैंक प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
इलाज के दौरान इस्तेमाल सीरिंज, ग्लब्स, पट्टियां, ग्लूकोज की खाली बोतलें अन्य को अलग कूड़ेदान में डाला जाता है। पूर्व में भी जिला एमएमजी अस्पताल और ब्लड बैंक प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आ चुकी है। अस्पताल परिसर में ब्लड से भरे बैग सडक़ पर पड़े हुए नजर आए। जिन्हें कुत्तों द्वारा खींचकर ले जाया गया था। वहीं, अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि बायोमेडिकल वेस्ट के लिए अलग से तीन कमरें बनाए गए है। जहां बायोमेडिकल वेस्ट रखा जाता है। इसे जिस कंपनी से अनुबंध किया गया है वह उठाकर ले जाती है। ग्लूकोज की बोतल भी कूड़े में नहीं डाली जानी चाहिए। मामले की जांच कराई जाएगी।